साल भर में 74% बढ़ा कंपनी का मुनाफा, निवेशकों का था दुलारा; लेकिन एक पल में ही कैसे 12% टूटा ये हॉट स्टॉक
निवेशकों का भरोसा जब टूटता है तो उसका असर सीधे शेयर बाजार पर दिखता है. सोमवार को एक दिग्गज चावल निर्यातक कंपनी अचानक चर्चा में आ गई है. मुनाफे के शानदार आंकड़ों के बावजूद कंपनी पर उठ रहे सवालों ने बाजार में हलचल पैदा कर दी है.
Why KRBL stock is falling: देश की दिग्गज चावल निर्यातक कंपनी KRBL लिमिटेड सोमवार को सुर्खियों में है. कंपनी के स्वतंत्र निदेशक अनिल कुमार चौधरी ने 15 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अपने फैसले के लिए अनिल कुमार ने कंपनी के बोर्ड पर कॉरपोरेट गवर्नेंस के सिद्धांतों की अनदेखी और पारदर्शिता की कमी का गंभीर आरोप लगाया. इस खबर के बाद निवेशकों में चिंता बढ़ी और कंपनी के शेयर बीएसई पर एकाएक 12.8 फीसदी तक टूटकर 387.05 रुपये तक गिर गए.
अनिल कुमार ने क्या लगाएं आरोप?
अनिल कुमार चौधरी ने अपने इस्तीफे के पत्र में कई गंभीर बिंदु उठाए. उन्होंने कहा कि बोर्ड मीटिंग्स की कार्यवाही सही तरीके से दर्ज नहीं की जा रही थी और कई अहम जानकारियां जानबूझकर रोकी जा रही थीं, जिससे फैसलों पर असर पड़ रहा था. इसके अलावा कुछ एक्सपोर्ट रिसीवेबल्स को बिना जरूरी चर्चा के राइट-ऑफ कर दिया गया. उन्होंने CSR फंड्स के इस्तेमाल, वेतन और इंसेंटिव के बंटवारे, कंपनी के ऑब्जेक्ट क्लॉज में बदलाव और बोर्ड की बैठकों में बाहरी लोगों के हस्तक्षेप पर भी सवाल खड़े किए.
अनिल कुमार ने लिखा कि ऐसे माहौल में जहां असहमति को दबा दिया जाता है, वहां बने रहना उनके पेशेवर आचरण और नियामकीय जिम्मेदारियों के खिलाफ होगा.
कंपनी का प्रदर्शन
कंपनी ने हाल ही में मजबूत तिमाही नतीजे पेश किए थे. वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में KRBL का मुनाफा सालाना आधार पर 74 फीसदी बढ़कर 151 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 87 करोड़ रुपये था. हालांकि तिमाही-दर-तिमाही आधार पर इसमें 2 फीसदी की मामूली गिरावट आई.
राजस्व की बात करें तो यह सालाना आधार पर 32 फीसदी बढ़कर 1,584 करोड़ रुपये पर पहुंचा, जो घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में मजबूत मांग का नतीजा रहा.
शेयर बाजार में हालिया रुझान
पिछले शुक्रवार को केआरबीएल का शेयर 1 फीसदी फिसलकर 443 रुपये पर बंद हुआ था. और सोमवार को भारी गिरावट के बाद 11.15 तक कंपनी के शेयर हल्का उपर उठे और 396.10 रुपये पर ट्रेड होने लगे.
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हालांकि, लंबे समय से यह स्टॉक निवेशकों का पसंदीदा बना हुआ है. पिछले छह महीनों में इसमें 50% से ज्यादा और इस साल अब तक करीब 26% की तेजी देखने को मिली है. लेकिन निदेशक के इस्तीफे और गवर्नेंस विवाद ने कंपनी के शेयर को दबाव में ला दिया है.
डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.