दुल्हन से लेकर वीरों का श्रृंगार है सिंदूर, जानें एक बीज कैसे बना देता है पावरफुल

सिंदूर का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्‍व होता है. पीएम मोदी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाबी कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर चलाया. सुहागिनों के माथे पर सजने वाला ये सिंदूर बेहद खास होता है. इसका धार्मिक महत्‍व भी है, तो आखिर कहां बनता है सिंदूर, कैसे होती है इसकी खेती, जानिए पूरी डिटेल.

सिंदूर की कहां होती है खेती Image Credit: money9

How to make Sindoor: पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की ओर से ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया है. भारतीय संस्कृति में सिंदूर का विशेष महत्‍व है. भारतीय महिलाओं में सिंदूर को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. शादी के बाद महिलाएं इससे अपनी मांग में भरती हैं. इसे अंग्रेजी में Vermillion कहते हैं. इसका काफी धार्मिक महत्‍व भी है, लेकिन क्‍या आपको पता है सिंदूर कैसे बनता है, कहां इसकी खेती होती है. किन राज्‍यों में इसका बिजनेस सबसे ज्‍यादा फलता-फूलता है, आज हम आपको इन्‍हीं सबके बारे में बताएंगे.

इस खास पेड़ के बीज से बनता है सिंदूर

सिंदूर एक पेड़ के बीज से बनता है. इस पेड़ को कुमकुम ट्री या कमील ट्री कहते हैं. यह एक औषधीय पौधा है जिसका बोटेनिकल नाम बिक्सा ओरियाना है. ये अमरूद के पेड़ से मिलता-जुलता होता है. ये 20 से 25 फीट लंबा होता है. एक पेड़ से डेढ़ किलो तक सिंदूर के बीज निकलते हैं. आमतौर पर इसके बीजों का उपयोग रंग यानी पिगमेंट बनाने के लिए किया जाता है. शुरुआती दौर में ये बीज हरे रंग का होता है, बाद में धीरे-धीरे ये लाल रंग का हो जाता है.

कहां होती है सबसे ज्‍यादा खेती?

सिंदूर के पेड़ की खेती ऐसी जगह होती है जहां धूप की अधिक मात्रा हो. भारत में इसकी सबसे ज्‍यादा खेती महाराष्‍ट्र और हिमाचल प्रदेश में की जाती है. सिंदूर के पौधे का कई औषधि महत्व भी है. इसे सिंदूरी भी कहा जाता है. कॉस्मेटिक्स में इससे लिपस्टिक, हेयर डाई, नेल पॉलिश और लिक्विड सिंदूर बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा पेंट बनाने में भी इसके प्राकृतिक रंग का इस्तेमाल होता है. इसके पौधे की खेती बीज और कलम दोनों से की जाती है. अगर बीज से खेती करते हैं तो उसे घर के गमले में मिट्टी में लगा सकते हैं. पहले से तैयार कलम की मदद से भी सिंदूर को लगा सकते हैं.

कैसे बनता है सिंदूर?

सिंदूर दो तरह के होते हैं, पहला होता है प्राकृतिक और दूसरा आर्टिफिशियल सिंदूर. कमील के सूखे फलों के बीज को अच्छे से सूखाकर उसे पीसा जाता है. इसके बाद इसमें हल्दी, चूना और मरकरी को मिलाकर सिंदूर बनाया जाता है.अब सिंदूर में केमिकल का यूजर करते हुए इसका लिक्विड भी बनाया जाता है. बाजार के जानकारों के अनुसार एक किलो सिंदूर आमतौर पर 300 से 400 रुपये प्रति किलो होता है, हालांकि जगह के इस हिसाब से इसमें बदलाव हो सकता है.