भारत में चीनी उत्पादन में दिख सकती है बड़ी छलांग, ISMA ने लगाया अनुमान; किसानों और व्यापारियों को होगा फायदा

भारत में 2025-26 चीनी सीजन के दौरान 18 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 34.9 मिलियन टन उत्पादन का अनुमान लगाया गया है. ISMA के अनुसार, बेहतर मानसून, गन्ने की पैदावार और एथेनॉल उत्पादन के लिए डायवर्जन से यह उछाल संभव है. रिपोर्ट में 2 मिलियन टन निर्यात की संभावना और घरेलू खपत के लिए 30 मिलियन टन सप्लाई की बात कही गई है. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक प्रमुख योगदानकर्ता रहेंगे.

चीन उत्पादन Image Credit: Freepik.com

Sugar Production India 2025: अगले सीजन (2025-26) में भारत का चीनी उत्पादन 18 फीसदी बढ़कर 34.9 मिलियन टन होने का अनुमान है, जिससे देश को 2 मिलियन टन चीनी का निर्यात करने का अवसर मिल सकता है. इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) के ताजा अनुमान के मुताबिक, बेहतर मानसून, गन्ने की बढ़ी हुई पैदावार और एथेनॉल उत्पादन के लिए अधिक चीनी के इस्तेमाल से यह बढ़ोतरी संभव होगी. साथ ही, इस साल चीनी उद्योग के लिए निर्यात और घरेलू आपूर्ति को लेकर नई संभावनाएं भी खुल रही हैं. आइए विस्तार से जानते हैं कि यह बढ़ोतरी किसानों, उद्योग और अर्थव्यवस्था के लिए कैसे फायदेमंद साबित हो सकती है.

उत्पादन बढ़ने के कारण

ISMA के अनुसार, 2025-26 सीजन में चीनी उत्पादन में बढ़ोतरी का मुख्य कारण 2024-25 में गन्ने के उत्पादन में संभावित 42 फीसदी वृद्धि है, जो पिछले साल के 9.33 मिलियन टन के मुकाबले 13.26 मिलियन टन होने का अनुमान है. इसकी वजह बेहतर मानसून, उपज में सुधार और रकबे में मामूली बढ़ोतरी है.

संघ के अध्यक्ष गौतम गोयल ने पहले प्रारंभिक अनुमान को जारी करते हुए कहा कि अगले सीजन में चीनी उत्पादन अधिक होने की संभावना को देखते हुए 2025-26 में 2 मिलियन टन चीनी के निर्यात की गुंजाइश है. उन्होंने यह भी कहा कि एथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी का डायवर्जन बढ़कर 5 मिलियन टन हो सकता है, जो चालू सीजन में 3.5 मिलियन टन है.

घरेलू आपूर्ति और स्टॉक की स्थिति

एथेनॉल के लिए डायवर्जन के बाद, अगले सीजन में 30 मिलियन टन ताजा चीनी और 5.2 मिलियन टन पुराना स्टॉक घरेलू खपत को पूरा करने के लिए उपलब्ध होगा. ISMA ने अगले सीजन में घरेलू खपत 28.5 मिलियन टन रहने का अनुमान जताया है. गोयल ने चेतावनी दी कि चीनी उत्पादन के अधिक होने की संभावना को देखते हुए सरकार को समय रहते एथेनॉल के लिए अधिक चीनी डायवर्जन और निर्यात की अनुमति देनी चाहिए. यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई, तो इस क्षेत्र में समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

प्रमुख उत्पादक राज्यों का योगदान

ISMA के पहले अनुमान के अनुसार, 2025-26 सीजन में शीर्ष चीनी उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश का उत्पादन 10.25 मिलियन टन, महाराष्ट्र का 13.26 मिलियन टन और कर्नाटक का 6.61 मिलियन टन रहने की संभावना है.

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निर्यात और आयात की स्थिति

चालू 2024-25 सीजन (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन 26.10 मिलियन टन रहने का अनुमान है और सरकार ने 1 मिलियन टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है. ISMA ने सरकार से 2025-26 में 2 मिलियन टन चीनी निर्यात, एथेनॉल के लिए अधिक डायवर्जन, चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी, और B मोलासेस व गन्ने के रस से बने एथेनॉल की कीमतों में संशोधन की मांग की है.

मौसम की भूमिका और भविष्य के अनुमान

ISMA ने कहा कि हालांकि दक्षिण-पश्चिम मानसून का अभी केवल आधा समय बीता है और फसल प्रारंभिक अवस्था में है, जिससे उत्पादन पर कई कारकों का असर पड़ सकता है, फिर भी वर्तमान स्थिति के आधार पर यह प्रारंभिक अनुमान जारी किया गया है. अगला अनुमान सितंबर में जारी किया जाएगा.