अनिल अंबानी इस बार ये गलतियां नहीं कर रहे हैं रिपीट, जिससे पलटी किस्मत; क्या मिलेगा पुराना रुतबा

मुकेश और अनिल अंबानी 2005 में अलग हुए थे तो ये किसी नहीं सोचा था कि अनिल अंबानी एक समय डिफॉल्टर हो जाएंगे. लेकिन अब अनिल अंबानी की किस्मत पलट रही है. कंपनियां कर्ज मुक्त हो रही है. उन्हें देश और विदेश में बड़े बिजनेस मौके मिल रहे हैं. अनिल अंबानी के पुत्र, जय अनमोल और जय अंशुल अंबानी, समूह के रिवाइवल में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.

अनिल अंबानी का कमबैक

Anil Ambani Comeback Story And Past Mistakes: धीरूभाई अंबानी के मौत के बाद जब उनके दोनों रतन मुकेश और अनिल अंबानी 2005 में अलग हुए थे तो ये किसी नहीं सोचा था कि अनिल अंबानी एक समय डिफॉल्टर हो जाएंगे. पिछले कुछ बरसों में हालत ऐसी हो गई कि अनिल अंबानी की कंपनियां बिकने लगीं और वह अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए. हालात ऐसे हो गए कि अनिल अंबानी कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंस गए. लेकिन कहते हैं न, समय हमेशा एक जैसा नहीं होता है.

अब कुछ ऐसा ही अनिल अंबानी के साथ हो रहा है. उनकी किस्मत पलट रही है. कर्ज में डूबे रहने वाली अनिल अंबानी की कंपनियां कर्ज मुक्त हो रही है. उन्हें देश और विदेश में बड़े बिजनेस मौके मिल रहे हैं. आलम यह है कि उनकी दो कंपनियां रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रा उनके लिए पारस पत्थर बन गई हैं. अनिल अंबानी के इस कमबैक के पीछे उनकी सीख है. जो उन्होंने अपने बिजनेस पीरियड के पहले दौर की गलतियों से सीखा है. यह वो बड़ी गलतियां थी जिसकी वजह से अनिल अंबानी दुनिया के छठे सबसे अमीर शख्स के पायदान से गिरकर ऐसे मुकाम पर पहुंच गए थे कि उन पर गिरफ्तारी का डर सता रहा था. तो आइए हम जानते हैं कि अनिल अंबानी इस बार ऐसा क्या कर रहे हैं. जिससे उनकी किस्मत पलट गई हैं.

RPower और RInfra ने बदली किस्मत

सबसे पहले बात उन दो कंपनियों की, जो अनिल अंबानी के लिए पारस पत्थर बनी हुई हैं. बुरे दौर में अनिल अंबानी के लिए रिलायंस पावर सबसे पहली उम्मीद बनी. उसने हाल ही में जब चौथी तिमाही के रिजल्ट जारी किए तो अनिल अंबानी के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई. रिलायंस पावर का शुद्ध मुनाफा तिमाही आधार पर 199 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 125.57 करोड़ रुपये रहा. इसके अलावा कंपनी ने यह भी ऐलान किया कि उस पर अब कोई कर्ज नहीं बचा है. कंपनी का दावा है कि उसने सभी उधार चुका दिए हैं और कोई डिफॉल्ट नहीं है. कंपनी ने पिछले 12 महीने में कर्ज 5,338 करोड़ रुपये के कर्ज चुकाए हैं.

इसी तरह रिलायंस इंफ्रा भी कर्ज मुक्त हो गई है. कंपनी ने ऐलान किया है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया गया पूरा कर्ज चुका दिया गया है. वित्त वर्ष 2025 के दौरान कंपनी ने कुल 3,298 करोड़ का लोन चुकाया है. वहीं कंपनी ने तिमाही के दौरान 4,387 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड प्रॉफिट दर्ज किया.

अनिल अंबानी पर ये गलतियां पड़ी भारी

साफ है कि अनिल अंबानी ने रिवाइवल की राह जो पकड़ी है. उसे हासिल करने में उन्हें पुरानी गलतियों से मिली सीख भी है. ये वो गलतियां थी जिन्होंने अनिल अंबानी को अर्श से फर्श पर ला दिया था. साल 2008 में अनिल अंबानी के पास 3.5 लाख करोड़ की संपत्ति हुआ करती थी. बंटवारे में मिले बिजनेस चाहे टेलिकॉम हो या फिर पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की कंपनियां, सभी पर अनिल अंबानी अंधाधुंध दांव लगा रहे थे. लेकिन यहीं उनसे चूक हो गई और फिर वह संभल नहीं पाए. इस दौरान उनसे जो गलतियां हुईं उससे उबरने में उन्हें आज तक कोशिश करनी पड़ रही है. स्थिति ऐसी हो गई कि 3.5 लाख करोड़ की दौलत का मालिक 500 करोड़ रुपये के लिए जेल जाने की स्थिति में आ गया और उस वक्त उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी ने रकम चुकाकर उन्हें जेल जाने से बचाया..

