सोने में तेजी बरकरार, गोल्ड का रिटेल भाव 99490 रुपये पर पहुंचा; डॉलर इंडेक्स है बड़ी वजह
Gold Rate: सोने की कीमतों में तेजी का सिलसिला जारी है, और यह एक बार फिर 1 लाख रुपये के करीब पहुंच गया है. 4 जून 2025 को 24 कैरेट सोने का भाव 99,490 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है जबकि 22 कैरेट सोना 91,200 रुपये पर है. डॉलर इंडेक्स की कमजोरी के कारण सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है.

Gold Price Today: सोने की कीमतों में तेजी बनी हुई है, भले ही ये तेजी मामूली हो लेकिन सोना आगे बढ़ रहा है. एक बार फिर ये 1 लाख के बेहद करीब पहुंच चुका है. तनिष्क की वेबसाइट के अनुसार, 4 जून 2025 को 24 कैरेट सोने का भाव मामूली बढ़ोतरी के साथ 99,490 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है. 22 कैरेट सोने का भाव 91,200 रुपये प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट सोने की कीमत 74,620 रुपये प्रति 10 ग्राम है. सोने में बढ़ोतरी की एक वजह डॉलर इंडेक्स का कमजोर पड़ना है. फिलहाल डॉलर इंडेक्स उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है जिससे आगे भी सोने की कीमत बढ़ने की संभावना है.

MCX पर बनी है तेजी
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी MCX पर शुरुआती कारोबार में सोने की कीमतों में उछाल है. यहां 10 ग्राम सोने की कीमत 98,099 रुपये के आसपास कारोबार कर रही है. ये 380 रुपये या 0.39% की तेजी है.
ग्लोबल बाजार का हाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का हाल कई चीजों का संकेत दे देता है कि दुनिया में इस समय किस तरह का माहौल बना है. फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 3,360 डॉलर प्रति औंस पर बनी हुई है, इसके एक दिन पहले ये कीमत 3,380 डॉलर के स्तर को भी छू चुकी है.

घरेलू बाजार की बात करें तो एक दिन पहले सोने की कीमत 99,000 प्रति 10 ग्राम पर थी. ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार, यह बढ़त रुपये में गिरावट के कारण देखने को मिली थी.
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गोल्ड पर क्या कह रहे एक्सपर्ट
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, JM फाइनेंशियल सर्विसेज में कमोडिटी और करेंसी रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट प्रणव मेर ने कहा कि, “सोने की कीमतों में फिलहाल मुनाफावसूली के चलते कुछ गिरावट दिख रही है, लेकिन बाजार का रुझान अभी भी पॉजिटिव बना हुआ है. इसकी वजह अमेरिकी डॉलर में कमजोरी, रूस-यूक्रेन युद्ध में बढ़त, और अमेरिका की अगुवाई वाले टैरिफ युद्ध से उत्पन्न वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता है, जिससे सेफ-हेवन डिमांड बढ़ रही है.”
वहीं HDFC सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने कहा कि अब व्यापारी अमेरिका के मैक्रोइकनॉमिक डेटा, जैसे JOLTS जॉब ओपनिंग्स डेटा और फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) के प्रमुख सदस्यों के भाषणों का इंतजार कर रहे हैं, जो बुलियन की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं.
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