TATA से पिछड़ने के बाद हुंडई ने बदली गियर! टक्कर देने के लिए लाइनअप की 26 गाड़ियां, Fronx-Punch से होगा सीधा मुकाबला
भारतीय कार बाजार में एक तेज बदलाव सामने आया है. एक समय देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी कही जाने वाली हुंडई अब दबाव में है. आखिर ऐसा क्या हुआ कि हुंडई लगातार पीछे खिसक रही है और टाटा मोटर्स फिर से चर्चा में आ गयी है. और अब हुंडई क्या प्लान कर रही है.

TATA vs Hyundai: तेज कंपटीशन के इस दौर में भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में टाटा मोटर्स ने जब से आक्रामक रुख अपनाया है, तभी से हुंडई की रफ्तार ठिठकी हुई सी नजर आने लगी. अप्रैल में सामने आए रिटेल डेटा ने इसकी गवाही भी दी. टाटा मोटर्स ने महिंद्रा एंड महिंद्रा व हुंडई मोटर इंडिया को पछाड़कर मार्च 2025 में बिक्री के मामले में दूसरा स्थान हासिल किया. इस बीच हुंडई के शेयर्स में गिरावट ने कंपनी के हौसले पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया. टाटा के नए मॉडल्स ने बाजार में जब तहलका मचाना शुरू किया तो इस रेस में आगे निकलने के लिए हुंडई अपनी रणनीति बदलने को मजबूर हो गई.
अप्रैल में फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, टाटा मोटर्स ने मार्च 2025 में 48,462 यूनिट की बिक्री के साथ 13.82 प्रतिशत बाजारी हिस्सेदारी दर्ज की. इससे एक साल पहले, यानी मार्च 2024 में 46,509 यूनिट और 14.10 प्रतिशत मार्केट शेयर था. फरवरी 2025 में टाटा की बिक्री 38,696 यूनिट और 12.75 प्रतिशत थी, जिससे लाजमी है कि एक महीने के भीतर ही कंपनी ने दोहरी बढ़त हासिल की. वहीं दूसरी ओर, हुंडई मोटर इंडिया 42,511 यूनिट के साथ चौथे पायदान पर फिसल गई, जबकि फरवरी में भी यही स्थिति दोहराई गई. इस गिरावट के बाद हुंडई के शेयर्स में करीब 15 फीसदी तक की गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों के मन में संशय पैदा हो गया.
टाटा मोटर्स की उछाल से क्यों गिरी हुंडई
टाटा मोटर्स ने अपनी लोकप्रिय कार मॉडल -पंच और नेक्सॉन की तीनों वैरिएंट (ICE, इलेक्ट्रिक, CNG) पर फोकस करके बाजार में जान डाल दी. नेक्सॉन ईवी, टियागो ईवी और पंच ईवी जैसे इलेक्ट्रिक वेरिएंट ने टाटा को ईवी सेगमेंट में 46 प्रतिशत हिस्सा दिलाया, जो कि भारतीय बाजार में एक क्लियर लीडरशिप की तस्दीक करता है. इन नए प्रोडक्टस की किफायती कीमत और बढ़िया परफॉर्मेंस ने ग्राहकों का विश्वास बढ़ाया. वहीं Internal combustion engines वाले मॉडल्स ने भी अपनी विश्वसनीयता साबित की, जिससे आम खरीदारों का भरोसा बना रहा. टाटा की इस बहुआयामी रणनीति ने बिक्री के आंकड़ों में इजाफा किया.

जहां एक ओर टाटा मोटर्स ने नए मॉडल्स से बाजार में धाक जमा ली, वहीं हुंडई को अपनी ट्रेडिशनल स्ट्रेंथ- जर्मन इंजीनियरिंग से प्रेरित गुणवत्ता- के बावजूद चुनौती का सामना करना पड़ा. बिक्री के प्रभावित होने से कंपनी के शेयर्स में गिरावट दर्ज हुई, जिसका सीधा असर निवेशकों के मिजाज पर पड़ा. इस गिरावट को देखने के बाद हुंडई अब अन्य टॉप प्लेयर्स की स्ट्रैटजी को अपनाते हुए अपनी लाइनअप ताजा करने की तैयारी में है. कंपनी ने घोषणा की है कि वह इस दशक के अंत तक 26 नए मॉडलों को भारतीय बाजार में उतारेगी, जिनमें सब-4 मीटर हैचबैक, हाइब्रिड, फुल-साइज एसयूवी और नई ईवी शामिल होंगी.
मारुति सुजुकी का कमबैक दावा और प्लान
मार्च 2025 के परिणाम आने के बाद हुंडई ने घोषणा की कि वह वर्ष 2030 तक देश की टॉप ऑटो कंपनी के तौर पर खुद को रिवाइव कर लेगा. हुंडई ने बताया कि वह नए टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म, टिकाऊ इंजन ऑप्शन और स्मार्ट कनेक्टिविटी फीचर्स पर काम कर रही है, ताकि आने वाले वर्षों में भी उसकी पकड़ बनी रहे. कंपनी ने नए मॉडल लॉन्च करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
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ऑटोकार इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अगले कुछ वर्षों में 26 मॉडल लॉन्च करने के तैयारी में है, जिसमें से 7-8 न्यू मॉडल होंगे. बाकि फेसलिफ्ट और नए वैरिएंट शामिल होंगे.
New-gen Venue अंडर डेवलपमेंट के तहत है और अक्टूबर 2025 तक लॉन्च हो सकती है. 2027-28 के बाद SUV EV architecture और Mid-2026 में एक्सटर फेसलिफ्ट को पेश किया जा सकता है. कंपनी का उद्देश्य New-gen Venue की मासिक बिक्री को 10-11 हजार यूनिट तक पहुंचाना है, जबकि वर्तमान में इसकी बिक्री करीब 7,593 यूनिट ही है. साथ ही, नए Hyundai Bayon crossover को भी 2026 मध्य तक लॉन्च करने की योजना है, जो Maruti Fronx को टक्कर देगा. इसके अतिरिक्त वेरना फेसलिफ्ट अप्रैल 2026 तक आ सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने प्लान किया है कि वह Exter और TATA Punch के सेल्स के बीच में गैप को कम करेगी.

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