डेट फंड बनाम FD, घट रही हैं ब्याज दरें, जानें कहां निवेश करना है बेहतर
बैंकों ने FD की ब्याज दरें कम कर दी हैं. HDFC बैंक ने अपनी FD दरों को पहले 7.35% से घटाकर 7% और अब 6.85% कर दिया है. ऐसे में कई लोग सोच रहे हैं कि क्या अब डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहतर है. बैंकों द्वारा ब्याज दरों में गिरावट के बाद आपको किसे चुनना चाहिए?
Debt Fund vs Fixed Deposit: हाल ही में बैंकों ने FD की ब्याज दरें कम कर दी हैं. HDFC बैंक ने अपनी FD दरों को पहले 7.35% से घटाकर 7% और अब 6.85% कर दिया है. ऐसे में कई लोग सोच रहे हैं कि क्या अब डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहतर है. बैंकों द्वारा ब्याज दरों में गिरावट के बाद आपको किसे चुनना चाहिए? आइए विस्तार से जानते है कि डेट फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट में कौन है बेहतर?
डेट फंड और FD में क्या है अंतर?
FD एक सुरक्षित निवेश है. इसमें आपको निश्चित ब्याज मिलता है. दूसरी ओर डेट फंड में थोड़ा जोखिम होता है क्योंकि ये ब्याज दरों के बदलाव पर निर्भर करते हैं. लेकिन, डेट फंड में टैक्स बचत और बेहतर रिटर्न की संभावना हो सकती है. इटी के मुताबिक डेट फंड अब FD की तुलना में बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. खासकर अगर आप कम जोखिम चाहते हैं. अगर आप 1-3 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं तो शॉर्ट ड्यूरेशन फंड अच्छे हैं. 3-5 साल के लिए मीडियम ड्यूरेशन फंड और अगर आप प्रोफेशनल मैनेजर पर भरोसा करना चाहते हैं तो डायनामिक बॉन्ड फंड चुन सकते हैं. अगर आप बिल्कुल सुरक्षित निवेश चाहते हैं तो गिल्ट फंड एक अच्छा विकल्प है. यह ब्याज दरें कम होने पर और मुनाफा दे सकता है.
पिछले दो साल का प्रदर्शन
पिछले दो साल में 250 से ज्यादा डेट फंड्स ने FD से ज्यादा रिटर्न दिए हैं. यानी, डेट फंड्स ने कई मामलों में FD को पीछे छोड़ दिया. अपने निवेश की अवधि के हिसाब से फंड चुनें. अलग-अलग समय के लिए निवेश करने की रणनीति (लैडरिंग) अपनाएं. ताकि ब्याज दरों के बदलाव का असर कम हो. सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू करके आप बाजार के उतार-चढ़ाव से बच सकते हैं. हमेशा अच्छी क्रेडिट क्वालिटी वाले फंड चुनें और कम रेटिंग वाले फंड्स से बचें.
RBI और ब्याज दरों का प्रभाव
अगले महीने RBI की मीटिंग है. अगर ब्याज दरें और कम होती हैं तो लंबी अवधि के डेट फंड्स में ज्यादा मुनाफा हो सकता है. लेकिन, निवेश से पहले एग्जिट लोड और टैक्स नियमों को समझ लें. FD में टैक्स छूट केवल टैक्स-सेविंग FD पर मिलती है. वहीं डेट फंड में ऐसी छूट नहीं है. लेकिन, ज्यादा टैक्स ब्रैकेट वाले निवेशकों के लिए डेट फंड टैक्स बचाने में मदद कर सकते हैं.