Waaree Energies के साम्राज्य को बड़ा खतरा, एंट्री कर चुके हैं अंबानी! सोलर सेक्टर में मचेगा तूफान

भारत के सोलर सेक्टर में अब वारी एनर्जीज को सीधे चुनौती देने के लिए रिलायंस पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुका है. जामनगर में गीगा फैक्ट्री से शुरुआत कर रिलायंस न सिर्फ सोलर पैनल, बल्कि ग्रीन हाइड्रोजन, बैटरी और पूरी वैल्यू चेन में उतरने वाला है. इससे वारी की बादशाहत को बड़ा झटका लग सकता है. डिटेल में जानें दोनों की स्थिति.

वारी एनर्जी और रिलायंस इंडस्ट्रीज Image Credit: @Money9live

Waaree Energies and Reliance Industries: भारत के सोलर सेक्टर में अब जबरदस्त कंपटीशन देखने को मिलेगी. अब तक इस सेक्टर में मजबूत पकड़ रखने वाली Waaree Energies को सीधे चुनौती दे दी है देश के सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप Reliance Industries ने. ब्रोकरेज फर्म Nuvama की नई रिपोर्ट और कंपनियों की ताजा जानकारी के मुताबिक, अंबानी अब सोलर एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन और बैटरी स्टोरेज जैसे भविष्य के सेक्टर में पूरी ताकत के साथ उतर चुके हैं. उनके इस कदम से ग्रीन एनर्जी के सेक्टर में पहले से बैठी कंपनियों को बड़ा झटका लग सकता है. कह सकते हैं कि उनकी जो बादशाहत बनी हुई थी उस बड़ी चोट लग सकती है. आइए विस्तार से पूरी जानकारी देते हैं.

रिलायंस इंडस्ट्रीज की एंट्री

Reliance Industries ने FY25 की अपनी इन्वेस्टर प्रेजेंटेशन में बताया कि गुजरात के जामनगर में उन्होंने 5,000 एकड़ में फैले “धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स” की पहली सोलर PV मॉड्यूल निर्माण लाइन शुरू कर दी है. यह लाइन HJT टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जिसकी शुरुआत 1 गीगावॉट (GW) क्षमता से हुई है और इसे 2026 तक 10 GW और आगे चलकर 20 GW तक बढ़ाया जाएगा. कंपनी के मुताबिक, इस पूरी सोलर चेन की इंजीनियरिंग पूरी हो चुकी है, जरूरी इक्विपमेंट की खरीद हो चुकी है और निर्माण तेजी से चल रहा है.

पूरी सोलर वैल्यू चेन में उतरने की तैयारी

रिलायंस न केवल सोलर पैनल बना रही है, बल्कि पूरी वैल्यू चेन को कवर करने की तैयारी में है. कंपनी की सोलर मॉड्यूल्स को सरकार की ALMM (Approved List of Models and Manufacturers) में शामिल कर लिया गया है, जिससे घरेलू बाजार में उन्हें बढ़त मिलेगी. ब्रोकरेज फर्म Nuvama Institutional Equities की रिपोर्ट बताती है कि HJT (Heterojunction Technology) मॉड्यूल्स की कीमत TOPCon मॉड्यूल्स की तुलना में लगभग 5 फीसदी ज्यादा हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर रिलायंस अपनी पूरी 10 GW क्षमता चालू कर लेती है, तो इससे कंपनी को 3,800 करोड़ रुपये तक का एक्स्ट्रा मुनाफा मिल सकता है.

बैटरी और ग्रीन हाइड्रोजन में भी जबरदस्त प्लान

रिलायंस का फोकस सिर्फ सोलर पर नहीं है. कंपनी 30 GWh की बैटरी निर्माण क्षमता तैयार कर रही है. 55 CBG (Compressed Biogas) प्लांट्स बना रही है, जिनमें से 10 पहले से चालू हैं. और कांडला में एक बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन से ग्रीन केमिकल कॉम्प्लेक्स बना रही है. साथ ही, Reliance को राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत SIGHT योजना से 139,000 टन/साल (tpa) की क्षमता मिली है, जो देश में सबसे ज्यादा है.

