मुरथल का अमरीक सुखदेव एक तंबू से कैसे बना ग्लोबल ब्रांड, पराठे बेचकर खड़ा कर दिया 100 करोड़ का साम्राज्य

दिल्ली-NCR के लोग जिसे प्यार से मुरथल वाला ढाबा कहते हैं, वही अमरीक सुखदेव आज 100 करोड़ रुपये की कमाई कर रहा है. पराठों से शुरू हुई यह कहानी TasteAtlas की टॉप 100 रेस्टोरेंट्स लिस्ट तक पहुंच गई है. जानें पूरी स्टोरी.

मुरथल का अमरीक सुखदेव Image Credit: @AI/Money9live

Amrik Sukhdev Story: “चल यार, अमरीक सुखदेव चलते हैं…” दिल्ली-NCR में रहने वाला शायद ही कोई हो जिसने यह लाइन न सुनी हो. मुरथल के इस आइकॉनिक ढाबे का नाम सुनते ही पराठों पर मक्खन की मोटी परत, कुल्हड़ वाली चाय और रात के सफर का रोमांच एक साथ याद आ जाता है. नेशनल हाईवे 44 पर बसे इस रेस्टोरेंट ने पिछले कुछ दशकों में ऐसा नाम कमाया है कि अब यह सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि एक अनुभव बन चुका है.

100 करोड़ रुपये वाला कारोबार

पराठों से शुरू हुई यह कहानी आज ₹100 करोड़ रुपये की कमाई तक पहुंच चुकी है. इंस्टाग्राम क्रिएटर रॉकी सग्गू कैपिटल ने हाल ही में एक वीडियो में बताया कि अमरीक सुखदेव हर साल करीब 100 करोड़ रुपये का कारोबार कर रहा है. रॉकी के मुताबिक, यह रेस्टोरेंट हर दिन 5,000 से 10,000 ग्राहकों को परोसता है और इसकी टीम में लगभग 500 लोग काम करते हैं.

क्या है अमरीक सुखदेव की कहानी?

अमरीक सुखदेव की शुरुआत 1956 में सरदार प्रकाश सिंह ने की थी. उस वक्त यह एक छोटा सा तंबू था, जहां ट्रक ड्राइवर रुककर दाल, रोटी, सब्जी और चावल खाते और चारपाई पर बैठकर आराम करते. लेकिन 1990 में जब उनके बेटे अमरीक और सुखदेव ने बिजनेस संभाला तो उन्होंने इसे एक मॉडर्न रेस्टोरेंट में बदलना शुरू किया.

100 करोड़ की कमाई के 3 बड़े राज

रॉकी सग्गू के मुताबिक अमरीक सुखदेव की सफलता के पीछे तीन चीजें हैं-

भारत से लेकर ग्लोबल पहचान तक

जनवरी 2025 में अमरीक सुखदेव ने TasteAtlas की ‘दुनिया के 100 सबसे आइकॉनिक रेस्टोरेंट्स’ की लिस्ट में अपनी जगह बना ली. खास बात यह है कि इतनी बड़ी सफलता के बावजूद इस रेस्टोरेंट ने कभी बड़े-बड़े विज्ञापनों पर खर्च नहीं किया. लोगों की जुबान से जुबान तक पहुंची इसकी चर्चा ही इसकी सबसे बड़ी मार्केटिंग रही.