एयरलाइन से रिफंड क्लेम के नाम पर साइबर ठगी, दिल्ली से चल रहा था गोरखधंधा, आप भी हो जाएं अलर्ट
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हाल ही में उजागर किया है कि एवीएस हॉलीडेज नाम की एक कंपनी ने ट्रैवल एजेंसी का रूप लेकर हजारों विदेशी नागरिकों को ठगा है. कंपनी के डायरेक्टर अक्षय शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि अक्षय शर्मा अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को निशाना बनाता था और उसके घोटाले में टिकट बुक करना, उन्हें रद्द करना और फिर रिफंड लेना शामिल था.
Airlines Refund Sacm: अगर आपको एक दिन पता चले कि आपके जीवित रहने का बावजूद आपको कागजों पर मृत घोषित करके कोई मुनाफा कमा रहा हो, तो आपका पहला रिएक्शन क्या होगा? अचरज तो होगी. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लोगों को मृत घोषित करके उससे मुनाफा कमाने का खेल कई सालों से चल रहा था. लेकिन इस गोरख धंधे के शिकार हुए अमेरिका और यूके के नागरिक. हाल ही में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस धोखाधड़ी को उजागर किया है. आइए समझते हैं कि जालसाजों ने कैसे इसे अंजाम दिया और अगर आपके साथ भी ऐसा हो तो, इससे कैसे बचा जाए.
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली पुलिस ने हाल ही में उजागर किया है कि एवीएस हॉलीडेज नाम की एक कंपनी ने ट्रैवल एजेंसी के नाम पर हजारों विदेशी नागरिकों को ठगा है. पहले ये कंपनी विदेशी नागरिकों (खासकर अमेरिका और यूके) का टिकट बुक करवाती थी. जब टिकट बुक हो जाता तो कंपनी उसे कैंसल करती. यात्रियों का पूरा डाटा कंपनी के पास होता था. इससे कंपनी उस व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट भी बना लेती थी और एयरलाइंस से रिफंड क्लेम करती थी. पुलिस ने कहा कि कॉल सेंटर कर्मचारी फिर ग्राहकों को कॉल करते थे और उन्हें बताते थे कि उनकी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं और उन्हें रिफंड की गई राशि का एक छोटा सा हिस्सा देते थे. उस राशि का बड़ा हिस्सा एवीएस हॉलीडेज अपने पास रखती थी. इस तरह से कंपनी मुनाफा कमाती थी.
कौन है मास्टर माइंड?
कीर्ति नगर (Kriti Nagar) निवासी और एवीएस हॉलीडेज के डायरेक्टर अक्षय शर्मा (Akshay Sharma) को बीते हफ्ते दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लीगल ट्रैवल एजेंसी की आड़ में घोटाला करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार, शर्मा ही ग्राहकों से महत्वपूर्ण दस्तावेज मंगवाते थे. इन्हीं डॉक्यूमेंट की मदद से डेथ सर्टिफिकेट तैयार होता था. शर्मा को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4), 319(2), 339/61(2) और 3(5) तथा सूचना IT Act की धारा 66C के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
स्पेशल सेल के डिप्टी पुलिस कमिश्नर (DCP) अमित कौशिक ने कहा, “हिरासत में पूछताछ के दौरान, आरोपी ने कई वर्षों से लिगल ट्रैवल एजेंसी के नाम पर फर्जी कॉल सेंटर स्थापित करने और ऑपरेट करने की बात कबूल की. उसने एक ऐसी योजना बनाने की बात स्वीकार की, जिसमें मुख्य रूप से अमेरिका और अन्य विदेशी नागरिकों को निशाना बनाया जाता था.
कैसे बचें?
अगर आपको भी ऐसे किसी व्यक्ति का कॉल आए, तो आप नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके घटना की जानकारी दे सकते हैं. साथ ही cybercrime.gov.in पर भी रिपोर्ट कर सकते हैं.