शराब बनाने वाली कंपनी के शेयर ने दिया 2823 फीसदी का रिटर्न, 16 रुपये से 450 के पार पहुंचा स्टॉक
Tilaknagar Industries Share Return: 90 साल की विरासत के साथ कंपनी 10 राज्यों में 21 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में काम करती है और एक लीन एसेट-लाइट मॉडल का उपयोग करती है. इसका प्रमुख ब्रांड, मैनशन हाउस, भारत का सबसे अधिक बिकने वाला और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ब्रांडी ब्रांड है.
Tilaknagar Industries Share Return: एक स्मॉलकैप लिकर स्टॉक ने पांच वर्षों में 2,800 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न देकर दलाल स्ट्रीट पर सबका ध्यान आकर्षित किया है. इस स्टॉक ने 2020 में किए 1 लाख रुपये के निवेश अब लगभग 30 लाख रुपये में बदल दिया है. मुख्य रूप से भारत में निर्मित विदेशी शराब (IMFL) के मैन्युफैक्चरिंग और सेल्स में लगी तिलकनगर इंडस्ट्रीज के शेयर की कीमत अक्टूबर 2020 के 16 रुपये से बढ़कर सितंबर 2025 तक 467.80 रुपये हो गई है. यह 2,823.75% की चौंका देने वाली वृद्धि है, जबकि स्टॉक फिलहाल अपने 52-वीक के हाई लेवल 529.90 से 13 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है.
इस शेयर ने शॉर्ट टर्म में भी मजबूत रिटर्न दिया है. पिछले साल 46 फीसदी से अधिक की बढ़त दर्ज की गई थी. हालांकि पिछले कारोबारी सत्र में इसमें 0.75 फीसदी की गिरावट आई थी.
90 साल की विरासत
90 साल की विरासत के साथ कंपनी 10 राज्यों में 21 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में काम करती है और एक लीन एसेट-लाइट मॉडल का उपयोग करती है, जहां 70 फीसदी उत्पादन आउटसोर्स किया जाता है. इसका प्रमुख ब्रांड, मैनशन हाउस, भारत का सबसे अधिक बिकने वाला और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ब्रांडी ब्रांड है, जबकि कूरियर नेपोलियन वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे तेजी से बढ़ने वाला ब्रांड है.
बिक्री का आंकड़ा
वित्त वर्ष 2025 में कंपनी ने 1.19 करोड़ केस बेचे, जिसमें ब्रांडी की हिस्सेदारी 91 फीसदी थी और दक्षिण भारत में इसकी बिक्री 86 फीसदी थी. कंपनी 12 महीनों के भीतर अपनी क्षमता को छह गुना बढ़ाकर 6 लाख केस सालाना से 36 लाख केस सालाना करने की योजना बना रही है और आंध्र प्रदेश में ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए 59 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
इंपीरियल ब्लू ब्रांड का अधिग्रहण
एक बड़े रणनीतिक कदम के तहत, कंपनी और उसकी सब्सिडियरी कंपनी ने हाल ही में पर्नोड रिकार्ड इंडिया के इंपीरियल ब्लू ब्रांड का 4,150 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने पर सहमति जताई है और चार साल बाद 282 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान करना है. इस अधिग्रहण में ब्रांड राइट्स, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और को-मैन्युफैक्चरिंग समझौते शामिल हैं, जो रेगुलेटरी के मंजूरी के अधीन हैं.
कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन
वित्तीय रूप से कंपनी तेजी से आगे बढ़ रही है. वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में रेवेन्यू सालाना आधार पर 30.7 फीसदी बढ़कर 409 करोड़ रुपये हो गया, जबकि नेट प्रॉफिट 122.5 फीसदी बढ़कर 89 करोड़ रुपये हो गया. प्रति शेयर आय (EPS) एक साल पहले के 2.08 रुपये से बढ़कर 4.57 रुपये हो गई. पिछले पांच वर्षों में रेवेन्यू और प्रॉफिट क्रमशः 17% और 26% की कांपाउंडिंग एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़े हैं.
डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.