GST रेट कट का दिखने लगा बाजार पर असर, ऑटो स्टॉक्स पर FIIs धड़ाधड़ कर रहे निवेश; ₹4500 करोड़ का लगाया दांव
विदेशी निवेशक (FIIs) ने भारतीय ऑटो स्टॉक्स में 4,500 करोड़ रुपये का बड़ा दांव लगाया है. जीएसटी काउंसिल ने ऑटो सेगमेंट में टैक्स दरों को कम करने का फैसला किया है, जो 22 सितंबर से लागू होगा. इसके साथ ही सितंबर-अक्टूबर का त्योहारी सीजन भी ऑटो सेक्टर के लिए फायदेमंद है. ऑटो, मेटल्स, कैपिटल गुड्स और फाइनेंशियल सेक्टर में निवेश आया, जबकि कंज्यूमर सर्विसेज, आईटी और रियल एस्टेट से पैसे निकाले गए.

FIIs bet on Auto shares: विदेशी निवेशक (FIIs) ने भारतीय ऑटो स्टॉक्स में 4,500 करोड़ रुपये का बड़ा दांव लगाया है. ऐसा इसलिए क्योंकि GST में कटौती की घोषणा के बाद ऑटो सेक्टर में तेजी की उम्मीद है. जीएसटी काउंसिल ने ऑटो सेगमेंट में टैक्स दरों को कम करने का फैसला किया है, जो 22 सितंबर से लागू होगा. इसके साथ ही सितंबर-अक्टूबर का त्योहारी सीजन भी ऑटो सेक्टर के लिए फायदेमंद है. ऑटो, मेटल्स, कैपिटल गुड्स और फाइनेंशियल सेक्टर में निवेश आया, जबकि कंज्यूमर सर्विसेज, आईटी और रियल एस्टेट से पैसे निकाले गए. आइए इसे विस्तार से समझते है.
ऑटो सेक्टर में क्यों आया निवेश?
15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने GST में बदलाव की घोषणा की थी. इसके बाद जीएसटी काउंसिल ने ऑटो सेक्टर के लिए टैक्स कम करने का फैसला किया. NSDL के डेटा के अनुसार, सितंबर के पहले 15 दिनों में FIIs ने ऑटो स्टॉक्स में 1,908 करोड़ रुपये डाले. अगस्त के आखिरी दिनों में 2,617 करोड़ रुपये और अगस्त पूरे महीने में 1,803 करोड़ रुपये का निवेश हुआ. इस तरह, एक महीने में ऑटो सेक्टर में कुल 4,500 करोड़ रुपये का निवेश आया.
ऑटो सेक्टर का इतिहास और तेजी
ऑटो सेक्टर सितंबर में हमेशा अच्छा प्रदर्शन करता है. पिछले 20 सालों में 16 बार सितंबर में ऑटो स्टॉक्स में तेजी आई है, औसतन 3.71 फीसदी की बढ़त के साथ. 14 अगस्त से निफ्टी ऑटो इंडेक्स में 13 फीसदी की तेजी आई है. इस दौरान कुछ कंपनियों के शेयरों में अच्छी बढ़त देखी गई. आयशर मोटर्स में 17 फीसदी की तेजी और मारुति सुजुकी और टीवीएस मोटर में भी अच्छी बढ़त देखने को मिली है.
ब्रोकरेज फर्म्स क्या कह रही हैं?
ET के रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी ब्रोकरेज फर्म्स का मानना है कि GST कटौती और त्योहारी सीजन से ऑटो सेक्टर में तेजी आएगी.
- मोतीलाल ओसवाल: डिमांड बढ़ने और कंपनियों की कमाई बढ़ने से ऑटो सेक्टर के शेयरों की कीमतें बढ़ेंगी. वे मारुति सुजुकी और महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) पर दांव लगा रहे हैं. मारुति सुजुकी को नए लॉन्च और निर्यात से 16 फीसदी कमाई बढ़ने की उम्मीद है, जबकि M&M को ग्रामीण क्षेत्रों की मांग और नए प्रोडक्ट्स से 20 फीसदी बढ़त की उम्मीद है.
- नोमुरा: उनका कहना है कि टैक्स कम होने से लोग छोटी गाड़ियों (हैचबैक) की जगह SUVs खरीद सकते हैं. इससे ऑटो कंपनियों को ज्यादा मुनाफा होगा, क्योंकि SUVs की बिक्री से उनकी कमाई बढ़ेगी. नोमुरा ने M&M, TVS, हुंडई मोटर इंडिया, अशोक लीलैंड, मैदरसन सुमी, और CEAT पर “बाय” की रेटिंग दी है.
- HSBC: उनका कहना है कि 15 अगस्त से ऑटो शेयरों में 6-17 फीसदी की तेजी आई है, जबकि निफ्टी 50 में सिर्फ 2 फीसदी की बढ़त हुई. ऑटो शेयरों की कीमतें 10 साल के औसत से 15 फीसदी ज्यादा हैं, लेकिन मारुति और हुंडई के निर्यात की संभावनाएं अब भी अच्छी हैं.
FIIs ने और कहां निवेश किया?
ऑटो के अलावा, FIIs ने इन सेक्टर्स में पैसा लगाया:
- कैपिटल गुड्स: सितंबर के पहले 15 दिनों में 1,518 करोड़ रुपये का निवेश. पिछले दो महीनों में 2,150 करोड़ रुपये डाले गए. BSE कैपिटल गुड्स इंडेक्स में 7.18 फीसदी की तेजी आई.
- मेटल्स: सितंबर में 1,394 करोड़ रुपये का निवेश. अगस्त में 660 करोड़ रुपये की बिकवाली के बाद यह बदलाव आया.
- फाइनेंशियल सर्विसेज: सितंबर में 1,039 करोड़ रुपये का निवेश. हालांकि, पिछले दो महीनों में 32,159 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली हुई थी.
किन सेक्टर्स से निकाला पैसा?
FIIs ने इन सेक्टर्स से पैसा निकाला है.
- कंज्यूमर सर्विसेज: 3,246 करोड़ रुपये की बिकवाली, जो मार्च के बाद सबसे ज्यादा है.
- आईटी: 2,014 करोड़ रुपये की बिकवाली.
- रियल एस्टेट: 2,095 करोड़ रुपये की बिकवाली. पिछले दो महीनों में 5,091 करोड़ रुपये निकाले गए.
कुल मिलाकर, सितंबर के पहले 15 दिनों में FIIs ने 9,759 करोड़ रुपये की नेट बिकवाली की, लेकिन ऑटो, मेटल्स और कैपिटल गुड्स में निवेश से पता चलता है कि वे त्योहारी सीजन की खपत की उम्मीद में रणनीतिक निवेश कर रहे हैं.
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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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