RIL छोड़ इस कंपनी में अंबानी परिवार क्यों लगा रहा अपना पैसा, जानें क्या है मुकेश-नीता का प्लान
फाइनेंशियल सेक्टर में अपना दबदबा बनाने और इसमें पहले से मौजूद दिग्गजों जैसे-बजाज फाइनेंस आदि को टक्कर देने के मकसद से मुकेश अंबानी ने सॉलिड प्लान बनाया है. अंबानी परिवार जियो फाइनेंशियल को मजबूत करने पर फोकस कर रहा है, तो क्या है अंबानी परिवार का प्लान, देखें डिटेल.
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए मुकेश अंबानी ने सॉलिड प्लान बनाया है. अंबानी परिवार इसमें 10,000 करोड़ रुपये का तगड़ा निवेश करने जा रहा है. यह रकम रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) से नहीं, बल्कि अंबानी परिवार की निजी पूंजी होगी. इसका मकसद जियो फाइनेंशियल को और मजबूती देना और फाइनेंशियल सेक्टर का लीडर बनाना है. इसके लिए मुकेश और नीता अंबानी ने खास प्लान भी बनाया है.
अंबानी परिवार RIL की जगह अब जियो फाइनेंशियल पर ज्यादा फोकस कर रहा है. जियो अब रिलायंस से अलग एक इंडिपेंडेंड इकाई के तौर पर काम कर रही है. जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज एक पब्लिक लिस्टेड कंपनी है, जो एनर्जी, टेलिकॉम और रिटेल जैसे क्षेत्रों में काम करती है.
किसके पास कितने शेयर?
मार्च 2024 तक अंबानी परिवार के पास RIL के 50.39% शेयर हैं, जो देवर्षि कमर्शियल्स LLP और तत्त्वम एंटरप्राइजेज LLP जैसे होल्डिंग कंपनियों के जरिए नियंत्रित हैं. दूसरी ओर, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) है, जिसे अगस्त 2023 में रिलायंस से अलग कर शेयर बाजार में लिस्ट किया गया था. इसके शेयरधारकों को 1:1 रेशियो में शेयर भी मिले थे. अभी अंबानी परिवार के पास जियो फाइनेंशियल के 47.12% शेयर हैं.
क्यों अंबानी परिवार सीधे कर रहा निवेश?
मिलेगी रणनीतिक स्वतंत्रता
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक अंबानी परिवार का यह निवेश जियो फाइनेंशियल की बैलेंस शीट को मजबूत बनाने और फाइनेंशियल सेक्टर के जोखिमों से बचाने में मदद करेगा. साथ ही परिवार स्तर पर निवेश से जियो फाइनेंशियल को रणनीतिक स्वतंत्रता मिलेगी, चाहे वह नई पूंजी जुटाना हो या जॉइंट वेंचर में काम करने या अपनी सब्सिडियरीज को लिस्ट करना हो, इसमें कंपनी काे निर्णय लेने में दिक्कत नहीं होगी.
ब्लैकरॉक जैसी साझेदारियां
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक जानकारों का कहना है कि जियो फाइनेंशियल की पकड़ मजबूत करने के लिए मजबूत प्रमोटर पहुंच जरूरी है, जो अंबानी परिवार के पास है. अंबानी परिवार का ग्लोबल नेटवर्क इसमें मददगार साबित हो सकता है. जियो फाइनेंशियल ने हाल ही में ब्लैकरॉक के साथ मिलकर 17,500 करोड़ रुपये का पहला फंड लॉन्च किया. इसके अलावा, जर्मनी की एलियांज ग्रुप के साथ 50:50 रीइंश्योरेंस जॉइंट वेंचर और जीवन व सामान्य बीमा क्षेत्र में सहयोग के लिए करार किया. अगर जियो फाइनेंशियल डिजिटल लेंडिंग, इंश्योरेंस और वेल्थ मैनेजमेंट में और कामयाब होती है, तो इसका सीधा लाभ अंबानी परिवार को मिलेगा.
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हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य
जानकारों का कहना है कि फाइनेंशियल सेक्टर में कई वर्टिकल्स हैं, इसलिए इसमें काफी प्रतिस्पर्धा है. यही वजह है कि पूनावाला परिवार ने जैसे खास रणनीति अपनाते हुए मैग्मा फिनकॉर्प (अब पूनावाला फिनकॉर्प) में निवेश कर फाइनेंशियल सेक्टर में दबदबा बनाया और बजाज फाइनेंस ने लेंडिंग, मर्चेंट सर्विसेज और इंश्योरेंस में विस्तार कर एक साम्राज्य खड़ा किया. ठीक इसी तरह अब अंबानी परिवार भी अपना दबदबा फाइनेंशियल सेक्टर में मजबूत करने की प्लानिंग कर रहा है. इसलिए अंबानी परिवार जियो फाइनेंशियल में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर फोकस कर रहा है.
कंपनी का कारोबार
जियो फाइनेंशियल कई बिजनेस यूनिट्स के जरिए काम करती है, जिनमें जियो क्रेडिट, जियो इंश्योरेंस ब्रोकिंग, जियो पेमेंट सॉल्यूशंस, जियो लीजिंग सर्विसेज, जियो फाइनेंस प्लेटफॉर्म और जियो पेमेंट्स बैंक शामिल हैं. ये यूनिट्स मिलकर भारतीयों को उधार देने, निवेश, बचत और लेनदेन के लिए एक डिजिटल इकोसिस्टम देती हैं.
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