क्या वाकई बंद हो जाएंगे पेंशनर्स को मिलने वाले महंगाई भत्ते और वेतन आयोग के फायदे, जानें क्या है सच्चाई

सोशल मीडिया पर पिछले कुछ समय से एक दावा किया जा रहा है जिसके मुताबिक, केंद्र सरकार ने रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और भविष्य के वेतन आयोग के लाभ बंद कर दिए हैं. दरअसल, सरकार ने केवल पेंशन नियम 37(29)(c) में संशोधन किया है. इस दावे की सच्चाई को विस्तार में समझते हैं.

क्या है सच्चाई? Image Credit: @Money9live

No DA Hike and Pay Commission Claim: हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि केंद्र सरकार ने रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले कुछ प्रमुख फायदों को खत्म कर दिया है. खासतौर पर कहा गया कि अब रिटायर सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (DA) नहीं मिलेगा और वेतन आयोग (Pay Commission) से जुड़े भविष्य के लाभ जैसे कि 8वें वेतन आयोग का फायदा भी नहीं दिया जाएगा. इन खबरों में कहा गया कि यह बदलाव वित्त अधिनियम 2025 (Finance Act 2025) के तहत किए गए हैं. इससे पेंशनर्स में भ्रम और चिंता का माहौल बन गया. इतनी तेजी से फैल रहे इस खबर की सच्चाई क्या है, आइए बताते हैं.

क्या है असली बदलाव?

दरअसल, सरकार ने CCS (Pension) Rules, 2021 के Rule 37(29)(c) में एक संशोधन किया है. यह नियम उन कर्मचारियों से जुड़ा है जो पहले किसी सरकारी विभाग में थे और बाद में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी (PSU) में समायोजित हो गए. संशोधन के मुताबिक, अगर ऐसा कोई कर्मचारी, जिसे PSU में समायोजित किया गया हो, अनुशासनहीनता या किसी गंभीर गलत काम के कारण नौकरी से निकाला जाता है, तो उसकी पूरी पेंशन और दूसरे रिटायरमेंट लाभ जब्त किए जा सकते हैं. यहां तक कि सरकारी सेवा के दौरान की पेंशन पर भी सवाल खड़ा हो सकता है.

पहले और अब के नियमों में अंतर

क्या सभी पेंशनर्स पर असर पड़ेगा?

ऐसा बिल्कुल नहीं है. यह बदलाव केवल उन कर्मचारियों पर लागू होगा जो सरकारी सेवा से PSU में ट्रांसफर होकर गए थे और वहां अनुशासनहीनता के कारण निकाले गए हों. यह नियम सभी रिटायर सरकारी कर्मचारियों पर लागू नहीं होता. हालांकि इसे अभी लागू नहीं किया गया है, यह निर्णय संबंधित मंत्रालय की समीक्षा और इजाजत के बाद ही लागू किया जाएगा.

DA और Pay Commission से जुड़े दावे झूठे क्यों हैं?

वित्त अधिनियम 2025 के पारित होने के बाद, कर्मचारी संगठनों ने कुछ प्रावधानों पर सवाल उठाए थे जिससे भ्रम फैल गया. इस पर संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि यह प्रावधान नया नहीं है, बल्कि 1 जून 1972 से लागू पुराने नियमों की पुष्टि करता है. वहीं, Department of Pension & Pensioners’ Welfare (DoP&PW) ने भी साफ किया कि 7वें वेतन आयोग द्वारा दी गई पेंशन की समानता (pension parity) की व्यवस्था वैसे ही लागू रहेगी और उसे हटाया नहीं गया है.

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