भारतीयों का तुर्किये-अजरबैजान पर ट्रैवल स्ट्राइक, टिकट कैंसलेशन में 250% की आई तेजी; पाक से दोस्ती पड़ी भारी

भारतीयों के मन में देशभक्ति सिर्फ भावना नहीं, अब एक ठोस प्रतिक्रिया बन चुकी है. हाल की घटनाओं के बाद दो देशों को भारतीय पर्यटकों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. आंकड़े खुद गवाही दे रहे हैं कि आम जनता अब विदेश नीति में भी अपनी भूमिका तय कर चुकी है.

भारत ने दिया ट्रैवल स्ट्राइक Image Credit: FreePik

जब देश पर हमला होता है तो उसका जवाब सिर्फ बारूद नहीं देता जवाब देते हैं आम लोग भी, अपने फैसलों से. पाकिस्तान के समर्थन में खड़े तुर्किये और अजरबैजान को अब यही महसूस हो रहा है. भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारतीय पर्यटकों ने इन दोनों देशों को अपने ट्रैवल लिस्ट से बाहर करना शुरू कर दिया है.

MakeMyTrip-EaseMyTrip पर कैंसलेशन की बाढ़

देश की प्रमुख ऑनलाइन ट्रैवल वेबसाइट MakeMyTrip ने बताया कि बीते एक हफ्ते में तुर्किये और अजरबैजान के लिए बुकिंग्स में 60 फीसदी तक की गिरावट आई है जबकि कैंसलेशन में 250 फीसदी की तेजी आई है. समाचार एजेंसी IANS के हवाले से कंपनी ने अपने बयान में साफ कहा, “हम राष्ट्र के साथ हैं. तुर्किये और अजरबैजान के लिए कोई भी गैर-आवश्यक यात्रा फिलहाल टालें.”

EaseMyTrip के सह-संस्थापक निशांत पिट्टी ने भी ऐसी ही भावना जताई. उन्होंने बताया कि तुर्किए के लिए 22 फीसदी और अजरबैजान के लिए 30 फीसदी से अधिक यात्राएं कैंसल की गईं. उनके मुताबिक, “अब वक्त आ गया है जब हर भारतीय को तय करना होगा कि सुविधा ज्यादा जरूरी है या देशहित.”

चाइनीज साइट्स और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट पर भी सवाल

निशांत पिट्टी ने चीनी कंपनियों और उन्हें प्रमोट करने वाले सितारों को लेकर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि अब वो दौर नहीं जब हम आंख मूंदकर किसी प्रोडक्ट या सर्विस का इस्तेमाल करें. जो भारत के हित के खिलाफ खड़े हैं, उन्हें आर्थिक रूप से जवाब देना ही सही तरीका है.

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2024 में तुर्किये और अजरबैजान में संयुक्त रूप से लगभग 5.7 लाख भारतीय पर्यटक गए थे. तुर्किये की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान 12 फीसदी है और भारत इसके सबसे तेजी से बढ़ते टूरिज्म मार्केट्स में शामिल है. तुर्किये को बीते साल भारतीयों से करीब 3,000 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी. अब इस आर्थिक प्रवाह पर अचानक ब्रेक लग गया है.

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