CBI ने Supertech के खिलाफ दर्ज की FIR, IDBI बैंक से 126 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप; 5 ठिकानों पर रेड
CBI ने रियल एस्टेट कंपनी Supertech और इसके प्रमोटर आर.के. अरोड़ा समेत निदेशकों के खिलाफ IDBI बैंक को 126.07 करोड़ रुपये का चूना लगाने का मामला दर्ज किया है. जांच एजेंसी ने नोएडा और गाजियाबाद में छापे मारे और करीब 28.5 लाख रुपये नकद बरामद की.
CBI Supertech FIR IDBI: सेंटर ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने नोएडा स्थित रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक (Supertech Ltd) और इसके प्रमोटर R.K. Arora समेत अन्य के खिलाफ IDBI बैंक से 126.07 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का केस दर्ज किया है. CBI ने FIR में सुपरटेक के फुलटाइम डायरेक्टर संगीता अरोड़ा, मोहित अरोड़ा, पारुल अरोड़ा, विकास कंसल, प्रदीप कुमार, अनिल कुमार शर्मा और अनिल कुमार जैन के नाम भी शामिल किए हैं.
CBI की छापेमारी, नकद बरामद
शनिवार को CBI ने नोएडा और गाजियाबाद में आरोपियों से जुड़ी पांच लोकेशनों पर एक साथ छापेमारी की. इस दौरान जांच एजेंसी ने करीब 28.5 लाख रुपये की नकदी जब्त की. यह मामला IDBI बैंक की शिकायत के बाद दर्ज किया गया. बैंक ने आरोप लगाया कि सुपरटेक और उसके डायरेक्टर्स ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक से लोन लिया और पैसों का गलत इस्तेमाल किया. बैंक के मुताबिक, इन आरोपियों ने लोन की रकम को धोखाधड़ी से अपने काम में लगाया और अंत में अकाउंट को विलफुल डिफॉल्ट यानी जानबूझकर लोन न चुकाने वाला घोषित कर दिया गया. इससे बैंक को 126.07 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
सुप्रीम कोर्ट पहले ही दे चुका है जांच का आदेश
इससे पहले अप्रैल 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक की NCR में चल रही परियोजनाओं में गड़बड़ियों को लेकर CBI जांच का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि बिल्डर्स और बैंकों के बीच “गैरकानूनी सांठगांठ” ने हजारों खरीदारों को नुकसान पहुंचाया है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने यूपी और हरियाणा के डीजीपी से कहा कि वे कुछ DSP, इंस्पेक्टर और कांस्टेबल CBI को दें ताकि एक विशेष जांच टीम (SIT) बनाई जा सके. साथ ही, नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, शहरी विकास मंत्रालय, ICAI और RBI को भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने सीनियर अधिकारियों में से एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करें, जो SIT को जांच में मदद करें.
क्या है पूरा मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी बताया था कि होम लोन की सबवेंशन स्कीम के तहत बैंक बिल्डर को 60-70 फीसदी रकम दे देते थे, जबकि प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं होते थे. इससे हजारों घर खरीदारों को नुकसान हुआ. अब CBI इस पूरे “बिल्डर-बैंक गठजोड़” की गहराई से जांच कर रही है ताकि पीड़ितों को इंसाफ मिल सके और दोषियों पर कार्रवाई हो सके.
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