ईरानी मिसाइलें बरसीं, लेकिन अदाणी के बंदरगाह पर कोई असर नहीं; जानिए क्या हुआ हाइफा में
ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसमें एक भारतीय कंपनी का नाम भी शामिल है. मिसाइलें गिरीं, धमाके हुए, लेकिन कुछ ऐसा हुआ जिसने सबको चौंका दिया. जानिए क्या है पूरी हकीकत, और भारत से इसका क्या है सीधा कनेक्शन...
Adani Haifa Port: इरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच शनिवार की रात ईरान ने इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया. इन हमलों में इजराइल के हाइफा बंदरगाह और पास की एक तेल रिफाइनरी को निशाना बनाया गया था. लेकिन इस बीच राहत की बात यह रही कि अदाणी समूह द्वारा संचालित हाइफा बंदरगाह को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा और इसका संचालन पूरी तरह सामान्य बना हुआ है. PTI ने अपने सूत्रों के हवाले से ये रिपोर्ट किया है.
रासायनिक टर्मिनल में गिरे शार्पनेल, कोई हताहत नहीं
सूत्रों के मुताबिक हमले के दौरान बंदरगाह के रासायनिक टर्मिनल में शार्पनेल गिरे जबकि कुछ अन्य प्रक्षेपास्त्र पास की तेल रिफाइनरी में गिरे. हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. एक सूत्र ने बताया कि ‘‘बंदरगाह में इस वक्त आठ जहाज मौजूद हैं और माल ढुलाई सामान्य रूप से जारी है.’’
सूत्रों ने दावा किया कि अदाणी समूह के स्वामित्व वाले हाइफा पोर्ट को किसी भी प्रकार का भौतिक नुकसान नहीं पहुंचा है और संचालन में कोई बाधा नहीं आई है. रविवार को बंदरगाह पर लगभग 700 कर्मचारी कार्यरत थे और सभी गतिविधियां सामान्य रूप से चल रही थीं. बंदरगाह इजराइली परिवहन मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है और सभी सुरक्षा व प्रशासनिक दिशानिर्देशों का पालन कर रहा है.
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चीनी बंदरगाह भी सुरक्षित, हाइफा से इजराइली आयात का 30% होता है हैंडल
हाइफा बंदरगाह के पास स्थित चीनी बंदरगाह को लेकर भी यही जानकारी दी गई कि वहां का संचालन भी सामान्य है. हाइफा बंदरगाह इजराइल के लिए एक अहम समुद्री केंद्र है जहां से देश के कुल आयात का 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सा आता है.
हाइफा पोर्ट का स्वामित्व अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड के पास है जो इसमें 70 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है. हालांकि, अदाणी पोर्ट्स के कुल कार्गो में हाइफा की हिस्सेदारी तीन प्रतिशत से कम है और मुनाफे में यह केवल दो प्रतिशत से भी कम योगदान देता है.