NH-44 बना किलर हाईवे, हरियाणा सेक्शन सबसे खतरनाक, हर KM पर 3 मौतें; देखें पूरी लिस्ट

भारत में तेजी से बढ़ते रोड नेटवर्क के बीच, सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े भी बढ़े हैं. 2023 में नेशनल हाईवे पर 2300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जिसमें सबसे खतरनाक साबित हुआ NH-44. खासकर हरियाणा-दिल्ली स्ट्रेच पर प्रति किलोमीटर औसतन 2-3 मौतें हुईं.

2023 में नेशनल हाईवे पर ही एक्सीडेंट में 2300 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है. Image Credit: FREE PIK

NH-44: भारत में सड़कों का नेटवर्क तेजी से बढ़ा है. सड़कों के मामले में अमेरिका के बाद भारत पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर है. बढ़ते नेटवर्क से लोगों को सहूलियत हो रही है और वे एक जगह से दूसरी जगह पहले से तेजी से यात्रा कर रहे हैं. हालांकि, तेजी से यात्रा करने के चलते देश में रोड एक्सीडेंट के आंकड़ों में भी बढ़ोतरी देखी गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ 2023 में नेशनल हाईवे पर ही एक्सीडेंट में 2300 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इसमें भी यात्रियों के लिए NH44 सबसे ज्यादा जानलेवा साबित हुआ है.

NH- 44 सबसे खतरनाक

एनएचएआई के मुताबिक देश का सबसे लंबा हाईवे NH44 जो कि उत्तर में श्रीनगर से लेकर दक्षिण भारत में कन्याकुमारी तक फैला है, वहां पर सिर्फ 2023 में 763 लोगों ने दुर्घटना में अपनी जान गंवाई है. इसमें भी हाईवे का हरियाणा-दिल्ली स्ट्रेच सबसे जानलेवा साबित हुआ है, जहां पर 266 किलोमीटर के हिस्से में 715 मौतें हुई हैं. यानी प्रति किलोमीटर 3 लोगों की मौत हुई है. इसमें भी सिर्फ दिल्ली वाले स्ट्रेच पर 30 किलोमीटर में 63 मौतें हुई हैं यानी औसतन हर किलोमीटर पर लगभग 2 मौतें हुई हैं.

2023 में सड़क हादसों में मारे गए लोगों की संख्या

क्रमांकहाईवे का नामराज्यलंबाई (किमी)मृतकों की संख्या (2023)
1एनएच-48गुजरात522763
2एनएच-44हरियाणा266715
3एनएच-65आंध्र प्रदेश154213
4एनएच-44कर्नाटक152210
5एनएच-48हरियाणा85159
6एनएच-334सीउत्तर प्रदेश45.571
7एनएच-44दिल्ली3063
8एनएच-132तमिलनाडु37.563
9एनएच-44राजस्थान24.543
10एनएच-332पुडुचेरी16.421

NHAI ने पहचाना हॉटस्पॉट

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, लगातार हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए एनएचएआई ने सेव लाइफ फाउंडेशन नाम की एक संस्था के साथ एक एमओयू साइन किया है, जिसने देश की 100 खतरनाक हाईवे स्ट्रेचों की पहचान की है और इनमें सुधार का प्रयास किया जा रहा है. जांच में पता चला है कि NH44 पर जहां सबसे ज्यादा एक्सीडेंट हुए हैं, उनमें मुकर्बा चौक से संघू बॉर्डर और आश्रम से बदरपुर बॉर्डर की सड़कें शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- दुनिया देखेगी तेजस Mk-1A+ राफेल की अभेद्य जोड़ी, अब नासिक से भी सप्लाई; पाक-चीन की बढ़ेगी टेंशन

क्या कर रही है सरकार

सरकार ने सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होने वाले 100 जिलों की पहचान की है. इन जिलों में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए डाटा ड्रिवेन हाइपरलोकल इंटरवेंशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है, जिससे लोगों को जागरूक करने के अलावा अन्य उपायों पर जोर दिया जा रहा है. ये जिले 18 राज्यों में फैले हैं जिनमें महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 19 जिले, उत्तर प्रदेश में 18 जिले और कर्नाटक के 11 जिले शामिल हैं.