आक्रामक विस्तार ने बढ़ाया कर्ज

अनिल अंबानी ने टेलीकॉम, पावर, इंफ्रास्ट्रक्चर और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में तेजी से विस्तार किया, जिसके लिए उन्होंने भारी कर्ज लिया. मसलन सासन पावर प्रोजेक्ट की लागत अनुमान से 1.45 लाख डॉलर अधिक हो गई, जिससे कंपनी पर 31,700 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज चढ़ गया. अनिल अंबानी ने ज्यादातर इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों में निवेश किया, जबकि इस सेक्टर में रिटर्न कम और जोखिम ज्यादा था. इस कारण परियोजनाएं अधूरी रह गईं, और पैसा डूबता चला गया

टेलीकॉम सेक्टर में गलत दांव

इसी तरह रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) ने CDMA तकनीक को अपनाया, जबकि बाजार में GSM का दबदबा था. इससे कंपनी की प्रति यूजर औसत राजस्व (ARPU) इंडस्ट्री के औसत से भी कम रहा और RCom 25,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज में डूब गई. 2019 में RCom ने दिवालियापन की कार्यवाही शुरू की अनिल अंबानी को एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये का भुगतान न करने पर जेल की चेतावनी मिली, जिसे उनके भाई मुकेश अंबानी ने चुकाया. 2020 में अनिल अंबानी ने यूके की अदालत में खुद को दिवालिया घोषित किया. इसी तरह Reliance Naval, Reliance Power भी दिवालिया प्रक्रिया में चली गईं.

विदेशी कर्ज पर ज्यादा निर्भरता

अनिल अंबानी के ग्रुप ने अपने व्यापार के विस्तार के लिए भारी कर्ज लिया. खासकर विदेशी मुद्रा में ज्यादा कर्ज लेना परेशानी बन गया. ऐसे में जब रुपये में गिरावट आई और ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई तो कर्ज चुकाना मुश्किल हो गया.

सेबी का शिकंजा

SEBI ने अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों पर रिलायंस होम फाइनेंस से धन की हेराफेरी के आरोप में पांच साल का प्रतिबंध और 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. जांच में पाया गया कि कंपनी ने अयोग्य लोगों को कर्ज दिया, जिनका संबंध समूह के प्रमोटर्स से था. यानी कॉरपोरेट गवर्नेंस में भी चूक हुई.

अहम फैसलेअसरपरिणाम
टेलीकॉम में रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के जरिए आक्रामक निवेशअत्यधिक कर्ज, प्रतिस्पर्धा में पिछड़नाकंपनी दिवालिया हुई, स्पेक्ट्रम नीलाम
विदेशी फंडिंग और लोन पर अत्यधिक निर्भरताकर्ज़ का बोझ तेजी से बढ़ाकई कंपनियों को दिवालिया घोषित करना पड़ा
रिलायंस पावर का IPO (2008)ओवरहाइप और ओवरवैल्यूएशननिवेशकों को भारी नुकसान (599 रुपये पर लिस्ट और 372 रु पर उसी दिन 17 फीसदी गिरकर सेटल हुआ)
असमय और खराब समय पर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेशकैश फ्लो की समस्या, प्रोजेक्ट्स अटक गएकंपनियों की वैल्यूएशन गिरी
भाई मुकेश अंबानी से बंटवारा और गैस कारोबार का छोड़नाएनर्जी सेक्टर में पकड़ कमजोर हुईरिलायंस इंडस्ट्रीज ने तेजी से तरक्की की, RNRL असफल रही

कैसे बदली किस्मत

जैसा कि हमने खबर की शुरुआत में बताया कि अनिल अंबानी की प्रमुख कंपनियां रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने कर्ज मुक्त होने की दिशा में अहम प्रगति की है. रिलायंस पावर ने सितंबर 2024 तक 3,872 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया था. जिससे वह बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कर्ज मुक्त हो गई है। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने 1,525 करोड़ की पूंजी जुटाई है, जिसे बिजनेस विस्तार और रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट में निवेश किया जाएगा. इसी के तहत रिलायंस पावर को भूटान में 2,000 मेगावॉट क्षमता का सोलर प्रोजेक्ट मिला है.यह प्रोजेक्ट भूटान का अब तक का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट है.

रिलायंस डिफेंस की वापसी

अनिल अंबानी एक बार फिर डिफेंस सेक्टर पर दांव लगा रहे हैं. इसके पहले Reliance Naval के रुप में उनका दांव फेल हो चुका है. लेकिन इस बार रिलायंस इंफ्रा के तहत आने वाली रिलायंस डिफेंस कंपनी ने हथियार निर्माता राइनमेटल एजी के साथ पार्टनरशिप की है. डील के तहत दोनों कंपनियां मिलकर तोपखाने के गोले, विस्फोटक और प्रोपेलेंट्स का प्रोडक्‍शन करेगी. जिसकी वार्षिक क्षमता 2,00,000 तोपखाने के गोले, 10,000 टन विस्फोटक और 2,000 टन प्रोपेलेंट्स उत्पादन की होगी. इस डील के तहत महाराष्ट्र के रत्नागिरी में वटद औद्योगिक क्षेत्र में एक ग्रीनफील्ड मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट स्थापित की जाएगी. कंपनी का दावा है कि यह दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी फैक्ट्रियों में से एक होगी.

नेतृत्व में नई पीढ़ी की भागीदारी

अनिल अंबानी के पुत्र, जय अनमोल और जय अंशुल अंबानी, समूह के रिवाइवल में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. जय अनमोल ने रिलायंस कैपिटल को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जबकि जय अंशुल नई परियोजनाओं और निवेशों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. इसके अलावा रिलायंस समूह ने ‘विजन 2030’ के तहत एक कॉर्पोरेट सेंटर की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य विस्तार, इनोवेशन और अगली पीढ़ी के नेताओं को तैयार करना है.