भारत में Starlink एंट्री पर फिर टली! सरकार ने कंपनी से पाकिस्तान और बांग्लादेश से जुड़ी जानकारियां मांगी
भारत सरकार ने एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink से पाकिस्तान और बांग्लादेश में उसकी गतिविधियों की पूरी जानकारी मांगी है. भारत को चिंता है कि इन देशों से जुड़ी साझेदारियों के जरिए साइबर सुरक्षा या जासूसी का खतरा हो सकता है. जानें क्या है पूरा मामला.
India wants Info from Starlink: भारत सरकार ने एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink से पाकिस्तान और बांग्लादेश में कंपनी की एक्टिविटी को लेकर जानकारी मांगी है. कंपनी को भारत में सैटेलाइट कम्युनिकेशन सर्विस शुरू करने का इंतजार काफी लंबे समय से है, उस कड़ी में भारती की ओर से ये डिमांड प्रोजेक्ट की एंट्री में और देरी कर सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत के अधिकारी Starlink के इन देशों में ऑपरेशन्स को लेकर सतर्क हैं और यह जानना चाहते हैं कि कंपनी की साझेदारियां, टेक्नोलॉजी का एक्सेस और नेटवर्क की सुरक्षा से जुड़ी बातें क्या हैं.
स्टारलिंक की भारत में एंट्री
भारत की ओर से स्टारलिंक को लेकर यह मांग ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान को लेकर कई कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. दरअसल 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई. मालूम हो कि स्टारलिंक एक सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस देने वाली कंपनी है जो दूरदराज के इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान करना चाहती है. भारत में भी Starlink ने इंटरनेट सेवाएं शुरू करने की योजना बनाई है लेकिन अभी तक उसे जरूरी मंजूरी नहीं मिली है. सरकार चाहती है कि Starlink यह साफ करे कि उसकी तकनीक और सेवाएं किसी भी तरह से भारत की सुरक्षा को खतरे में न डालें.
भारत की मांग पर Starlink का जवाब
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट की मुताबिक, भारत सरकार ने Starlink से पाकिस्तान और बांग्लादेश में उसकी साझेदारियों, स्थानीय एजेंटों, डीलरों और तकनीकी साझेदारी की पूरी जानकारी देने को कहा है. सरकार यह जानना चाहती है कि कहीं इन देशों के जरिए कोई साइबर सुरक्षा या जासूसी का खतरा तो नहीं है. Starlink की ओर से भारत सरकार के इस डिमांड को लेकर कोई सार्वजनिक जवाब या बयान सामने नहीं आया है.
इन भारतीय कंपनियों के साथ स्टारलिंक की साझेदारी
इसके अलावा, ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्टारलिंग ने स्थानीय स्तर पर सर्विस शुरू करने के लिए अलग-अलग सैटकॉम टेलीकॉम कंपनी और ब्रॉडबैंड कंपनियों, जैसे ह्यूजेस, टाटा ग्रुप के नेतृत्व वाली नेल्को और सरकारी कंपनी बीएसएनएल के साथ चर्चा शुरू की है. जबकि जियो और एयरटेल के साथ पहले ही स्टारलिंक की साझेदारी हो चुकी है.