बिक जाता HDFC बैंक, खरीदने की रेस में था ICICI, फाउंडर ने ऐसे बचाया

HDFC बैंक के पूर्व चेयरमैन दीपक पारेख ने खुलासा किया कि ICICI बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने दोनों बैंकों के विलय का प्रस्ताव रखा था. यह बात तब की है जब HDFC का अपनी बैंकिंग इकाई के साथ विलय नहीं हुआ था. ऐसे में आइए पूरे मामले को विस्तार से जानते है.

बिक जाता HDFC बैंक Image Credit: Canva

HDFC Bank: मार्केट कैप के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा बैंक, HDFC के बारे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल, HDFC बैंक के पूर्व चेयरमैन दीपक पारेख ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक की तत्कालीन प्रमुख चंदा कोचर ने दोनों बैंकों के विलय का प्रस्ताव रखा था. यह बात उस समय की है, जब HDFC का अपनी बैंकिंग इकाई के साथ विलय नहीं हुआ था. आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं.

घर वापस क्यों नहीं आ जाते

चंदा कोचर के साथ बातचीत में पारेख ने बताया, “मुझे याद है,आपने मुझसे कहा था कि ICICI ने ही HDFC को शुरू किया था. आपने कहा, ‘घर वापस क्यों नहीं आ जाते?'” लेकिन पारेख ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. उन्होंने कहा कि यह उचित नहीं होगा, क्योंकि HDFC का नाम और बैंक की पहचान अलग थी.

पारेख ने बताया कि जुलाई 2023 में HDFC और HDFC बैंक का विलय मुख्य रूप से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के दबाव के कारण हुआ. आरबीआई ने HDFC जैसे गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFC) को ‘सिस्टमिकली इम्पॉर्टेंट’ यानी बहुत महत्वपूर्ण माना, क्योंकि उनकी संपत्ति 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा थी. यह सीमा 50,000 करोड़ रुपये से कहीं अधिक थी.

भारत में बड़े बैंकों की जरूरत है- दीपक पारेख

पारेख ने कहा, “RBI ने हमारा समर्थन किया और हमें इस विलय के लिए प्रेरित किया, लेकिन हमें कोई छूट या अतिरिक्त समय नहीं दिया गया.” विलय के दिन को पारेख ने “खुशी और गम का दिन” बताया. उन्होंने कहा कि यह विलय बैंक और देश के लिए अच्छा था. उन्होंने जोड़ा, “भारत में बड़े बैंकों की जरूरत है. चीनी बैंक कितने बड़े हैं, हमें भी बड़े और मजबूत बैंक बनाने होंगे.” पारेख का मानना है कि भारतीय बैंकों को अधिग्रहण के जरिए और मजबूत होना चाहिए.

आर्थिक मुद्दों पर बात करते हुए पारेख ने कहा कि सप्लाई चेन, व्यापार नीति और निर्यात की अनिश्चितता आज सीईओ के लिए बड़ी चिंता है. उन्होंने बीमा को सबसे कम समझा जाने वाला प्रोडक्ट बताया और बैंकों द्वारा कमीशन के लालच में गलत तरीके से बीमा बेचने की आलोचना की.

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