ED-CBDT का एक्शन 4190 करोड़ के क्रिप्टो एसेट अटैच, एक आरोपी भगोड़ा घोषित, 889 करोड़ की बेनामी आय पकड़ी

क्रिप्टो से जुड़े मामलों में जहां ED ने 4190 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की हैं. वहीं, CBDT ने VDA ट्रांजैक्शन में 888.82 करोड़ रु. की बेनामी आय पकड़ी. इसके साथ ही एक आरोपी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है.

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क्रिप्टो करेंसी से जुड़े आपराधिक मामलों पर शिकंजा कसते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत कुल 4,189.89 करोड़ रुपये की अपराधजनित आय सीज और फ्रीज की हैं. मंत्रालय ने बताया कि इन मामलों में अब तक 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 22 मामलों में शिकायतें दायर की जा चुकी हैं. इसके अलावा एक आरोपी को आर्थिक अपराध में भगोड़ा घोषित किया गया है, जो यह दिखाता है कि एजेंसी क्रिप्टो फ्रॉड को लेकर अब जीरो-टॉलरेंस मोड में काम कर रही है.

क्रिप्टो करेंसी ने बॉर्डरलेस पेमेंट की दिशा में क्रांति लाने के साथ ही अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग को भी आसान बना दिया है. क्रिप्टा करेंसी का इस्तेमाल डार्क वेब के जरिये अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए जमकर हो रहा है. लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसीज के लिए इस तरह के मामलों की रोकथाम बड़ी चुनौती है. हालांकि, ED ने क्रिप्टो एक्सचेंज और ब्लॉकचेन एनालिसिस के जरिये ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाने का प्रयास किया है.

वहीं, दूसरी तरफ सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने देशभर में सर्च और सीजर ऑपरेशंस के दौरान वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) से जुड़े लेनदेन में 888.82 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया है. इसके अलावा, विभाग ने 44,057 टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजे हैं, जिन्होंने ITR के शेड्यूल VDA में अपने क्रिप्टो या VDA निवेश को रिपोर्ट ही नहीं किया था. यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में टैक्स नोटिस सीधे VDA रिपोर्टिंग से जुड़े मामलों में भेजे गए हैं.

PMLA के दायरे में आए क्रिप्टो लेनदेन

सरकार ने बताया कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को PMLA के दायरे में लाया गया है, ताकि क्रिप्टो के जरिये हो रही मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध लेनदेनों पर रोक लगाई जा सके. इससे ED और अन्य एजेंसियों को VDA-आधारित फ्रॉड और हवाला नेटवर्क पर और ज्यादा मजबूत एक्शन लेने की कानूनी शक्ति मिलती है.

अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी

सरकार ने माना कि क्रिप्टो एसेट्स की बॉर्डरलेस प्रकृति के कारण किसी भी रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को कारगर बनाने के लिए मजबूत अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का कहना है कि कॉमन टैक्सोनॉमी, स्टैंडर्ड और रिस्क इवैल्युएशन पर वैश्विक सहमति ही भविष्य में क्रिप्टो रेगुलेशन को प्रभावी बना पाएगी.