शेयर बाजार में बड़ी धोखाधड़ी! फ्रंट-रनिंग स्कैम से कमा लिए 2.72 करोड़, SEBI ने लिया एक्शन

SEBI ने माधव स्टॉक विजन प्राइवेट लिमिटेड और उसके दो डायरेक्टर्स को नोटिस जारी किया है, जिसमें उनसे 2.72 करोड़ रुपये का गैरकानूनी मुनाफा वापस करने को कहा गया है. आरोप है कि उन्होंने फ्रंट-रनिंग करके यह मुनाफा कमाया, जो एक गैरकानूनी गतिविधि है.

कैसे होता है फ्रंट रनिंग स्कैम? Image Credit: Money9live/Canva

Front Running Scam Explained in Hindi: सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी ने 23 अप्रैल को माधव स्टॉक विजन प्राइवेट लिमिटेड (MSVPL), उसके दो डायरेक्टर्स और कुछ सहयोगियों को नोटिस जारी किया है. इसमें उनसे कहा गया कि उन्होंने जो 2.72 करोड़ रुपये का गैरकानूनी मुनाफा कमाया है, उसे वापस करना होगा. दरअसल ये पैसा उन्होंने फ्रंट-रनिंग करके कमाया था. फ्रंट रनिंग करना गैर कानूनी है और एक तरह का स्कैम है. चलिए आपको आसान भाषा में समझाते हैं.

पहले फ्रंट रनिंग स्कैम समझें

फ्रंट रनिंग एक धोखाधड़ी है जहां ब्रोकर या ट्रेडर को पहले ही किसी बड़े ऑर्डर (शेयर/म्यूचुअल फंड) प्लेस होने के बारे में खबर लगती है और फिर उस ऑर्डर के पहले वो खुद खरीदारी कर लेते हैं, जब असल में वो ऑर्डर पूरा होता है तो कीमतों में उछाल आता है और ब्रोकर अपने शेयर को बेच कर मुनाफा कमा लेता है.

मान लीजिए, राहुल एक बड़े म्यूचुअल फंड का मैनेजर है. उसके क्लाइंट ने उसे कल टाटा के 10 लाख शेयर खरीदने के लिए कहा है, जिससे टाटा की कीमत बढ़ेगी. अब राहुल अगर फ्रंट रनिंग करता है तो वह आज ही टाटा के शेयर खरीद लेगा, तो कल जब वह फिर अपने क्लाइंट के लिए ऑर्डर लेगा तो वह अपने शेयर बेचकर मुनाफा कमा लेगा. यह गैरकानूनी है क्योंकि यह दूसरे निवेशकों को नुकसान पहुंचाता है.

सेबी ने क्या कहा

अब आते हैं ताजे मामले पर, जहां सेबी के मुताबिक, ये लोग सेबी एक्ट और धोखाधड़ी व अनुचित व्यापार प्रथाओं से संबंधित नियमों का उल्लंघन करते पाए गए हैं. इसलिए इन्हें तुरंत प्रभाव से शेयर बाजार से बैन कर दिया गया है.

जांच में पता चला कि चार ब्रोकर्स के डीलिंग डेस्क एक-दूसरे के बहुत पास रखे गए थे. इसी वजह से बड़े क्लाइंट के ऑर्डर की गोपनीय जानकारी दूसरों तक आसानी से पहुंची. इस जानकारी का फायदा उठाकर MSVPL ने पहले ही अपने ट्रेड प्लेस कर दिए. इसे ही फ्रंट-रनिंग कहा जाता है.

यह भी पढ़ें: ­Bajaj Broking ने Coforge और Welspun Living पर लगाया दांव, जानें निफ्टी का अगला टारगेट?

कैसे हुई फ्रंट रनिंग

सेबी ने बताया कि जिन लोगों के नाम नोटिस में हैं जैसे ज्योतिस्वरूप पुरोहित और पंकित झवेरी, उन्होंने यह गोपनीय जानकारी फ्रंट रनर के डीलर या डायरेक्टर तक पहुंचाई. फिर MSVPL ने कुछ खास रणनीति (SSB और BBS strategy) के तहत ऑर्डर प्लेस किए.

इसके अलावा राजेश झवेरी, अजय जैन और राजकुमार दमानी इस पूरे ऑपरेशन को फसिलिटेट करने में शामिल थे. SEBI ने ये भी बताया कि इन लोगों ने कैसे अपने रिश्तेदारों को कंपनी के कर्मचारी दिखाकर अवैध रूप से कमाई हुई रकम सैलरी के रूप में ट्रांसफर की.