कितना पावरफुल है B-2 बॉम्बर, ईरान को चारों तरफ से घेर रखा है अमेरिका; जानें कहां-कहां से कर सकता है हमला

B-2 Bomber: अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट पर B2 बॉम्बर से हमला किया है. ईरान ने हमले की पुष्टि की और जवाबी कार्रवाई की धमकी भी दी है. मध्य पूर्व में अमेरिकी ठिकाने कई जगह हैं जिसने ईरान को चौतरफा घेर रखा है. चलिए जानते हैं कहां-कहां हैं अमेरिकी सैन्य ठिकाने और कितना पावरफुल है बी-2 बॉम्बर

अमेरिका ने ईरान पर किया हमला Image Credit: Money9live/Canva

US Attacks Iran: अमेरिका ने ईरान की 3 न्यूक्लियर साइट पर हमला कर दिया है. इसमें अमेरिका ने सबसे खतरनाक B2 बॉम्बर का भी इस्तेमाल किया है. ईरान के स्टेट मीडिया ने भी इस हमले की पुष्टि की है. लेकिन इसके बाद मामला और खतरनाक होता दिख रहा है, क्योंकि अब ईरान भी पलटवार कर सकता है. इसकी आशंका इसलिए है क्योंकि ईरान ने भी धमकी दे दी है. स्टेट मीडिया IRNA पर एक टिप्पणीकार ने कहा कि “अब अमेरिका में हर अमेरिकी नागरिक या सैन्यकर्मी एक टारगेट है.” किन जगहों पर ईरान अमेरिका को टारगेट कर सकता है. लेकिन दूसरी तरफ ईरान को अमेरिका ने चारों तरफ से घेरा हुआ है. मिडिल ईस्ट में अमेरिका के कई सैन्य ठिकाने हैं. चलिए जानते हैं और B2 बॉम्बर कितना खतरनाक है ये भी समझते हैं.

ईरान के चारों तरफ यहां हैं अमेरिकी ठिकाने

बता दें कि पूरे मिडिल ईस्ट में हजारों अमेरिकी सैनिक जगह-जगह तैनात हैं.

  • एक है अल-असद एयर बेस. ईरान के पड़ोसी देश इराक की राजधानी बगदाद से लगभग 240 किलोमीटर पश्चिम में स्थित एक इराकी ठिकाना है जिसे इराक और अमेरिका की एयरफोर्स मिलकर चलाती हैं. यहां हजारों अमेरिकी सैनिक तैनात हैं. बता दें कि हाल के वर्षों में ईरान और उसके सहयोगियों ने इस पर कई बार हमले किए हैं.
  • इसके अलावा सीरिया में अमेरिकी सैना की मौजूदगी 8 ठिकानों पर थी. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने कहा था कि वो इन्हें घटाकर एक जगह पर कर चुका है. ये जगह दक्षिणी सीरिया में इराक और जॉर्डन की सीमा के पास टनफ में है.
  • खाड़ी के देश बहरीन में अमेरिकी 5वीं फ्लीट का मुख्यालय है और लगभग 8,300 सैनिक तैनात हैं.
  • कतर में स्थित अल-उदीद एयर बेस शामिल हैं जो मध्य पूर्व में सबसे बड़ा अमेरिकी अड्डा है. दोहा से करीब 33 किमी दक्षिण पश्चिम में स्थित यह अड्डा यूएस सेंट्रल कमांड का फॉरवर्ड कमांड पोस्ट है और 10,000 से अधिक सैनिकों को समायोजित कर सकता है.
  • अन्य ठिकानों में कुवैत का कैंप बुएरिंग और अली अल-सलेम एयर बेस है
  • संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का अल-धफरा एयर बेस शामिल हैं जहां एयर फोर्स का 380वां एयर एक्सपीडिशनरी विंग तैनात है.

ईरान भी ले सकता है बदला?

दरअसल अमेरिका के इस हमले से पहले कई बार ईरान के नेताओं ने बार-बार चेतावनी दी थी कि अगर हमला हुआ तो जवाबी कार्रवाई जरूर होगी. वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के रक्षा मंत्री अजीज नसीरजादेह ने 11 जून को कहा था, “सभी अमेरिकी ठिकाने हमारी पहुंच में हैं और हम उन्हें निडर होकर निशाना बनाएंगे.” यहां उन अमेरिकी ठिकानों की बात हो रही है जो मिडिल ईस्ट में हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान हाल ही में कतर को चेतावनी दे चुका है कि वो खाड़ी में अमेरिकी ठिकाने को टारगेट कर सकता है. खाड़ी में अमेरिकी दूतावासों और राजनयिक परिसरों पर भी हमला हो सकता है. वहीं ईरान समर्थित आतंकी भी क्षेत्र में अमेरिका को निशाना बना सकते हैं.

क्या है B2 बॉम्बर, कितना खतरनाक

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने ईरान की न्यूक्लियर साइट पर हमले में बी-2 बॉम्बर का भी इस्तेमाल किया है.

बी-2 स्टील्थ बॉम्बर अमेरिका का सबसे एडवांस और स्ट्रेटेजिक हथियार है जो एयर डिफेंस सिस्टम को भी भेद सकता है और उन टारगेट पर सटीक हमला कर सकता है जो लगभग अभेद्य हो चुके हैं जैसे कि ईरान की सीक्रेट न्यूक्लियर रिसर्च साइट नेटवर्क.

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कितनी है कीमत

बी-2 एक तरह का सैन्य एयरक्राफ्ट है जो अमेरिका का अब तक का सबसे महंगा विमान है. इसकी कीमत 2.1 अरब डॉलर से अधिक है. अमेरिका ने इसे 1980 के दशक के अंत में बनाना शुरू किया था.

इस बॉम्बर की सीमा 6,000 समुद्री मील से अधिक है जिससे यह अमेरिका की मुख्य भूमि से दुनिया में कहीं भी हमला कर सकता है. अगर इसमें दोबारा फ्यूल डाल दिया जाए तो यह लगभग किसी भी टारगेट तक पहुंच सकता है जैसा कि मिसौरी से अफगानिस्तान और लीबिया तक के अभियानों में देखा गया है.

इसके नाम में स्टील्थ इसलिए जुड़ा है क्योंकि इसका मतलब अदृश्य होता है. इसे कोई रडार डिटेक्ट नहीं कर सकता है.