भारत में बुजुर्गों की बढ़ती तादाद बना रही इन 3 स्टॉक्स को गोल्डमाइन, लॉन्ग टर्म निवेश के लिए अभी से बनाए रखें नजर
भारत की जनसंख्या अब पहले की तरह नहीं बढ़ रही. जन्म और मृत्यु दर दोनों घट रही हैं. यह बदलाव केवल सामाजिक या आर्थिक नहीं है. इसका असर स्टॉक मार्केट तक पहुंच चुका है. कौन से सेक्टर और कंपनियां इस ट्रेंड से फायदे में रहेंगी? पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें...

जब भी भारत की बात होती है, तो अक्सर कहा जाता है “युवा देश है”, “ऊर्जावान जनसंख्या है”, “आने वाला समय भारत का है”. लेकिन इसी तस्वीर का एक और पहलू है, जो उतना चमकदार नहीं, पर उतना ही अहम है. एक ऐसा बदलाव जो चुपचाप हमारे घरों में दस्तक दे रहा है.
Census India की जून 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जन्म दर और मृत्यु दर दोनों ही घट रही हैं. 2013 में जहां क्रूड बर्थ रेट 21.4 थी, वहीं 2022 तक यह घटकर 19.1 रह गई. इसी तरह मृत्यु दर भी 7.0 से घटकर 6.8 पर आ गई. इन आंकड़ों का सीधा असर है, जनसंख्या वृद्धि की रफ्तार धीमी हो रही है और बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है.
भारत की बढ़ती ‘सिल्वर जनरेशन’ अब एक नए सेक्टर को जन्म दे रही है, जो है सिल्वर इकोनॉमी. और इसी के साथ उभर रहे हैं कुछ ऐसे स्टॉक जो इस थीम से फायदा उठा सकते हैं.
जैसे-जैसे लोग उम्रदराज हो रहे हैं, वैसे-वैसे सीनियर लिविंग, हेल्थकेयर, इंश्योरेंस और मेडिकल डिवाइसेज जैसी इंडस्ट्री तेजी पकड़ रही है. और इनमें शामिल कुछ कंपनियां चुपचाप अपने बिजनेस को तेजी से बढ़ा रही हैं.
सिल्वर इकोनॉमी क्या है?
सिल्वर इकोनॉमी उन सेक्टरों और कंपनियों को दर्शाती है जो उम्रदराज लोगों की जरूरतों को पूरा करते हैं. जैसे-जैसे लोग उम्रदराज हो रहे हैं, वैसे-वैसे सीनियर लिविंग, हेल्थकेयर, इंश्योरेंस और मेडिकल डिवाइसेज जैसी इंडस्ट्री तेजी पकड़ रही है. और इनमें शामिल कुछ कंपनियां चुपचाप अपने बिजनेस को तेजी से बढ़ा रही हैं.
Colliers की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक भारत की 20% आबादी 60 साल से अधिक की होगी. यानी हर पांचवां भारतीय सीनियर सिटीजन होगा. यह कोई दूर की बात नहीं, इसके असर अभी से दिखने लगे हैं-
- मेडिकल खर्चों में तेजी
- स्वास्थ्य बीमा की प्रीमियम दरें बढ़ना
- बुजुर्गों के लिए सुविधाओं की कमी
- घरों में बुजुर्गों की देखभाल की चुनौती
Colliers की रिपोर्ट का कहना है कि भारत में सीनियर लिविंग मार्केट 2030 तक 5 गुना बढ़कर 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो सकता है.
ये हैं वो तीन कंपनियां जिनमें तेजी की संभावना है
Ashiana Housing Ltd
यह कंपनी भारत की चुनिंदा डेवलपर्स में से है जो खासतौर पर सीनियर लिविंग प्रोजेक्ट्स पर फोकस करती है. इसका करीब एक-तिहाई प्रोजेक्ट पोर्टफोलियो सीनियर सिटीजन के लिए है.
पिछले साल इस सेगमेंट में 20% की प्री-सेल्स ग्रोथ दिखी और FY26 तक यह 25% ग्रोथ का अनुमान जता रही है. यह सेगमेंट कम साइक्लिकल होता है और खरीदार अधिक प्रीमियम देने को तैयार होते हैं. शुक्रवार यानी 18 जुलाई को कंपनी के शेयर 329 रुपये पर बंद हुए. बीते पांच साल में कंपनी ने 407 फीसदी का बेहतरीन रिटर्न दिया है.
Medi Assist Healthcare Services Ltd
यह भारत की सबसे बड़ी थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (TPA) कंपनी है जो लाखों लोगों को कैशलेस मेडिकल क्लेम दिलाने में मदद करती है. यह 28 से अधिक बीमा कंपनियों और 19,000 से ज्यादा अस्पतालों से जुड़ी है. इसने हाल ही में Paramount TPA का अधिग्रहण कर लिया जिससे इसकी बाजार हिस्सेदारी 23 फीसदी से अधिक हो गई है. यह हर साल 80 लाख से ज्यादा क्लेम हैंडल करती है, जिससे इंश्योरेंस कंपनियों को अरबों की बचत होती है. कंपनी का मौजूदा शेयर 549 रुपये पर ट्रेड हो रहे हैं. 1 साल पहले लिस्ट हुई इस कंपनी ने अबतक 19 फीसदी का रिटर्न दिया है.
Polymedicure Ltd
यह कंपनी मेडिकल डिवाइसेज जैसे IV सेट, कैथेटर और ब्लड बैग्स का निर्माण करती है. यह भारत की अग्रणी कंपनियों में शामिल है और इसके 70 फीसदी रेवेन्यू निर्यात से आते हैं. लेकिन भारत में इसका कारोबार 30 फीसदी की दर से बढ़ रहा है, खासकर किडनी, हार्ट और क्रिटिकल केयर सेगमेंट में. कंपनी अब renal therapy, cardiology और critical care में एंट्री कर रही है. कंपनी 18 जुलाई को 2 फीसदी के मामूली गिरावट के साथ 2101.80 रुपये पर क्लोज हुई. हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और Make in India की वजह से ये स्टॉक लॉन्ग टर्म में मजबूत दिखता है. वहीं बीते पांच साल में निवेशकों को इससे 441 फीसदी रिटर्न मिला है.
निवेशकों के लिए क्या है संदेश?
इन तीनों कंपनियों में मौजूदा वैल्यूएशन के हिसाब से उतार-चढ़ाव संभव है, लेकिन इनका फोकस एक मजबूत डेमोग्राफिक ट्रेंड पर है, उम्रदराज होती आबादी. अगले 10-20 सालों में जैसे-जैसे यह ट्रेंड गहराता जाएगा, वैसे-वैसे इन कंपनियों की डिमांड और बिजनेस स्केल भी बढ़ने की संभावना है.
इन कंपनियों को लेकर यहां कोई खरीद-बिक्री की सिफारिश नहीं दी गई है, लेकिन निवेशक इन स्टॉक्स को watchlist में जरूर रखें.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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