आप भी हो सकते हैं शिकार, दिल्ली पुलिस ने खोला बिना OTP वाली साइबर ठगी का राज, 50 करोड़ के फ्रॉड में मास्टरमाइंड गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की साइबर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस कार्रवाई में मास्टरमाइंड समेत दस आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. मामले में नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर 61 शिकायतें दर्ज हैं. जांच में फिशिंग और ऑनलाइन उगाही जैसे तरीकों का खुलासा हुआ है.

दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. Image Credit: @AI/Money9live

Cyber Crime: दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले एक ठगी और उगाही गिरोह का खुलासा किया है. इस ऑपरेशन में मास्टरमाइंड समेत कुल दस आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. यह गैंग देश के कई राज्यों में सक्रिय था और अब तक 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी को अंजाम दे चुका था. पुलिस के अनुसार इस मामले में 61 शिकायतें दर्ज हैं. कार्रवाई को बड़ी सफलता माना जा रहा है. जांच अभी जारी है.

कई राज्यों में एक साथ छापेमारी

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की दक्षिण पूर्व जिला टीम ने सात राज्यों में एक साथ छापेमारी की. यह कार्रवाई दिल्ली मुंबई केरल ओडिशा पंजाब उत्तर प्रदेश और हरियाणा में की गई. पुलिस के अनुसार यह नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ था. मास्टरमाइंड को केरल से पकड़ा गया. दिल्ली और मुंबई से भी अहम आरोपी गिरफ्तार किए गए.

कैसे करता था गिरोह ठगी

जांच में सामने आया है कि गिरोह डिजिटल पहचान बदल कर लोगों को फंसाता था. फिशिंग और ऑनलाइन धमकी जैसे तरीकों से लोगों से पैसे वसूले जाते थे. कई मामलों में बिना ओटीपी या क्यूआर कोड के ही खातों से रकम निकल ली जाती थी. आरोपी तकनीकी तरीके से लोगों को भ्रमित करते थे. ठगी की रकम को तेजी से अलग-अलग खातों में घुमा दिया जाता था.

केरल से ऑपरेट होता था गैंग

पुलिस के अनुसार इस पूरे नेटवर्क को केरल से ऑपरेट किया जा रहा था. मास्टरमाइंड ठगी की योजना बनाता था और ट्रांजेक्शन को कंट्रोल करता था. दिल्ली और मुंबई में बैठे आरोपी तकनीकी और वित्तीय काम संभालते थे. पैसों को इधर उधर करने के लिए म्यूल अकाउंट्स का इस्तेमाल किया जाता था. इससे रकम का पता लगाना मुश्किल हो जाता था.

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पुलिस को मिले अहम सबूत

छापेमारी के दौरान मोबाइल फोन कंप्यूटर और बैंक दस्तावेज जब्त किए गए हैं. इनमें म्यूल अकाउंट से जुड़े कई अहम सबूत मिले हैं. पुलिस का मानना है कि इन सबूतों से पूरे गिरोह की स्ट्रक्चर सामने आएगी. जांच एजेंसियां डिजिटल डेटा की पड़ताल कर रही हैं. इससे और आरोपियों तक पहुंचने की उम्मीद है.