अमेरिका-भारत व्यापार विवाद विदेशी निवेशकों के लिए बना सिरदर्द, जुलाई में निकाले 5524 करोड़ रुपये
भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ी हलचल देखने को मिल रही है. विदेशी निवेशकों के रुख में अचानक बदलाव आया है और यह बदलाव कुछ अहम वजहों से जुड़ा हुआ है. इन कारणों ने निवेशकों के आत्मविश्वास को हिला दिया है. पूरी जानकारी जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट.

जून तक भारतीय शेयर बाजार में लगातार पैसा झोंक रहे विदेशी निवेशकों का रुख जुलाई में अचानक बदल गया है. जुलाई के पहले 18 दिनों में एफपीआई (Foreign Portfolio Investors) ने भारतीय शेयर बाजार से 5,524 करोड़ रुपये की निकासी की है. यह बदलाव ऐसे समय पर देखने को मिला है जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापार तनाव गहराता जा रहा है और कंपनियों के तिमाही नतीजे भी उम्मीद से कमजोर रहे हैं. इससे निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा है.
तीन महीने की तेजी के बाद पलटा मूड
एफपीआई ने अप्रैल, मई और जून में भारतीय बाजार में जमकर निवेश किया था. जून में 14,590 करोड़ रुपये, मई में 19,860 करोड़ रुपये और अप्रैल में 4,223 करोड़ रुपये की नेट इनफ्लो देखने को मिली थी. लेकिन जुलाई में यह सिलसिला टूट गया. जुलाई में अब तक 5,524 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हो चुकी है.
अगर पूरे 2025 की बात करें तो अब तक एफपीआई द्वारा कुल निकासी 83,245 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है. जनवरी में अकेले 78,027 करोड़ रुपये निकाले गए थे, जबकि फरवरी और मार्च में भी 34,574 करोड़ रुपये और 3,973 करोड़ रुपये की निकासी देखी गई थी.
किन वजहों से घबराए FPI
Morningstar Investment Research India के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि अमेरिका-भारत व्यापार विवाद और अनिश्चित कॉरपोरेट नतीजों ने एफपीआई को सतर्क बना दिया है. इसके साथ ही अमेरिका में ब्याज दरों को लेकर असमंजस, भारत में ऊंचे वैल्यूएशन और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने भी निवेशकों को सतर्क किया है.
यह भी पढ़ें: भारत में बुजुर्गों की बढ़ती तादाद बना रही इन 3 स्टॉक्स को गोल्डमाइन, लॉन्ग टर्म निवेश के लिए अभी से बनाए रखें नजर
बॉन्ड मार्केट में बनी थोड़ी रुचि
हालांकि इक्विटी से पैसे निकालने के बावजूद एफपीआई ने 1,850 करोड़ रुपये का निवेश डेट जनरल लिमिट में और 1,050 करोड़ रुपये डेट वॉलंटरी रिटेंशन रूट में किया है. आगे का रुख इस बात पर निर्भर करेगा कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापार तनाव सुलझता है या नहीं और कंपनियों के नतीजे कैसे रहते हैं.
Latest Stories

इन 5 स्मॉल कैप कंपनियों के शेयर हो गए हैं सस्ते, PE Ratio 5 साल के औसत से है कम; देखें पूरी लिस्ट

पावर इंफ्रा सेक्टर में काम करती हैं ये 3 कंपनियां, नहीं है कोई कर्ज; शेयर बाजार में भी दमदार है परफॉर्मेंस

स्लिपेज बढ़ा, आमदनी गिरी… फिर भी ब्रोकरेज बोले- ‘HDFC Bank खरीद लो, जानें क्यों दिख रहा ये भरोसा
