5 साल में 600% से ज्यादा का रिटर्न दे चुके इस स्टॉक में आ सकती है 20% की गिरावट, UBS ने बताई वजह

सितंबर 2019 में 120 से 130 रुपये के शेयर वाला यह स्टॉक आज 5% की भारी गिरावट के बाद 976.40 रुपये पर है. आपका अंदाजा सही है, बात टाटा मोटर्स के शेयर के बारे में हो रही है. स्विस बैंक के नाम से विख्यात UBS ने अपनी एक रिपोर्ट में आशंका जताई है कि टाटा मोटर्स का शेयर मौजूदा स्तर से 20% तक गिर नीचे गिर सकता है.

यूबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक टाटा मोटर्स के शेयरों में मौजूदा स्तर से 20% की गिरावट आ सकती है. बुधवार 11 सितंबर को को टाटा मोटर्स के शेयर में 5% की भारी गिरावट आई. मंगलवार को 1,035.80 रुपये पर बंद हुआ टाटा मोटर्स का शेयर बुधवार को हल्की गिरावट के साथ 1,000 रुपये पर खुला. इसके बाद 971 रुपये के निचले स्तर तक पहुंचा. दिन के आखिर में 5.74% की गिरावट के साथ 976.30 रुपये पर बंद हुआ है. पिछले एक सप्ताह में टाटा मोटर्स में 9.64% की गिरावट आ चुकी है. हालांकि, 5 साल में यानी 13 सितंबर, 2019 से 11 सितंबर, 2024 के बीच यह स्टॉक 129.55 रुपये से 846.85 रुपये बढ़कर 653.69% रिटर्न दे चुका है. पिछले 1 वर्ष में ही टाटा मोटर्स ने 55.78% का रिटर्न दिया है. पिछले 3 वर्ष में इसका रिटर्न 226.58% रहा है.

दबाव में है ऑटो सेक्टर

देश में फिलहाल पूरा ऑटो सेक्टर दबाव में है. कंपनियों के गोदामों में लाखों बिना बिकी गाड़िया खड़ी हैं. यही वजह है कि तमाम कंपनियां लाखों रुपये के डिस्काउंट ऑफर दे रही हैं. टाटा मोटर्स ने भी मंगलवार को फेस्टिवल ऑफ कार अभियान शुरू किया है. इसके तहत कंपनी अपनी इलेक्ट्रिक कारों पर 3 लाख रुपये तक के डिस्काउंट का एलान किया है. इससे पहले सोमवार को टाटा ने पेट्रोल और डीजल कारों पर 2 लाख रुपये तक के डिस्काउंट का एलान किया. निवेशकों को यह डिस्काउंट खास पंसद नहीं आ रहा है. इसके ऊपर से यूबीएस की रिपोर्ट ने निवेशकों के रुख को नरमी की तरफ मोड़ दिया है.

क्या कहता है टाटा मोटर्स का फंडामेंटल डाटा

फिलहाल टाटा मोटर्स का बाजार मूल्य करीब 3.81 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है. प्राइस टू अर्निंग (PE) 11.29 रुपये है. वहीं सेक्टर पीई 23.49 रुपये है. फिलहाल, कंपनी 1.23% की डिविडेंट यील्ड रखती है. इसके अलावा प्राइस टू बुक 5.26 रुपये है. डेट टू इक्वटी की बात की जाए, तो यह करीब 1.26% है. रिटर्न टू इक्वटी 36.98% है. इस तरह से कंपनी के बुनायादी आंकड़ों से पता चलता है कि कंपनी मजबूत स्थिति में है. हालांकि, शेयर फिलहाल सेक्टर के शेयरों के लिहाज से अंडरवैल्यूड है.

क्या कहा गया है रिपोर्ट में जिससे भाग रहे निवेशक

मशहूर इन्वेस्टमेंट बैंक और ब्रोकरेज फर्म यूबीएस ने टाटा मोटर्स के शेयर को बेचने की राय दोहराई है. यूबीएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि टाटा मोटर्स की ब्रिटिश सब्सिडियरी जगुआर लैंड रोवर (JLR) के साथ ही भारत में पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में कंपनी के मार्जिन में गिरावट का जोखिम बना हुआ है. यूबीएस ने टाटा मोटर्स के शेयर के लिए 825 रुपये का टारगेट प्राइस रखा है, जो मौजूदा स्तर से 20% की गिरावट का रुख दिखाता है. यूबीएस की इस रिपोर्ट के सामने आते ही बुधवार को ही 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है.

क्यों घट रही जेएलआर की मांग

यूबीएस ने रिपोर्ट में कहा है कि जेएलआर के 3 प्रमुख प्रीमियम मॉडल्स डिफेंडर, रेंज रोवर और रेंज रोवर स्पोर्ट की बिक्री लगातार कमी आ रही है. आलम यह है कि इन मॉडल्स की ऑर्डर बुकिंग अब कोविड से पहले के स्तर पर आ गई है. मांग घटने पर मजबूरन कंपनी को इन्हें बेचने के लिए भारी डिस्काउंट देना पड़ेगा, जिससे कंपनी के मार्जिन में कमी आएगी. मांग में कमी के पीछे खासतौर पर चीन में मंदी के संकेत हैं. चीन में लगातार लग्जरी चीजों की खरीद में कमी आ रही है.

बीएमडब्लयू ने भी घटाया अपना अनुमान

प्रीमियम सेगमेंट की जर्मन कार कंपनी बीएमडब्लयू ने इस साल अपनी कारों की बिक्री में कमी का अनुमान लगाया है. कंपनी ने अपने अनुमान में कटौती की वजह चीन से आने वाली मांग में कमी को बताया है. कंपनी का कहना है कि मांग घटने से कंपनी का मार्जिन भी घट सकता है. पिछले वर्ष 10.8% के मुकाबले यह घटकर 6-7% रह सकता है. मंगलवार को कंपनी के बदले हुए अनुमानों के सामने आने के बाद जर्मनी में फ्रैंकफर्ट में सूचीबद्ध कंपनी के शेयरों 8.7% की गिरावट आई है.