ट्रम्प के टैरिफ से चीन को बड़ा झटका, छोटे व्यापारियों पर मंडराया संकट; अमेरिका को पार्सल भेजने में 40 फीसदी की गिरावट
ट्रम्प प्रशासन द्वारा चीनी उत्पादों पर लगाए गए नए टैरिफ के चलते अमेरिका को चीन से होने वाले पार्सल निर्यात में 40 फीसदी की गिरावट आई है. Shein और Temu जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों पर बड़ा असर पड़ा है, जबकि छोटे व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है.
Trump Tariff Impact: चीनी निर्यातक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए व्यापक टैरिफ की कीमत चुका रहे हैं. टैरिफ के चलते उन्हें भारी नुकसान हुआ है. मई महीने में अमेरिका को चीन से होने वाले कम कीमत वाले पार्सल के निर्यात में 40 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. यह गिरावट ट्रम्प प्रशासन द्वारा सस्ते चीनी उत्पादों पर 54 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाने की योजना के चलते हुई है, जिससे चीन की ई-कॉमर्स कंपनियों और छोटे व्यापारियों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
चीनी अर्थव्यवस्था पर भारी प्रभाव
चीन के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम्स (GAC) द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार, मई में अमेरिका को चीन से छोटे पार्सल निर्यात घटकर करीब 1 अरब डॉलर रह गया, जो 2023 की शुरुआत के बाद से सबसे कम है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यह गिरावट चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में एक बड़े उलटफेर का संकेत देती है.
इस नीति का सबसे बड़ा असर Shein और Temu जैसी फास्ट-फैशन कंपनियों पर पड़ा है, जो अमेरिकी ग्राहकों को सीधे टैरिफ-मुक्त सामान भेजने पर निर्भर थीं. साथ ही, हजारों छोटे चीनी व्यापारियों को भी नुकसान हुआ है, जो अमेरिकी बाजार में सस्ते उत्पाद बेचकर अपना व्यवसाय चला रहे थे.
हर पार्सल पर हो रहा इतना नुकसान
कुनमिंग स्थित धूप-अगरबत्ती निर्माता कंपनी ‘शांतिवाले’ के मालिक वांग यूहाओ ने ब्लूमबर्ग को बताया, “इस छूट के बिना, हमारे लिए बिजनेस करना मुश्किल होगा, ग्राहकों के पास कम विकल्प होंगे और कीमतें बढ़ सकती हैं.” उन्होंने कहा कि नए टैरिफ और लॉजिस्टिक शुल्क के कारण प्रत्येक पार्सल पर उन्हें लगभग 2 डॉलर का नुकसान हो रहा है.
इससे बचने के लिए कई चीनी व्यवसायियों ने अमेरिकी वेयरहाउस में बल्क शिपमेंट भेजने का रास्ता अपनाया है, लेकिन इसके लिए इन्वेंट्री और स्टोरेज पर 100,000 युआन (13,800 डॉलर) से अधिक का निवेश करना पड़ता है.
“De Minimis” नियम में बदलाव का असर
इस गिरावट का प्रमुख कारण चीन और हांगकांग से अमेरिका जाने वाले पार्सल के लिए “De Minimis” नियम में दी गई छूट का खत्म होना है. पहले 800 डॉलर से कम कीमत वाले पार्सल अमेरिका में टैरिफ-मुक्त प्रवेश कर सकते थे, लेकिन 2 मई के बाद से इन पर 54 फीसदी तक का शुल्क लगाया जा रहा है.
ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि यह कदम चीनी कंपनियों को मिलने वाले “अनफेयर लूपहोल” को खत्म करने के लिए उठाया गया है. ब्लूमबर्ग के अनुसार, नए टैरिफ लागू होने के एक सप्ताह के भीतर ही Shein और Temu की बिक्री में दो अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जो इन कंपनियों की लोकप्रियता पर पड़ने वाले प्रभाव को दिखाता है.
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अमेरिका अभी भी चीन का सबसे बड़ा निर्यात बाजार
हालांकि, अमेरिका अब भी चीन के छोटे पार्सल निर्यात का सबसे बड़ा जगह बना हुआ है. मलेशिया दूसरे स्थान पर है, जहां पिछले महीने 700 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के पार्सल भेजे गए. वहीं, चीन के वैश्विक छोटे पार्सल निर्यात में मई में साल-दर-साल 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जिसमें बेल्जियम, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और हंगरी प्रमुख जगह रहे.