Waaree Energies का दबदबा अभी भी कायम

अब बात वारी एनर्जीज की. Waaree Energies भारत की अग्रणी सोलर कंपनियों में से है और अब तक इस बाजार की प्रमुख खिलाड़ी रही है. कंपनी के पास 15 GW सोलर मॉड्यूल और 5.4 GW सोलर सेल बनाने की क्षमता है. इक्विटीमास्टर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, FY25 में कंपनी का रेवेन्यू 148 अरब रुपये रहा और मुनाफा 19 अरब रुपये, जो सालाना 107 फीसदी की ग्रोथ है. कंपनी की ऑर्डर बुक 470 अरब रुपये की है, जिसमें 53 फीसदी ऑर्डर विदेश से हैं. Waaree को भी SIGHT योजना के तहत 90,000 tpa ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन की क्षमता मिली है. कंपनी FY27 तक:

Nuvama की रिपोर्ट के मुताबिक कौन आगे?

सोमवार, 1 जून को जारी ब्रोकरेज फर्म Nuvama ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रिलायंस का सोलर बिजनेस आने वाले सालों में वैल्यूएशन के मामले में Waaree से कहीं बड़ा हो सकता है. रिपोर्ट कहती है कि अगर रिलायंस की 20 GW क्षमता पूरी तरह से चालू हो जाती है, तो उसका वैल्यूएशन 20 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. वहीं, Waaree का मौजूदा वैल्यूएशन USD 10 बिलियन के करीब है. रिलायंस के इस एनर्जी बिजनेस से उसका कुल मुनाफा 50 फीसदी तक बढ़ सकता है और स्टॉक वैल्यू में भी भारी उछाल संभव है.

कौन बनेगा किंग?

अब तक सोलर बाजार में वारी का दबदबा रहा है. उसकी क्षमता, ऑर्डर बुक और अनुभव उसे मजबूती देते हैं. लेकिन अब रिलायंस ने इस सेक्टर में पूरी तैयारी और बड़े विजन के साथ एंट्री कर ली है. रिलायंस की एंट्री से बाजार में हलचल बढ़ गई है. अब लड़ाई सिर्फ प्रोडक्ट की नहीं, तकनीक, निवेश, नीति और वैल्यू चेन की भी होगी. Waaree अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए नए प्लांट्स और तकनीक ला रही है, जबकि रिलायंस एक ही बार में पूरी वैल्यू चेन पर कब्जा जमाने की रणनीति पर काम कर रहा है. आने वाले समय में देखना होगा कि असल में इस क्षेत्र का बादशाह कौन बनकर उभरता है.

क्या है शेयरों का हाल?

अब बात शेयर मार्केट की कि किसका शेयर किस भाव पर ट्रेड कर रहा है और कितने समय में किस कंपनी ने कितना रिटर्न दिया है. मंगलवार, 1 जुलाई को रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर 1.84 फीसदी की बढ़त के साथ 1,528 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुए. वहीं पिछले 1 महीने में कंपनी के शेयरों का भाव 7.77 फीसदी तक बढ़ चुका है. हालांकि, 1 साल के दौरान कंपनी ने अपने निवेशकों को 2.49 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया है. RIL का मार्केट कैप 20,30,750 करोड़ रुपये दर्ज किया गया.

उसी तर्ज पर दूसरी कंपनी की बात करें तो वारी एनर्जीज के शेयर 2.44 फीसदी की गिरावट के साथ 3,062 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुए. पिछले 1 सप्ताह में कंपनी के शेयर का भाव 3.40 फीसदी चढ़ चुका है. वहीं 1 महीने के दौरान शेयर में 2.24 फीसदी की ही तेजी आई है. कंपनी के लिस्टिंग के बाद से अब तक, इसका भाव 20.24 फीसदी ही चढ़ा है. वारी एनर्जीज का मार्केट कैप 90,170 करोड़ रुपये दर्ज किया गया. इसका 52 वीक हाई और लो क्रमश: 3,740.75 रुपये और 1,808.65 रुपये है. 

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