GST रेट कट का दिखने लगा असर, कार लोन कैंसिल कर रहे ग्राहक; 22 सितंबर से गाड़ियां होंगी सस्ती
कार लोन मंजूर कराने वाले कई ग्राहक अब बैंक से लोन कैंसिल करने की रिक्वेस्ट कर रहे हैं. वजह है 22 सितंबर से लागू होने वाला GST रेट कट, जिससे कारों की कीमतें घटेंगी. छोटे इंजन वाली कारों पर GST 28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी हो जाएगा, जबकि कंपनसेशन सेस भी खत्म हो जाएगा.
GST Rate Cut and Loan Cancellation Bank: इन दिनों बैंक एक नई स्थिति का सामना कर रहे हैं. कई ग्राहक अपनी मंजूर हो चुकी कार लोन की रिक्वेस्ट कैंसिल कर रहे हैं. दरअसल, हाल ही में GST काउंसिल की 56वीं बैठक में कारों पर लगने वाले GST टैक्स में बड़ी कटौती की गई है. इसका सीधा असर यह है कि अब गाड़ियों की कीमतें कम होंगी और ग्राहकों को उन्हें खरीदने के लिए पहले से कम लोन की जरूरत पड़ेगी. इसी वजह से जिन लोगों ने जीएसटी काउंसिल के फैसले आने से कुछ समय पहले कार या बाइक लोन के लिए अप्लाई किया था, अब वह उन्हें कैंसिल कर रहे हैं.
कितना घटा है GST?
इस महीने की शुरुआत में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि 1,200 सीसी तक की कारों पर GST दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी जाएगी. 22 सितंबर (नवरात्रि के पहले दिन) से यह बदलाव लागू होगा. सिर्फ कार ही नहीं, करीब 400 से ज्यादा प्रोडक्ट्स जैसे साबुन, शैंपू, एयर कंडीशनर और ट्रैक्टर तक सस्ते हो जाएंगे. इससे इतर, 2 व्हीलर गाड़ियों के रेट में बड़ी कटौती देखने को मिलने वाली है.
क्यों हो रही है लोन कैंसिलेशन की मांग?
एक सरकारी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी पीटीआई को बताया कि, जिन ग्राहकों का कार लोन पहले ही अप्रूव हो चुका है, वे अब बैंक शाखाओं से संपर्क कर रहे हैं कि उनका लोन कैंसिल कर दिया जाए. कारण साफ है- ग्राहक नई GST दर लागू होने के बाद कार खरीदना चाहते हैं ताकि उन्हें कीमत में सीधा फायदा मिले. अधिकारियों का कहना है कि कैंसिलेशन चार्जेस बहुत कम हैं, जबकि 22 सितंबर के बाद गाड़ी खरीदने पर ग्राहकों को टैक्स कटौती का बड़ा लाभ मिलेगा. ऐसे में ग्राहक दोबारा नया लोन लेने को तैयार हैं.
बैंकों की रणनीति
मौसम और त्योहारी सीजन को देखते हुए कई बैंकों ने पहले ही वाहन और होम लोन पर प्रोसेसिंग चार्जेस माफ कर दिए हैं. इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को आकर्षित करना है. सीबीआईसी (CBIC) के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर किसी ग्राहक को कार डीलर ने पहले ही इनवॉइस जारी कर दिया है, तो उस पर पुरानी GST दर ही लागू होगी. लेकिन अगर अभी तक इनवॉइस जारी नहीं किया गया है, तो नई दर का फायदा ग्राहक को मिलेगा.
बिक्री में देरी की वजह
अधिकारियों ने बताया कि इस समय गाड़ियों की बिक्री में थोड़ी सुस्ती है. इसकी दो मुख्य वजह हैं-
- ग्राहक 22 सितंबर के बाद का इंतजार कर रहे हैं ताकि नई दर का लाभ ले सकें.
- “श्रद्धा पक्ष” 21 सितंबर तक चल रहा है, जिसके कारण परंपरागत रूप से कई लोग बड़ी खरीदारी टालते हैं.
कुछ ग्राहक तो अब 1,300 सीसी तक की बड़ी गाड़ियां लेने की सोच रहे हैं, क्योंकि वहां उन्हें करीब 10 फीसदी टैक्स का फायदा मिल रहा है.
ऑटो कंपनियों पर असर
22 सितंबर के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर पर लगने वाला कंपनसेशन सेस खत्म हो जाएगा. अनुमान है कि कंपनियों की बुक्स पर मौजूद करीब 2,500 करोड़ रुपये का सेस लुप्त हो जाएगा. फिलहाल कारों पर कुल टैक्स बोझ इंजन कैपेसिटी और लंबाई के आधार पर:
- छोटी पेट्रोल कारों पर 29 फीसदी तक
- एसयूवी पर 50 फीसदी तक पड़ता है.
लेकिन 22 सितंबर से 1,200 सीसी तक की पेट्रोल-डीजल कारों और 1,500 सीसी तक की गाड़ियों पर GST सिर्फ 18 फीसदी होगा. उससे ऊपर वाली गाड़ियों पर अधिकतम 40 फीसदी टैक्स लगेगा. इसको लेकर CBIC का बयान भी सामने आया है. सीबीआईसी चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि कई कंपनियों ने सेस के जमा होने पर चिंता जताई है.
उनका कहना था कि, “कंपनसेशन सेस एक खास मकसद से लगाया गया था. जब यह टैक्स खत्म हो जाएगा, तो जो भी क्रेडिट बुक्स में पड़ा है, वहीं पड़ा रह जाएगा.”
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