डॉलर में भारी बिकवाली, रुपये ने बनाया नया रिकॉर्ड, 6 महीने में पहली बार 84 के नीचे पहुंचा

डॉलर की कमजोरी, विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी और सकारात्मक वैश्विक संकेतों के चलते रुपए में लगातार मजबूती देखी जा रही है, यदि यह रुझान जारी रहा, तो साल के अंत तक रुपया और मजबूत हो सकता है.

6 महीने में पहली बार 84 के नीचे पहुंचा रुपये Image Credit: Canva

Indian Rupee: भारतीय रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबारी सत्र में तेजी से मजबूत होकर 84 प्रति अमेरिकी डॉलर के स्तर से नीचे पहुंच गया है. अक्टूबर 2024 के बाद पहली बार रुपया 84 के लेवल से नीचे आया है. विदेशी बैंकों द्वारा डॉलर की भारी बिकवाली और एशियाई करेंसी की मजबूती की वजह से रुपये में यह तेजी देखने को मिली. शुक्रवार को रुपया 83.83 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो इसके पिछले सत्र के 84.48 के मुकाबले 0.7 फीसदी की बढ़त थी. इस सप्ताह रुपया करीब 2 फीसदी मजबूत हो चुका है.

क्यों मजबूत हो रहा रुपया?

रुपये में लगातार हो रही मजबूती के पीछे डॉलर में हो रही बिकवाली के अलावा, भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की वापसी, अमेरिका और भारत के बीच संभावित व्यापार समझौते को लेकर उम्मीदें, और रुपये के खिलाफ की गई शॉर्ट पोजिशन की लिक्विडेशन भी एक कारण है.

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11 दिनों से लगातार जारी है विदेशी निवेश

पिछले 11 दिनों से भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) का निवेश जारी है. विदेशी निवेशक लगातार 11 ट्रेडिंग सत्रों से भारतीय शेयरों की खरीदारी कर रहे हैं. यह पिछले 2 वर्षों में सबसे लंबा निवेश का सिलसिला है. इस वजह से भी रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत हो रहा है.

रुपये पर नई भविष्यवाणी

MUFG बैंक ने अपनी मुद्रा पूर्वानुमान रिपोर्ट में कहा है कि अब उसे रुपये के साल के अंत तक 84 पर रहने की उम्मीद है, जबकि पहले का अनुमान 87 था. बैंक ने कहा कि हम अब उम्मीद करते हैं कि रुपया एशियाई मुद्राओं की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगा, क्योंकि वैश्विक स्तर पर डॉलर में कमजोरी और भारत के लिए बेहतर व्यापार शुल्क परिणाम देखने को मिल सकते हैं.

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