TDS के लिए सिर्फ फॉर्म 16 के भरोसे मत रहिए, हो सकता है नुकसान, ITR भरते समय रखें इनका ध्यान

Form 16 के आधार पर ITR भरने से पहले सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को Form 26AS से उसका मिलान करना चाहिए. Form 16 में गलत PAN, TDS में गड़बड़ी, या छूट की जानकारी छूट सकती है. ऐसे में HR या पेरोल विभाग से संपर्क कर सही फॉर्म मंगवाना जरूरी है.

Form 16 के आधार पर ITR भरने से पहले सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को Form 26AS से उसका मिलान करना चाहिए. Image Credit: FreePik

TDS mismatch Form 16: इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख नजदीक आ रही है. इसे देखते हुए सैलरी पाने वाले कर्मचारी बेसब्री से फॉर्म 16 का इंतजार कर रहे हैं, जो सैलरी, टैक्स डिडक्शन और छूटों की जानकारी देता है. हालांकि, कई बार इसमें दी गई जानकारी खासकर TDS से जुड़ी डिटेली अधूरी हो सकती है. इसलिए केवल फॉर्म 16 पर निर्भर रहना जोखिम भरा हो सकता है. टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले फॉर्म 26AS से इसका मिलान करना बेहद जरूरी है.

मिलान क्यों है जरूरी

Form 16 दो हिस्सों में आता है, Part A और Part B. Part A में नियोक्ता की टैक्स जानकारी और TDS की डिटेल होती है जबकि Part B में सैलरी का ब्रेकअप, छूट और कर-कटौती की जानकारी होती है. कई बार इसमें गलत PAN नंबर या छूट जाती है. इसे पकड़ने का सही तरीका है Form 26AS से मिलान करना, जिसमें सभी टैक्स क्रेडिट्स और अतिरिक्त इनकम का ब्यौरा होता है.

गलती मिले तो तुरंत करें सुधार

अगर Form 16 के किसी भी हिस्से में गलती मिले, तो घबराएं नहीं.HR या पेरोल विभाग से संपर्क करें.Part A में अगर गलती है तो नियोक्ता को TRACES पोर्टल पर संशोधित TDS रिटर्न भरना होगा.वहीं Part B की गलती में संशोधित Form 16 मांगा जा सकता है.इससे आप ITR सही भर पाएंगे और टैक्स नोटिस से बच सकेंगे.

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Form 16 पूरी तरह सही नहीं होता

कई बार नियोक्ता गलत टैक्स स्लैब लगा देता है या पिछली नौकरी की इनकम जोड़ना भूल जाता है.ऐसे में आपको खुद ध्यान देना होगा कि सभी डिडक्शन्स और इनकम सही तरीके से शामिल की गई हैं या नहीं. अगर किसी डिडक्शन का प्रूफ नहीं दिया गया हो, तब भी ITR भरते वक्त उसे क्लेम किया जा सकता है, बस डॉक्युमेंट्स सुरक्षित रखें.

फॉर्म 26AS क्या है

फॉर्म 26AS एक टैक्स स्टेटमेंट होता है जो आयकर विभाग द्वारा आपकी पैन संख्या से जुड़ा होता है. इसमें उस वित्तीय वर्ष के दौरान आपकी आय पर काटे गए टैक्स (TDS), सेल्फ असेसमेंट टैक्स, एडवांस टैक्स, रिफंड और उच्च-मूल्य की लेनदेन जैसी सभी जानकारियां होती हैं. यह फॉर्म आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि आपके ऊपर जितना टैक्स कटा है, उतना ही सरकार को जमा भी हुआ है. इसे आयकर विभाग की वेबसाइट या नेट बैंकिंग के जरिए डाउनलोड किया जा सकता है. फॉर्म 16 और 26AS में मिलान करना जरूरी है क्योंकि किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में आयकर विभाग से नोटिस आ सकता है.

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