Jane Street के फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेड की जांच करेगा SEBI, बेंचमार्क इंडेक्स के साथ ‘हेराफेरी’ करने का शक
भारतीय शेयर बाजार के नियामक SEBI ने ग्लोबल क्वांट ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट के खिलाफ जांच शुरू करने का फैसला किया है. सेबी को मिली शिकायतों के मुताबिक जेन स्ट्रीट पर भारतीय बाजार के टॉप 50 स्टॉक्स वाले बेंचमार्क इंडेक्स के साथ हेराफेरी का शक है.

SEBI Probes Jane Street’s F&O Trades: ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट सेबी की जांच के लपेटे में आ गई है. भारतीय शेयर बाजार के नियामक सेबी ने सोमवार 9 जून को बताया कि ग्लोबल क्वांट ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट के तीन साल के डेरिवेटिव्ज ट्रेड्स की जांच की जाएगी. यह जांच देश के टॉप 50 स्टॉक्स के बेंचमार्क इंडेक्स में हेराफेरी के संदेह पर आधारित है. जांच में जेन स्ट्रीट, जेन स्ट्रीट सिंगापुर और JSI इन्वेस्टमेंट्स की एल्गोरिथम ट्रेडिंग रणनीतियों का अध्ययन किया जाएगा.
क्यों की जा रही जांच?
सेबी को जेन स्ट्रीट की ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी को लेकर कई संस्थानों से शिकायतें मिली हैं. इसके अलावा जेन स्ट्रीट का अत्यधिक मुनाफा भी संदेह पैदा करता है. SEBI ने अब न सिर्फ जेन स्ट्रीट के पुराने ट्रेड्स की जांच करने का फैसला किया है, बल्कि इंट्राडे पोजीशन पर नजर रखने और बड़े व्यापारियों के एल्गोरिथम प्रोग्राम का ऑडिट करने की योजना भी बनाई है.
क्या है पूरा मामला?
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया है कि बाजार नियामक सेबी जेन स्ट्रीट के डेरिवेटिव कारोबार की जांच कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि दुनिया की सबसे ड़ी क्वांट ट्रेडिंग फर्मों में से एक ने देश के बेंचमार्क इंडेक्स के साथ हेरफेर तो नहीं किया है. इस जांच में पिछले तीन साल के ट्रेड शामिल हैं.
जेन स्ट्रीट पर क्या है आरोप?
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि जांच का मकसद यह पता लगाना है कि बेंचमार्क इंडेक्स में शामिल स्टॉक्स, खासतौर पर बैंक स्टॉक में जेन स्ट्रीट की तरफ से बहुत बड़ी डेरिवेटिव पोजीशन बनाई जाती थी, जिसके बाद इस पोजीशन का फायदा लेने के लिए फिजिकल मार्केट में सौदा किया जाता था. अगर इस तरह का दोहरा पैटर्न सामने आता है, तो माना जाएगा कि जेन स्ट्रीट ने इंडेक्स के साथ हेराफेरी की है. हालांकि, भारत में ट्रेडर्स पर डेरिवेटिव और फिजिकल मार्केट में इंट्राडे पोजीशन लेने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. लेकिन 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की पोजीशन के लेने और विशेष पैटर्न पर निगाह रखी जाती है, ताकि बाजार के साथ कोई हेरफेर न किया जा सके.
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