VolkAI जैसे AI ड्रिवेन हायरिंग प्लेटफॉर्म नौकरी की दुनिया को दे रहे एक नया रूप
भारत के जॉब मार्केट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) धीरे-धीरे एक क्रांति ला रहा है. VolkAI जैसी कंपनियां AI का इस्तेमाल करके टैलेंट को अवसर से जोड़ने के तरीके को नया रूप दे रही हैं. AI प्लेटफॉर्म स्किल मिसमैच को दूर करने, भर्ती प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और अवसरों तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने में मदद कर रहे हैं.

VOLKAI: भारत का जॉब मार्केट हमेशा से ही अपार प्रतिभा और विकट चुनौतियों का एक जटिल जाल रहा है. कई वर्षों से, पारंपरिक हायरिंग प्रक्रिया, जिसमें अक्सर मैन्युअल स्क्रीनिंग और सीमित पहुंच होती है, देश के तेज आर्थिक विकास और इसकी बढ़ती युवा आबादी के साथ तालमेल बिठाने के लिए संघर्ष करती रही है. लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा ड्रिवेन एक शांत क्रांति चल रही है और VolkAI जैसी कंपनियां भारत में टैलेंट को अवसर से जोड़ने के तरीके को नया रूप देने में सबसे आगे हैं.
इस बदलाव के मूल में यह समझ है कि नियुक्ति का मतलब सिर्फ रिक्तियों को भरना नहीं है. इसका मतलब है करियर बनाना, ग्रोथ को बढ़ावा देना और अंततः राष्ट्र की प्रगति में योगदान देना है. अतीत की अक्षमताएं – अंतहीन रिज्यूमे का ढेर, सब्जेक्टिव इंटरव्यू, दूरदराज के कोनों में छिपे हुए टैलेंट की खोज करने में कठिनाई को अब स्मार्ट तकनीक द्वारा व्यवस्थित रूप से आसान बनाया जा रहा है.
VolkAI के पीछे के माइंड और कैरोसॉफ्ट एआई सॉल्यूशंस लिमिटेड के निदेशक संतोष कुशावाहा इस बदलाव पर एक सम्मोहक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं. वे बताते हैं कि टियर-2 जड़ों से शुरुआत करने के बाद, कुशावाहा प्रमुख शहरी केंद्रों से परे अनगिनत व्यक्तियों द्वारा सामना की जाने वाली आकांक्षाओं और बाधाओं को अच्छी तरह समझते हैं. VolkAI के लिए उनका नजरिया मानवीय निर्णय को एल्गोरिदम से बदलने के बारे में नहीं है, बल्कि इसे बढ़ाने, प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, न्यायसंगत और इसमें शामिल सभी लोगों के लिए कुशल बनाने के बारे में है. वह अक्सर इस बात पर जोर देते हैं कि एआई को ‘मानव लाभ के रूप में देखा जाना चाहिए, रिप्लेसमेंट के रूप में नहीं’. यह फिलॉसफी VolkAI के एप्रोच में गहराई से शामिल है.
विकसित होते लैंडस्केप को नेविगेट करना
तो, AI-ड्रिवेन प्लेटफॉर्म वास्तव में क्या ला रहे हैं जो इतना परिवर्तनकारी साबित हो रहा है? संतोष कुशावाहा कहते हैं कि सबसे पहले स्किल मिसमैच से निपटना है. यह एक ऐसी समस्या है, जो हर समय चुनौती बनती है. एक विशाल टैलेंट पूल के बावजूद बिजनेस अक्सर नौकरी के लिए तैयार टैलेंट की कमी पर दुख व्यक्त करते हैं.
