अश्लील कंटेंट हटाना जरूरी, प्लेटफॉर्म्स को 36 घंटे में पालन करना होगा आदेश, सरकार ने जारी किया सख्त एडवाइजरी

केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया, ओटीटी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी दी है कि अश्लील और गैरकानूनी कंटेंट को तुरंत हटाना होगा. IT नियमों के तहत 36 घंटे में शिकायत मिलने पर कंटेंट हटाना अनिवार्य है. प्लेटफॉर्म्स को ऑटोमेटेड टूल और ह्यूमन मॉडरेशन का उपयोग करना होगा.

केंद्र सरकार ने अश्लील कंटेंट को तुरंत हटाना की चेतावनी दी है. Image Credit:

MeitY advisory: केंद्र सरकार ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को कड़ी चेतावनी दी है. मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने सोशल मीडिया कंपनियों, ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल पब्लिशर्स को साफ संदेश दिया है कि अश्लील और गैरकानूनी कंटेंट को तुरंत हटाना अनिवार्य होगा. खासकर शॉर्ट वीडियो ऐप और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर सरकार की पैनी नजर है. नियमों का पालन न करने पर प्लेटफॉर्म्स को भारी जुर्माना, आपराधिक कार्रवाई और सेवा ब्लॉक जैसी सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

किस तरह के कंटेंट पर सरकार सख्त

सरकार ने स्पष्ट किया है कि अश्लील पोर्नोग्राफिक और यौन रूप से आपत्तिजनक कंटेंट बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. नाबालिगों से जुड़ा या उनके लिए हानिकारक कंटेंट पर विशेष चिंता जताई गई है. ऐसा कोई भी कंटेंट जो भारतीय कानूनों का उल्लंघन करता हो उसे हटाना जरूरी है. सरकार का कहना है कि ऐसे कंटेंट से समाज पर गलत असर पड़ता है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी तय की गई है.

आईटी नियमों के तहत क्या है जिम्मेदारी

आईटी इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड नियम 2021 के तहत प्लेटफॉर्म्स को ड्यू डिलिजेंस अपनाना होगा. शिकायत या कोर्ट के आदेश के 36 घंटे के भीतर कंटेंट हटाना जरूरी है. इसमें सोशल मीडिया ओटीटी और डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म सभी शामिल हैं. नियमों का पालन करना कानूनी बाध्यता है. लापरवाही को गंभीर उल्लंघन माना जाएगा.

ऑटोमेटेड टूल और ह्यूमन मॉडरेशन पर जोर

मंत्रालय ने कहा है कि प्लेटफॉर्म्स को सिर्फ शिकायत का इंतजार नहीं करना चाहिए. उन्हें ऑटोमेटेड टूल और ह्यूमन मॉडरेशन के जरिए ऐसे कंटेंट की पहचान करनी होगी. आपत्तिजनक सामग्री को प्रोएक्टिव तरीके से हटाना होगा. इससे गलत कंटेंट के तेजी से फैलने पर रोक लगेगी. सरकार ने इसे प्लेटफॉर्म की बुनियादी जिम्मेदारी बताया है.

नियम न माने तो क्या होगी कार्रवाई

अगर प्लेटफॉर्म नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें सेफ हार्बर सुरक्षा नहीं मिलेगी. इसका मतलब है कि थर्ड पार्टी कंटेंट की जिम्मेदारी सीधे प्लेटफॉर्म पर आएगी. कंपनी के अधिकारियों पर आपराधिक कार्रवाई भी हो सकती है. भारी जुर्माना लगाया जा सकता है. जरूरत पड़ने पर भारत में सेवा ब्लॉक करने तक का कदम उठाया जा सकता है.

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15 दिन में देनी होगी रिपोर्ट

सरकार ने सभी प्लेटफॉर्म्स से 15 दिन के भीतर अनुपालन रिपोर्ट मांगी है. इसमें हटाए गए कंटेंट की संख्या और शिकायत निवारण का ब्योरा देना होगा. साथ ही भविष्य में ऐसे कंटेंट को रोकने के लिए उठाए गए कदम भी बताने होंगे. हाल के महीनों में वायरल हुए कई मामलों के बाद सरकार सख्त हुई है. उद्योग संगठनों ने भी एडवाइजरी मिलने की पुष्टि की है.