क्या तीसरी बार कम होगा रेपो रेट? 6 फीसदी से नीचे आ सकती है ब्याज दर; आज RBI ले सकता है बड़ा फैसला

RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी शुक्रवार को रेपो रेट में संभावित कटौती पर बड़ा फैसला ले सकती है. अगर तीसरी बार रेट घटती हैं तो रेपो रेट 6 फीसदी से नीचे आ सकता है, जिससे होम लोन की EMI और सस्ती हो सकती है. SBI, इंडियन बैंक और अन्य बैंकों ने पहले ही ब्याज दरें घटा दी हैं.

रेपो रेट में कटौती की उम्मीद Image Credit: money9live.com

RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) द्वारा 3 दिवसीय बैठक के समापन के बाद शुक्रवार को रेपो रेट में कटौती की उम्मीद है. इससे आपके होम लोन की EMI में और कमी आने की संभावना है, क्योंकि बैंक रेट में कटौती का फायदा अपने ग्राहकों को दे रहे हैं. RBI ने लगभग पांच साल के अंतराल के बाद 7 फरवरी को रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करके इसे 6.25 प्रतिशत कर दिया था. इसके बाद 9 अप्रैल को भी 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई. यदि MPC तीसरी बार ब्याज दरों में कटौती करती है, तो रेपो रेट 6 प्रतिशत से कम हो जाएगी. माना जा रहा है कि इस वर्ष की शुरुआत से जो ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला शुरू हुआ था, वह आगे भी कायम रहेगा.

रेपो रेट में कटौती से लोन रेट कम क्यों होती हैं

रेपो रेट वह ब्याज दर है जो बैंकों को RBI को तब चुकानी होती है जब वे सरकारी सिक्योरिटीज के बदले उधार लेते हैं. इसलिए, जब बैंक सस्ते ब्याज पर लोन प्राप्त करने में कामयाब हो जाते हैं, तो वे आगे भी कम रेट पर उधार दे सकते हैं.

बैंकों ने की कटौती

ऐसा कोई नियम नहीं है जो कहता हो कि बैंकों को उसी अनुपात में रेट में कटौती करनी चाहिए, जिस अनुपात में RBI रेपो रेट में कटौती करता है. हालांकि, पिछली ब्याज दरों में कटौती के बाद कई बैंकों ने अपनी ब्याज दरों में कटौती की है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन बैंक और पंजाब नेशनल बैंक ने अप्रैल में अपनी ब्याज दरों में कटौती की थी. यूको बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने भी अप्रैल में ब्याज दरों में कटौती के बाद अपनी ब्याज दरों में कमी की थी.

रेट कट पर विचार क्यों हो रहा है

रेट कट को लेकर फिलहाल सिर्फ अनुमान और उम्मीदें चल रही हैं. SBI रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो सकती है. रिपोर्ट में इसकी वजह भारतीय अर्थव्यवस्था में घटती घरेलू लिक्विडिटी और वित्तीय स्थिरता को लेकर चिंताएं बताई गई हैं. हालांकि, SBI के विश्लेषकों का कहना है कि अब ये चिंताएं कम हो रही हैं और इन्फ्लेशन भी नियंत्रण में रहने की उम्मीद है.

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क्या पर्सनल लोन की दरें भी कम होंगी?

अब सवाल उठता है कि क्या रेपो रेट में कटौती का असर पर्सनल लोन पर भी पड़ेगा. हालांकि जो लोन फ्लोटिंग रेट पर लिए गए हैं, जैसे होम लोन या कार लोन, उन्हीं पर रेपो रेट कटौती का असर पड़ेगा. पर्सनल लोन आमतौर पर फिक्स्ड रेट पर दिए जाते हैं, इसलिए उनकी ब्याज दरें नहीं बदलेंगी. हालांकि, अगर आप भविष्य में नया पर्सनल लोन लेंगे, तो उसकी ब्याज दर कुछ कम हो सकती है.