AI प्लेटफॉर्म बुद्धिमानी से टैलेंट सेट का विश्लेषण कर सकते हैं और गैप की पहचान कर सकते हैं. यहां तक कि व्यक्तिगत सीखने के रास्ते भी सुझा सकते हैं. यह सामान्य योग्यताओं से आगे बढ़कर नौकरी चाहने वालों को यह समझने में मदद करता है कि उन्हें क्या सीखने की जरूरत है और नियोक्ताओं को वह सटीक स्पेशलिटी मिलती है जिसकी उन्हें आवश्यकता है.
दूसरा, भर्ती के शुरुआती फेज को सुव्यवस्थित करना. भारत में आवेदनों की विशाल मात्रा भारी पड़ सकती है. AI शुरुआती स्क्रीनिंग को ऑटोमैटिक कर सकता है. ये ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया के आधार पर उम्मीदवारों को फिल्टर कर सकता है, ह्यूमन रिक्रूटर को गहन जुड़ाव और कल्चरल फिट वैल्यूएशन जैसे अधिक रणनीतिक कामों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए फ्री कर सकता है. यह कोल्ड ऑटोमेशन के बारे में नहीं है, बल्कि यह उपयोगी काम लिए अधिक स्पेस बनाने के बारे में है.
तीसरा, अवसरों तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाना. VolkAI जैसे प्लेटफॉर्म का सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव भौगोलिक विभाजन को पाटने की उनकी क्षमता है. ये प्लेटफॉर्म AI-ड्रिवेन वर्चुअल इंटरव्यू प्रैक्टिस, कॉम्युनिकेशन फीडबैक, और स्कील एसेसमेंट ऑफर करते हैं. वे टियर-2 और टियर-3 शहरों में लोगों के लिए खेल के मैदान को एक समान बनाते हैं, जिनके पास पारंपरिक कैरियर कंसल्टेंसी या कोचिंग तक पहुंच नहीं हो सकती है. यह सुनिश्चित करता है कि टैलेंट, चाहे वह कहीं भी हो उसे उचित अवसर मिले.
बेहतर मैच को बढ़ावा देना और टर्नओवर को कम करना
एक खराब नियुक्ति न केवल आर्थिक रूप से बल्कि टीम के मनोबल और प्रोडक्टिविटी के मामले में भी महंगी पड़ती है. डेटा प्वाइंट के एक व्यापक रेंज का विश्लेषण करने की AI की क्षमता- वर्चुअल बातचीत में पहचाने गए व्यवहार संबंधी आदतों से लेकर अनुभव की अधिक समझ तक – एक अधिक कम्पैटिबल पेयर को चुन सकती है. इससे कर्मचारी के करियर ट्रेजेक्टरी और कंपनी की स्थिरता दोनों को फायदा होता है.
AI की दुनिया में ह्यूमन टच
कुशावाहा के अनुसार, हायरिंग में AI की सफलता एक बंजर, ऑटोमेटेड वातावरण बनाने के बारे में नहीं है. बल्कि, यह लोगों को सशक्त बनाने के बारे में है. नौकरी चाहने वालों के लिए खुद को प्रिपेयर, प्रैक्टिस और प्रजेंट करने के लिए अधिक सुलभ उपकरण के बारे में है. रिक्रूटर के लिए इसका अर्थ है, होनहार उम्मीदवारों के साथ वास्तविक रूप से जुड़ने, उनकी प्रेरणाओं को समझने और स्थायी संबंध बनाने के लिए अधिक समय मिलना.
उनका कहना है कि जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ रहा है, अपने डेमोग्राफी डिविडेंड को काम में लाने की इसकी क्षमता काफी हद तक रोजगार परिदृश्य पर निर्भर करेगी जो कि गतिशील, निष्पक्ष और दूरदर्शी हो. VolkAI के विचारशील दृष्टिकोण से एआई-ड्रिवेन हायरिंग प्लेटफॉर्म केवल एक टेक्नोलॉजी अपग्रेड नहीं है. यह पूरे देश में रोजगार के लिए अधिक कुशल, न्यायसंगत और अंततः अधिक मानव-केंद्रित भविष्य के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कॉम्पोनेंट है.
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