क्रेडिट स्कोर Vs क्रेडिट रिपोर्ट: जानें दोनों में क्या है अंतर और क्यों है जरूरी?
Credit Score और क्रेडिट रिपोर्ट दो अलग-अलग चीजें हैं, दोनों का काम भी अलग है. क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट दोनों का उपयोग लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने में किया जाता है और अच्छी क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट होने से आपको लोन आसानी से और कम ब्याज दर पर मिल सकता है. क्या है दोनों में अंतर, यहां जानें...
Difference in Credit Score and Credit Report: आप जब भी अपनी क्रेडिट क्षमता को चेक करना चाहते हैं तो क्रेडिट स्कोर देखते हैं या क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते हैं. अगर आप इन दोनों क्रेडिट के बीच अटक गए हैं तो कंफ्यूज मत होना क्योंकि दोनों अलग-अलग चीज है. भले ही ये लगते एक जैसे हैं लेकिन असल में ये अलग हैं और इनका काम और इस्तेमाल भी अलग होता है. चलिए समझते हैं.
क्रेडिट स्कोर क्या है?
क्रेडिट स्कोर वो नंबर होता है, जो ये बताता है कि कोई व्यक्ति या बिजनेस लोन चुकाने में कितना भरोसेमंद है. ये स्कोर 300 से 900 के बीच होता है. जितना ज्यादा स्कोर, उतना अच्छा होता है. ये स्कोर क्रेडिट ब्यूरो बनाते हैं जैसे CIBIL, Experian, आदी. स्कोर बनाने के लिए ये ब्यूरो बैंकों और फाइनेंशियल संस्थाओं से डेटा लेते हैं, जैसे आपने कितने लोन लिए हैं, समय पर पेमेंट किया या नहीं. आपकी पहचान से जुड़ी जानकारियां.
क्या है इसका इस्तेमाल: जब भी आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, बैंक या फाइनेंशियल संस्थान इस स्कोर को देखकर तय करते हैं कि आपको लोन देना है या नहीं. ज्यादा स्कोर का मतलब है कि आप लोन चुकाने में ज्यादा भरोसेमंद हैं.
क्रेडिट रिपोर्ट क्या है?
क्रेडिट रिपोर्ट क्रेडिट स्कोर से अलग होती है. ये एक डॉक्यूमेंट होता है जिसमें आपकी लोन और क्रेडिट की पूरी हिस्ट्री होती है.
इसमें लिखा होता है कि, आपने कब, कौन सा लोन ले रखा है, कितना लोन लिया है, कितने समय के लिए लिया है, कोई पेमेंट डिफॉल्ट किया या देरी की या नहीं, कितनी बार आपने लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया है, क्रेडिट स्कोर कितना है. ऐसी सारी जानकारी होती है.
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क्रेडिट रिपोर्ट दो तरह की होती है
- पर्सनल क्रेडिट रिपोर्ट (PCR) जो किसी व्यक्ति की रिपोर्ट होती है, इसमें उसकी क्रेडिट कार्ड, लोन, हाउस लोन वगैरह की जानकारी होती है.
- कंपनी क्रेडिट रिपोर्ट (CCR) जो किसी कंपनी या बिजनेस की रिपोर्ट होती है. इसमें कंपनी के डायरेक्टर्स, लोन रिकॉर्ड्स और अन्य फाइनेंशियल जानकारी होती है.
कुल मिलाकर अगर आपका क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट दोनों ही अच्छी है तो आपको लोन आसान शर्तों पर और कम ब्याज दर पर मिल सकता है.