पिछले साल के मुकाबले 46 फीसदी अधिक हुई गेहूं की खरीद, 19 मिलियन टन के पार पहुंचा आंकड़ा
केंद्र सरकार ने 2021-22 में रिकॉर्ड 43.34 मिलियन टन (एमटी) गेहूं खरीदा था, लेकिन इसके बाद पिछले तीन वर्षों से खरीद लक्ष्य पूरे नहीं हो पा रहे हैं. सरकार ने 2022-23 में 18.79 मिलियन टन गेहूं खरीदा जबकि, लक्ष्य 44.4 मिलियन टन था. इसी तरह साल 2023-24 में 26.2 मिलियन टन गेहूं खरीदा गया, जबकि लक्ष्य 34.15 मिलियन टन था.
Wheat Procurement: गेहूं की खरीद करीब 20 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंचने के बाद अब इसकी रफ्तार धीमी पड़ने लगी है, क्योंकि पंजाब और हरियाणा में अनाज के आवक में कमी दिखी जा रही है. 24 अप्रैल तक कुल खरीद 19.86 एमटी रही, जो पिछले साल इसी समय 13.58 एमटी थी. यानी इसमें 46 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 24 अप्रैल को दैनिक खरीद 1.47 एमटी रही, जबकि पिछले साल इसी दिन 1.67 एमटी थी. यानी इस साल 11.5 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई. वहीं, 21 अप्रैल को खरीद 14.1 फीसदी बढ़ी थी.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि रोजाना की खरीद में गिरावट नहीं आई है, बल्कि पिछले साल के मुकाबले इस बार कटाई देर से हुई है, इसलिए आंकड़े ऊपर दिख रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 7-10 दिनों में निजी खरीद, खासकर उत्तर प्रदेश में बढ़ी है, जिससे गेहूं के दाम में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है. वहीं, पंजाब और हरियाणा के कुछ जिलों से यह रिपोर्ट्स आ रही हैं कि वहां गेहूं का भंडारण बढ़ रहा है, क्योंकि अनाज को बाहर भेजने की प्रक्रिया धीमी है. सूत्रों के मुताबिक, कुछ नए बनाए गए साइलो पहले ही भर चुके हैं और सरकार अतिरिक्त रेल रेक्स (rakes) की व्यवस्था कर रही है, ताकि गेहूं को जल्द से जल्द अन्य राज्यों में भेजा जा सके.
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पिछले साल यह आंकड़ा 5.19 एमटी था
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस सीजन 24 अप्रैल तक पंजाब में गेहूं खरीद 6.84 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच गई है, जो देर से शुरू होने के बावजूद बाकी सभी राज्यों से आगे है. पिछले साल इसी समय तक पंजाब में 4.58 एमटी की खरीद हुई थी. वहीं, हरियाणा में अब तक 5.89 एमटी गेहूं खरीदा जा चुका है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 5.19 एमटी था. हमेशा की तरह, इन दोनों राज्यों से इस बार भी केंद्रीय भंडार में बड़ा योगदान रहने की उम्मीद है.
राज्य सरकारों से मिले फीडबैक के आधार पर, केंद्र सरकार ने इस साल कुल 31.27 एमटी गेहूं खरीदने का लक्ष्य तय किया है. इसमें पंजाब से 12.4 एमटी, हरियाणा से 7.5 एमटी, मध्य प्रदेश से 6 एमटी, उत्तर प्रदेश से 3 एमटी, राजस्थान से 2 एमटी, बिहार से 0.2 एमटी और गुजरात से 0.1 एमटी गेहूं खरीदे जाने का अनुमान है. कृषि मंत्रालय का अनुमान है कि 2024-25 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 115.43 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच सकता है, जो 2023-24 के 113.29 एमटी से ज्यादा है.
मध्य प्रदेश में 5.65 एमटी गेहूं खरीदा गया
आंकड़ों के मुताबिक, इस साल मध्य प्रदेश में 15 मार्च से खरीद शुरू होने के बाद अब तक फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) ने 5.65 एमटी गेहूं खरीदा है, जबकि पिछले साल इसी समय तक 3.11 एमटी खरीदी गई थी. राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,425 रुपये प्रति क्विंटल के ऊपर 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की है. पिछले साल पूरे सीजन में मध्य प्रदेश से 4.84 एमटी गेहूं खरीदा गया था.
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राजस्थान में गेहूं खरीद के आंकड़े
वहीं राजस्थान में, जहां सरकार ने ‘फेयर एवरेज क्वालिटी’ (FAQ) मानकों में ढील दी है, वहां अब तक 0.88 एमटी गेहूं खरीदा जा चुका है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 0.26 एमटी से भी कम था. राज्य सरकार द्वारा बोनस देने की वजह से इस बार खरीद लक्ष्य 2 एमटी के करीब पहुंचने की उम्मीद है. हालांकि, उत्तर प्रदेश अब भी चिंता का कारण बना हुआ है, क्योंकि वहां गेहूं खरीद की रफ्तार में कोई खास सुधार नहीं हुआ है, जबकि निजी व्यापारियों को राज्य से अनाज बाहर भेजने के लिए रेक्स देने पर अनौपचारिक रोक लगी हुई है. सूत्रों के मुताबिक, शाहजहांपुर जैसे प्रमुख गुणवत्ता वाले गेहूं उत्पादक इलाके में व्यापारी 2600-2650 रुपये प्रति क्विंटल तक कीमत दे रहे हैं