इंजन क्लीनर से लेकर माइलेज बूस्टर का दावा, क्या है पेट्रोल एडिटिव्स की पूरी सच्चाई
पेट्रोल एडिटिव्स कुछ केमिकल्स होते हैं जो पेट्रोल में मिलाकर इंजन की परफॉर्मेंस और माइलेज बढ़ाने का दावा करते हैं. लेकिन क्या वाकई ये काम के हैं? इनका असल काम क्या होता है? कैसे सही पेट्रोल एडिटिव चुनना चाहिए और एक्सपर्ट क्या सलाह देते हैं.
Petrol Additives: कई बार पेट्रोल पंप पर आप जाते हैं तो वहां पर आपको एक पाउच ऑफर किया जाता है और बताया जाता है कि ये पेट्रोल एडिटिव्स है, एक तरह का फ्यूल सप्लीमेंट जो इंजन तो क्लियर करेगा ही और गाड़ी का माइलेज भी बढ़ाएगा. लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है, अगर सच्चाई है तो ये कितने काम का है. इन सब सवालों के जवाब तब मिलेंगे जब आप समझेंगे कि ये होता क्या है?
क्या होते हैं और कहां मिलते हैं?
पेट्रोल एडिटिव्स असल में कुछ केमिकल्स होते हैं जिन्हें पेट्रोल में मिलाया जाता है. ये दावा करते हैं कि इससे आपकी बाइक की परफॉर्मेंस बेहतर हो जाएगी, चाहे थोड़े समय के लिए ही सही. बाजार में अलग-अलग तरह के एडिटिव्स भी मिलते हैं जैसे, इंजिन क्लीनर, ऑक्टेन बूस्टर, इंजेक्टर क्लीनर.
आपको ये प्रोडक्ट्स किसी लुब्रिकेंट स्टोर, कुछ पेट्रोल पंपों या फिर परफॉर्मेंस एक्सेसरीज की दुकानों पर मिल जाएंगे.
क्या ये सच में फायदेमंद हैं?
भारत में कई वर्कशॉप्स या सर्विस स्टेशन्स पर जब आप अपनी बाइक की सर्विस कराते हैं, तो आपको फ्यूल एडिटिव लगाने की सलाह दी जाती है. कहा जाता है कि इससे आपकी बाइक की माइलेज और परफॉर्मेंस दोनों बेहतर होगी. लेकिन ज्यादातर मामलों में देखें तो ऐसा नहीं होता है.
एक बात ध्यान में रखें भारत में जो एडिटिव्स मिलते हैं, वो असल में क्लीनिंग के लिए होते हैं, पावर बढ़ाने के लिए नहीं. यहां जो एडिटिव्स सबसे ज्यादा इस्तेमाल होते हैं वो दो तरह के होते हैं:
- इंजिन क्लीनर टाइप जो इंजन के अंदर जमा हुए गंदे तत्वों को साफ करते हैं और फ्यूल सप्लाई सिस्टम को क्लीन रखते हैं.
- इंजेक्टर क्लीनर टाइप जो क्लॉग हुए यानी बंद हुए फ्यूल इंजेक्टर को साफ करते हैं ताकि वो दोबारा ठीक से काम करें.
इनसे इंजन थोड़ा स्मूद चलता है, रिस्पॉन्स बेहतर होता है, मेंटेनेंस कम होता है और प्रदूषण थोड़ा घटता है. लेकिन पावर या माइलेज पर इनका असर बहुत मामूली होता है.
कैसे चुनें एडिटिव?
सभी बाइक्स के लिए एक ही एडिटिव नहीं चलता. कई बार सर्विस सेंटर के लोग एक ही तरह का इंजेक्टर क्लीनर सबको बेचते हैं. चाहे गाड़ी में इंजेक्टर हो या नहीं. अब अगर किसी की बाइक कार्बुरेटर सिस्टम वाली है (जो कि ज्यादातर नॉर्मल बाइक्स में होता है), तो उसमें इंजेक्टर होता ही नहीं. ऐसे में उस एडिटिव का कोई मतलब नहीं है. इसलिए एडिटिव खरीदने से पहले ये जरूर समझें कि आपकी बाइक के फ्यूल सिस्टम में वो एडिटिव काम भी करेगा या नहीं.
ऑक्टेन बूस्टर
ऑक्टेन बूस्टर वो एडिटिव होते हैं जो पेट्रोल के ऑक्टेन लेवल को बढ़ा देते हैं, जिससे गाड़ी थोड़ी तेज चलती है. लेकिन ये सिर्फ स्पोर्ट्स या हाई-परफॉर्मेंस बाइक्स के लिए बनाए गए होते हैं, और भारत में आम सर्विस सेंटर पर मिलते भी नहीं. इन्हें आपको स्पेशल परफॉर्मेंस स्टोर्स या स्पोर्ट्स बाइक सर्विसिंग सेंटर से खरीदना पड़ता है.
क्या नॉर्मल बाइक में ऑक्टेन बूस्टर से फायदा होगा?
तकनीकी रूप से कहें तो हां, थोड़ी बहुत पावर बढ़ सकती है. लेकिन कोई एक्सपर्ट इसे खरीदने की सलाह नहीं देगा, क्योंकि आपकी बाइक का इंजन और ट्रांसमिशन एक खास क्षमता तक ही डिजाइन किया गया होता है. जब आप उससे ज्यादा ऑक्टेन वाला फ्यूल डालते हैं, तो इंजन पर ज्यादा दबाव पड़ता है. इससे इंजन की पावर तो थोड़ी बढ़ेगी, लेकिन उसकी उम्र घट सकती है और घिसाव तेज हो जाएगा.