अडानी सोलर छोड़िए… ये 3 ग्रीन एनर्जी स्टॉक्स गेम-चेंजर! सोलर-बैटरी सेक्टर में नया रोडमैप, सरकारी स्कीम का सहारा
भारत का रिन्यूएबल बाजार भी सालाना लगभग 8 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रहा है और आने वाले सालों में इसके दोगुना होने की उम्मीद है. सरकार की रूफटॉप सोलर, PM-KUSUM, सोलर पार्क और बैटरी स्टोरेज जैसी योजनाएं इस तेजी को और गति दे रही हैं. इस तेजी के बीच कुछ कंपनियां खास नजर आ रही हैं. यह देश के ग्रीन एनर्जी भविष्य को आकार दे रही हैं.
3 Hidden Solar stocks: भारत आने वाले सालों में एनर्जी सेक्टर में एक बड़ा बदलाव देख रहा है. सरकार का लक्ष्य है कि साल 2030 तक देश में 500 गीगावॉट नॉन-फॉसिल ऊर्जा क्षमता हो, जबकि साल 2025 में यह क्षमता पहले ही 250 गीगावॉट पार कर चुकी है. दुनिया में भी रिन्यूएबल एनर्जी तेजी से बढ़ रही है. साल 2024 में पूरे विश्व में 585 गीगावॉट नई क्षमता लगी, जिसमें लगभग पूरा हिस्सा सोलर और विंड का था.
भारत का रिन्यूएबल बाजार भी सालाना लगभग 8 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रहा है और आने वाले सालों में इसके दोगुना होने की उम्मीद है. सरकार की रूफटॉप सोलर, PM-KUSUM, सोलर पार्क और बैटरी स्टोरेज जैसी योजनाएं इस तेजी को और गति दे रही हैं. इस तेजी के बीच कुछ कंपनियां खास नजर आ रही हैं. यह देश के ग्रीन एनर्जी भविष्य को आकार दे रही हैं.
Waaree Energies
Waaree Energies इस समय भारत की सबसे बड़ी सोलर मॉड्यूल कंपनी है. इसकी मॉड्यूल क्षमता 18.7 गीगावॉट और सेल क्षमता 5.4 गीगावॉट है, और दोनों लगभग 80-85 फीसदी क्षमता से लगातार चल रही हैं. कंपनी भारत के साथ 25 देशों में मौजूद है और अमेरिका में भी इसका बड़ा सेटअप है. Waaree अब सिर्फ मॉड्यूल बनाने वाली कंपनी नहीं रहना चाहती, बल्कि पूरे सोलर वैल्यू चेन में लीडर बनने की तैयारी कर रही है. इसी लक्ष्य के चलते कंपनी ने करीब ढाई लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है.
इसमें इंगॉट और वेफर बनाने की नई क्षमता, मॉड्यूल और सेल प्रोडक्शन को और बढ़ाना, बैटरी स्टोरेज व इलेक्ट्रोलाइजर बिजनेस में एंट्री और इन्वर्टर निर्माण को मजबूत करना शामिल है. कंपनी लिथियम-आयन बैटरी क्षमता को 3.5 GWh से बढ़ाकर 20 GWh कर रही है और इलेक्ट्रोलाइजर क्षमता को भी 1 गीगावॉट तक ले जा रही है. वित्तीय रूप से भी Waaree ने जोरदार प्रदर्शन किया है. FY26 की पहली छमाही में कंपनी का रेवेन्यू 51 फीसदी बढ़ा और EBITDA 118 फीसदी उछला है. इसके पास लगभग 470 अरब रुपये का ऑर्डर बुक है, जो अगले तीन सालों की मजबूत कमाई संकेत देता है.
Premier Energies
Premier Energies भारत की उन शुरुआती कंपनियों में से है जिसने सोलर सेल का प्रोडक्शन शुरू किया था. आज अमेरिका को सोलर सेल एक्सपोर्ट में इसकी लगभग पूरी हिस्सेदारी है. कंपनी के पास 3.2 गीगावॉट सेल और 5.1 गीगावॉट मॉड्यूल प्रोडक्शन क्षमता है. Premier का Mission साल 2028 बेहद महत्वाकांक्षी है, जिसमें कंपनी 10 गीगावॉट की पूरी तरह इंटीग्रेटेड क्षमता हासिल करना चाहती है. इसके लिए कंपनी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बड़े स्तर पर प्लांट्स तैयार कर रही है.
इसका नया TOPCon सेल प्लांट देश का सबसे बड़ा सिंगल-लोकेशन सेल प्लांट होगा और इसकी टारगेट दक्षता 25 फीसदी से अधिक रखी गई है. कंपनी मॉड्यूल, वेफर, इंगॉट, इन्वर्टर और बैटरी स्टोरेज जैसे संबंधित प्रोडक्ट में भी विस्तार कर रही है. वित्तीय रूप से कंपनी ने अच्छा प्रदर्शन किया है. FY26 की पहली छमाही में इसका रेवेन्यू 20 फीसदी और EBITDA 59 फीसदी बढ़ा. ऑर्डर बुक 132 अरब रुपये की है, जिससे लगभग दो साल की कमाई पहले से तय मानी जा सकती है.
ACME Solar
ACME Solar देश की प्रमुख रिन्यूएबल बिजली प्रोडक्शन कंपनियों में से है. इसका कुल पोर्टफोलियो 7.4 गीगावॉट का है, जिसमें सोलर, विंड और हाइब्रिड प्रोजेक्ट शामिल हैं. कंपनी बैटरी स्टोरेज पर सबसे बड़ा दांव लगा रही है, क्योंकि आने वाले समय में इसकी मांग तेजी से बढ़ने वाली है. ACME की योजना 13.5 GWh बैटरी स्टोरेज क्षमता विकसित करने की है, जिसमें से 5.1 GWh का ऑर्डर पहले ही दिया जा चुका है.
दिसंबर 2025 से बैटरी डिलीवरी शुरू होने की उम्मीद है और FY26 की चौथी तिमाही से कंपनी लगभग 1 GWh स्टोरेज को बाजार में बेचकर अतिरिक्त कमाई करना चाहती है. कंपनी का मानना है कि इससे हर साल करीब 170 करोड़ रुपये की एक्सट्रा EBITDA मिल सकती है. ACME ने राजस्थान में 10 MWh का पायलट बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट भी शुरू कर दिया है. वित्तीय रूप से भी कंपनी ने मजबूत प्रदर्शन किया है और H1 FY26 में इसकी इनकम 87 फीसदी बढ़ी है.
भारत की एनर्जी क्रांति को आगे बढ़ा रही ये कंपनियां
तीनों कंपनियां अलग-अलग तरीकों से भारत की एनर्जी क्रांति को आगे बढ़ा रही हैं. Waaree देश की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से फैलती सोलर कंपनी है. Premier पूरी तरह इंटीग्रेटेड सोलर टेक्नोलॉजी प्लेयर बनने की दिशा में सबसे तेजी से आगे बढ़ रही है. वहीं ACME बैटरी स्टोरेज सिस्टम को केंद्र में रखकर भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. हालांकि सोलर उद्योग में भविष्य में ओवरसप्लाई का खतरा बना रह सकता है, लेकिन फिलहाल ये तीनों कंपनियां भारत की ग्रीन एनर्जी लहर के सबसे मजबूत दावेदारों में शामिल हैं.
सोर्स: FE, Groww, Trendlyne
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