देश में रिकॉर्ड तोड़ गेहूं की खरीद, पंजाब में सबसे ज्यादा किसानों ने बेचा अनाज; जानें हरियाणा, राजस्थान का हाल
इस साल देश में गेहूं की रिकॉर्ड खरीद हो रही है, 15 मार्च से 23 अप्रैल तक सरकारी एजेंसियों ने 18.39 मिलियन टन गेहूं खरीदा, जो पिछले साल से 54 फीसदी ज्यादा है. पंजाब और हरियाणा सबसे बड़े योगदानकर्ता हैं. सरकार 2025-26 विपणन वर्ष में 31.2 मिलियन टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिससे कीमतों पर नियंत्रण और कल्याणकारी योजनाओं को समर्थन मिलेगा.
Wheat Procurement: इस साल देश में गेहूं की रिकॉर्ड तोड़ खरीद हो रही है. 15 मार्च से 23 अप्रैल के बीच देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में सरकारी एजेंसियों ने 18.39 मिलियन टन (MT) से ज्यादा गेहूं खरीदा है, जो पिछले मार्केटिंग वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 54 फीसदी अधिक है. पिछले साल इसी अवधि में सरकार ने 11.92 मिलियन टन गेहूं खरीदा था. बता दें कि गेहूं का मार्केटिंग वर्ष 15 मार्च से 30 जून तक चलता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा गेहूं की खरीद पंजाब में हुई है. यहां पर 23 अप्रैल तक 5.92 मिलियन टन गेहूं खरीदा गया है. पिछले साल इसी समय तक पंजाब में 3.49 मिलियन टन खरीद हुई थी. इस बार पंजाब में खरीद प्रक्रिया की शुरुआत थोड़ी देरी से हुई थी और बैसाखी (13 अप्रैल) के बाद से खरीद तेजी से बढ़ी है. हालांकि आने वाले दिनों में गेहूं की आवक और तेज होने की उम्मीद है.
पंजाब में 12.4 मिलियन टन गेहूं खरीद का टारगेट
पंजाब के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले के मंत्री लाल चंद कटारूचक ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि मंडियों में रोजाना गेहूं की आवक 5 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचाई जाए. सरकारी एजेंसियां पंजाब से 12.4 मिलियन टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं.
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इस राज्य का सबसे ज्यादा योगदान
पंजाब के बाद हरियाणा का नंबर आता है, जहां 23 अप्रैल तक 5.66 मिलियन टन गेहूं खरीदा गया है, जो पिछले साल इसी समय 4.81 मिलियन टन था. हरियाणा में सरकार 7.5 मिलियन टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रख रही है. केंद्रीय गेहूं भंडार में सबसे बड़ा योगदान पंजाब और हरियाणा का है. एक और अहम वजह यह है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकारों ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,425 रुपये प्रति क्विंटल के अलावा अतिरिक्त बोनस देने का फैसला किया है, जिसका अच्छा असर देखने को मिल रहा है.
इस साल मध्य प्रदेश में गेहूं खरीद 5.40 मिलियन टन तक पहुंच गई है, जबकि पिछले साल यह 2.97 मिलियन टन थी. वहीं राजस्थान में इस साल 0.82 मिलियन टन गेहूं खरीदा गया, जबकि पिछले साल केवल 0.23 मिलियन टन खरीदी हुई थी. मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का ऐलान किया है, जबकि राजस्थान सरकार ने 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस घोषित किया है.
किस राज्य में कितनी होगी खरीद
कुल मिलाकर, 2025-26 विपणन सीजन में सरकार किसानों से 31.2 मिलियन टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य लेकर चल रही है. इसमें पंजाब से 12.4 मिलियन टन, हरियाणा से 7.5 मिलियन टन, मध्य प्रदेश से 6 मिलियन टन, उत्तर प्रदेश से 3 मिलियन टन और राजस्थान से 2 मिलियन टन गेहूं खरीदने की योजना है. साल 2024-25 विपणन वर्ष में सरकार ने कुल 26.6 मिलियन टन गेहूं खरीदा था. इस बार खरीद बढ़ने से सरकार को गेहूं की कीमतों पर काबू पाने और कई कल्याणकारी योजनाओं के लिए अनाज उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी.
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गेहूं उत्पादन 115.43 मिलियन टन रहने का अनुमान
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक, 2024-25 रबी सीजन में गेहूं उत्पादन 115.43 मिलियन टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के 113.29 मिलियन टन से ज्यादा है. 2 फीसदी की यह बढ़ोतरी अनुकूल मौसम और किसी भी प्राकृतिक आपदा के न होने की वजह से संभव हुई है.