हैसियत नहीं पर घर खरीदारों का हौसला बुलंद, जानें देश के किन शहरों में घर खरीदना सबसे आसान और मुश्किल

मैजिक ब्रिक्स की रिपोर्ट कहती है कि देशभर में लोगों की घर खरीदने की हैसियत घटती जा रही है. इसके बाद भी लोग घर खरीद रहे हैं. घर खरीदने को लेकर लोगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि महीने की कमाई में से 60 फीसदी से भी ज्यादा खर्च ईएमआई पर करने को तैयार हैं.

घरों की कीमत में उछाल Image Credit: Cemile Bingol/DigitalVision Vectors/Getty Images

अपने घर का सपना हर कोई पूरा करना चाहता है. इस सपने को पूरा करने के लिए लोग अब कर्ज के बोझ को बोझ नहीं समझ रहे हैं. आलम यह है महीने भर की सैलरी में से आधी से ज्यादा रकम घर की ईएमआई चुकाने के लिए खर्च कर रहे हैं. यह चौंकाने वाला सच मैजिक ब्रिक्स की हाउसिंग अफॉर्डेबिलिटी रिपोर्ट में सामने आया है. इसके साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि देश किन शहरों में घर खरीदना सबसे आसान और किफायती है और कहां घर ज्यादातर लोगों की हैसियत से बाहर हो चुके हैं. इसके अलावा रिपोर्ट में घर के मूल्य से आय और ईएमआई से आय अनुपात का विश्लेषण भी किया गया है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते 4 वर्ष में घरों की औसत कीमत 46% फीसदी तक बढ़ गई है, जबकि आय इस अनुपात में नहीं बढ़ी है. खासतौर पर हैदराबाद और नोएडा में घरों की कीमत में इस दौरान क्रमशः 78.6% और 69% का जबरदस्त उछाल आया है. दूसरी तरफ चेन्नई, अहमदाबाद और कोलकाता देश के बड़े शहरों में घर खरीदने के लिहाज से किफायती हैं. इन तीनों शहरों में शहरों में संपत्ति की कीमतें स्थानीय लोगों की आय के मुताबिक हैं, जिससे यहां रहने वालों के लिए घर खरीदना असाना है. इससे यह भी पता चलता है कि इन शहरों में रियल एस्टेट बाजार का रुख संतुलित हो चुका है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के 10 शीर्ष शहरों में 2020 से 2024 के दौरान औसत रूप से घरेलू आय में 5.4% की साल दर साल आधार पर बढ़ोतरी हुई है. जबकि, इस दौरान इन शहरों में आवासीय संपत्ति की कीमतों में साल दर साल आधार पर 9.3% का उछाल आया है. यानी हर साल लोगों की आय की तुलना में घरों की कीमत में 3.9 फीसदी ज्यादा बढ़ोतरी हुई. इस वजह से घरों की कीमत लोगों की हैसियत से बाहर होती जा रही है. घरों के मूल्य से आय के अनुपात का जो सामर्थ्य संकेतक है, 2020 में 6.6 था, जो अब 2024 में बढ़कर में 7.5 हो गया है. इससे पता चलता है कि लोगों की घर खरीदने की वित्तीय सामर्थ्य घट रही है.

मुंबई-दिल्ली में आय और कीमतों में आया सबसे ज्यादा अंतर

रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई महानगर क्षेत्र और दिल्ली-एनसीआर में घरों के मूल्य से आय का अनुपात क्रमश: क्रमशः 14.3 और 10.1 है. इससे पता चलता है कि इन शहरों में घर खरीदना यहां रहने वाले ज्यादातर लोगों की सामर्थ्य से बाहर हो चुका है. एनसीआर में गुरुग्राम में यह अनुपात 7.5 है, जिससे यह भी घर खरीदने के लिहाज से मुश्किल शहरों में आता है.

ईएमआई का बढ़ता बोझ

रिपोर्ट में बढ़ती ईएमआई से मासिक आय के अनुपात के आधार पर एक और सामर्थ्य संकेतक के बारे में बताया गया है. इसके मुताबिक 2020 में यह संकेतक बतात था कि लोग अपनी मासिक आय का करीब 46% ईएमआई पर खर्च कर रहे हैं. अब यह बढ़कर 61% हो गया है. साफ तौर पर यह घर खरीदारों पर ईएमआई के बढ़ते बोझ को दर्शाता है. पूरे देश की तुलना में यह अनुपात सबसे ज्यादा 116% मुंबई में है. इसके बाद दिल्ली में 82% है. गुरुग्राम व हैदराबाद में यह 61% है. वहीं, अहमदाबाद, चेन्नई और कोलकाता जैसे शहरों में यह 50% से कम है.

पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें

https://property.magicbricks.com/microsite/research-insights/src/pdf/HOUSING_AFFORDABILITY.pdf