मार्च तक प्राइवेट हो जाएगा IDBI बैंक! सरकार और LIC बेच रही 60% हिस्सेदारी, ये हैं नए खरीददार
सरकार और LIC की हिस्सेदारी बिक्री के साथ IDBI बैंक के प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया तेज हो गई है. जनवरी में बिड आमंत्रण और मार्च तक नए शेयरधारक की घोषणा की संभावना है. 60% से अधिक हिस्सेदारी की बिक्री के बाद बैंक में सरकारी स्वामित्व घटकर करीब 34% रह जाएगा.
IDBI Disinvestment Process: IDBI बैंक की डिसइनवेस्टमेंट प्रक्रिया तेज हो गई है. सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) बैंक में अपनी हिस्सेदारी घटा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जनवरी महीने में बोलियां आने की संभावना है. सरकार 15 से 20 जनवरी के बीच बिड इनवाइट (Bid Invite) करने वाली है. बैंक के नए शेयर हॉल्डर की घोषणा मार्च तक हो सकती है. मौजूदा वक्त में बैंक की 94 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी सरकार और एलआईसी के पास है. इस डिसइनवेस्टमेंट प्रक्रिया के बाद यह घटकर लगभग 34 फीसदी ही रह जाएगी.
वर्तमान हिस्सेदारी और बिक्री की योजना
सितंबर 2025 तिमाही के अंत तक, भारत सरकार की IDBI बैंक में 45.48 फीसदी हिस्सेदारी थी, जबकि LIC की 49.24 फीसदी हिस्सेदारी थी. दोनों की संयुक्त हिस्सेदारी 94.71 फीसदी थी. NDTV Profit की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार और LIC मिलकर बैंक में 60.7 फीसदी हिस्सेदारी बेचने वाले हैं.
कब शुरू हुई थी डिसइनवेस्टमेंट प्रक्रिया
IDBI बैंक की डिसइनवेस्टमेंट प्रक्रिया सबसे पहले 2022 में घोषित की गई थी. इस साल यह गति पकड़ चुकी है. जून में इंटर-मिनिस्टीरियल ग्रुप ने शेयर खरीद समझौते को मंजूरी दी थी, जिसमें बिक्री की शर्तें निर्धारित हैं. केंद्र को इस बिक्री से 40,000 से 50,000 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है.
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कौन खरीद रहा हिस्सेदारी?
इस साल की शुरुआत में एमिरेट्स NBD और फेयरफैक्स प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे, जिन्होंने ड्यू डिलिजेंस प्रक्रिया भी पूरी की थी. हालांकि, अक्टूबर में एमिरेट्स NBD ने RBL बैंक में बहुमत हिस्सेदारी खरीदने के लिए 3 अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की. एनडीटीवी के अनुसार, नवंबर में बताया कि कोटक महिंद्रा बैंक सरकार की हिस्सेदारी खरीदने में अग्रणी हो सकता है. बैंक का मार्केट कैप एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होने के कारण 60 फीसदी हिस्सेदारी खरीदना निवेशकों के लिए चुनौतीपूर्ण है.
कैसा है शेयर का प्रदर्शन
मंगलवार को IDBI बैंक के शेयर NSE पर 0.10 फीसदी नीचे 100.07 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए. बीते एक महीने में शेयर में 0.51 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं तीन महीने में निवेशकों को केवल 7.34 फीसदी का ही रिटर्न मिला है. तीन साल में रिटर्न 104.22 फीसदी रहा और पांच साल में बैंक के शेयर में लगभग 200 फीसदी की तेजी आई है.