सेना को मिलेगा 100000 करोड़ का सपोर्ट, नए अवतार में सुखोई, स्पाई प्लेन और खतरनाक QRSAM होंगे शामिल
इस हफ्ते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डिफेंस एक्विजीशन काउंसिल की बैठक में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रक्षा परियोजनाओं को मंजूरी मिल सकती है. इसमें थलसेना के लिए QRSAM मिसाइल, वायुसेना के लिए तीन I-STAR स्पाई विमान, सुखोई फाइटर जेट्स का अपग्रेड और नौसेना के लिएDRDO द्वारा विकसित प्रेशर बेस्ड माइन शामिल हैं.

Defence Acquisition Council: भारतीय सेना की मारक क्षमता में जल्द ही भारी बढ़ोतरी होने वाली है. रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की पहल के तहत कई स्वदेशी हथियार सेना को मिलेंगे. इसमें थलसेना के लिए मिसाइल सिस्टम, वायुसेना के लिए जासूसी विमान और नौसेना के लिए एंटी सबमरीन वेपन्स शामिल हैं. इन हथियारों पर सरकार लगभग 1 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसी हफ्ते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डिफेंस एक्विजीशन काउंसिल की होने वाली अहम बैठक में इसकी मंजूरी दी जा सकती है.
आर्मी को मिलेगा नया मिसाइल सिस्टम
डिफेंस एक्विजीशन काउंसिल की होने वाली बैठक में थलसेना को DRDO द्वारा बनाई गई क्विक सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम QRSAM को मंजूरी दी जा सकती है. ये मिसाइल सिस्टम दुश्मन के हवाई हमले को 30 किलोमीटर की दूरी से ही ट्रैक करके उन्हें मार गिराएगा. हाल ही में पाकिस्तान से हुए युद्ध ने एयर डिफेंस सिस्टम के महत्व को बढा दिया है. इस परियोजना की लागत करीब 30 हजार करोड़ रुपये बताई जा रही है. इसके सेना में शामिल होने के बाद एयर डिफेंस सिस्टम में बडी बढोतरी होगी.
एयरफोर्स के लिए खरीदा जाएगा स्पाई प्लेन
इस बैठक में इंडियन एयरफोर्स के लिए तीन नए स्पाई प्लेन खरीदने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है. ये एरोप्लेन दुश्मन की जमीनी गतिविधियों पर नजर रखने में सक्षम होंगे. इन्हें आई स्टार प्रोग्राम के तहत खरीदा जाएगा और DRDO की एयरबोर्न सिस्टम लैब इन्हें भारतीय जरूरतों के हिसाब से तैयार करेगी. निजी कंपनियां भी इस प्रोजेक्ट में भाग लेंगी.
सुखोई फाइटर जेट होंगे अपग्रेड
भारतीय वायुसेना के 84 सुखोई 30 एमकेआई फाइटर जेट्स को आधुनिक बनाने की योजना पर भी बैठक में चर्चा हो सकती है. यह अपग्रेड प्रोजेक्ट वायुसेना की लड़ाकू ताकत को भविष्य के खतरों से निपटने के लिए तैयार करेगा. इसमें नए हथियार, सेंसर और एवियोनिक्स शामिल किए जा सकते हैं.
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नेवी को मिलेगा प्रेशर बेस्ड माइन सिस्टम
भारतीय नौसेना DRDO द्वारा विकसित प्रेशर बेस्ड माइन सिस्टम का प्रस्ताव बैठक में रखेगी. यह हथियार दुश्मन की पनडुब्बियों और युद्धपोतों को निशाना बनाने में मदद करेगा. ये समुद्र के भीतर लगाए जाते हैं और प्रेशर के आधार पर काम करते हैं. इससे नौसेना की रणनीतिक क्षमता मजबूत होगी.
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