Prashant Srivastav

करीब 18 साल से पत्रकारिता जगत से नाता बना हुआ है। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी डिजिटल, टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन में काम करने का मौका मिला। इस समय money9live.com में टीम लीड के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा हूं। करियर का पहला ब्रेक ईटीवी से टेलीविजन के जरिए हुआ। यहां पर टेलीविजन पत्रकारिता की बारीकियों को समझने का मौका मिला। इसके बाद अगला पड़ाव दिल्ली स्थित दैनिक भास्कर समूह का बिजनेस भास्कर रहा। यहां से बिजनेस पत्रकारिता में कदम रखा। और यह सफर वित्त मंत्रालय की रिपोर्टिंग से लेकर बैंकिंग, इंश्योरेंस, ऑटो, एफएमसीजी, एमएमएमई, टेलीकॉम सेक्टर की ग्राउंड रिपोर्ट से लेकर कॉरपोरेट जगत की खबरें और इकोनॉमी से जुड़ी खबरों से गुजरते हुए अमर उजाला, मनी भास्कर वेबसाइट से होकर आउटलुक मैगजीन और टाइम्स नाउ हिंदी डिजिटल तक पहुंचा।

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Prashant Srivastav

पाकिस्तान सरकार को अब ऐसे फैसले लेने पड़ रहे हैं. जो उसके लिए किसी गुलामी से कम नहीं है. आईएमएफ के दबाव में शहबाज शरीफ सरकार ने पिछले 50 साल से चली आ रही, फसलों पर दी जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था को खत्म करने का फैसला कर लिया है.

योजना के लिए आवेदन की विंडो दो सप्ताह में खुल सकती है. यह कम-से-कम 120 दिन तक खुली रहेगी.आवेदक को आवेदन मंजूर होने की तारीख से तीन साल के भीतर इलेक्ट्रिक यात्री वाहन के लिए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के साथ ऑपरेशन भी शुरू करना होगा.आवेदन पत्र दाखिल करते समय आवेदक को पांच लाख रुपये का आवेदन शुल्क भी जमा करना होगा.

BSNL एक समय भारत सरकार की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली सरकारी कंपनी थी. टेलीकॉम क्षेत्र में उसका एकछत्र राज था. लेकिन उसका जब बुरा दौर शुरू हुआ तो उसका घाटा 15500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. और वह इस लेवल पर पहुंच गई कि इसे बेचने तक की बातें होने लगी.

मुकेश और अनिल अंबानी 2005 में अलग हुए थे तो ये किसी नहीं सोचा था कि अनिल अंबानी एक समय डिफॉल्टर हो जाएंगे. लेकिन अब अनिल अंबानी की किस्मत पलट रही है. कंपनियां कर्ज मुक्त हो रही है. उन्हें देश और विदेश में बड़े बिजनेस मौके मिल रहे हैं. अनिल अंबानी के पुत्र, जय अनमोल और जय अंशुल अंबानी, समूह के रिवाइवल में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.

नक्सलियों की बीते दशक में सफलता की एक बड़ी वजह बसवराजू की गोरिल्ला युद्ध रणनीति भी थी. जिसकी वजह से नक्सलियों के कई ऑपरेशन सफल हुए. इसी कड़ी में साल 2013 में छत्तीसगढ़ के झीरम घाटी में कांग्रेस की पूरी नेतृत्व लाइन को ही खत्म कर देने वाला नरसंहार बेहद चर्चा में रहा था.

कलादान  मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट अब केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर योजना नहीं रही, बल्कि यह भारत की रणनीतिक नीति का केंद्र बिंदु बन चुकी है.बांग्लादेश के साथ संबंधों में अनिश्चितता के बीच, यह प्रोजेक्ट भारत के लिए पूर्वोत्तर राज्यों तक बिना किसी अड़चन के  पहुंच सुनिश्चित करने का जरिया बन रही है. हालांकि इसके समक्ष रखाइन की अस्थिरता जैसी चुनौतियां हैं,लेकिन भारत इस बार इसे अधूरा छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहा है.

आपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ नई लकीर खींच दी है. और अब भारत नए पैमाने के आधार पर आतंक के खिलाफ कार्रवाई करेगा. भारत पाकिस्तान से केवल पाक अधिकृत कश्मीर पर ही बात करेगा. मोदी ने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान आतंक को पनाह देना बंद नहीं करेगा, तो पाकिस्तान खुद ही मिट्टी में मिल जाएगा.

युद्ध विराम को लेकर दोनों देशों की भाषाओं से ही समझ में आता है कि इस 4 दिन के आंशिक युद्ध में भारत ने कैसे पाकिस्तान को धूल चटाई है. भारत ने साफ कर दिया अब वह आतंक के किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा. यानी पाकिस्तान अगर भविष्य में कोई आतंकी हमला करता है तो उसे युद्ध माना जाएगा.