बिड़ला ओपस और एशियन पेंट्स का मामला गरमाया, आरोपों पर बैठ गई जांच; जानें- क्या है पूरा माजरा
Asian Paints vs Birla Opus Paints: यह कदम बिड़ला ओपस पेंट्स को ऑपरेट करने वाली ग्रासिम इंडस्ट्रीज द्वारा लगाए गए आरोप के बाद उठाया गया है. वित्त वर्ष 23 में एशियन पेंट्स ने 39.05% के साथ देश में सबसे बड़ी बाजार हिस्सेदारी हासिल की थी.
Asian Paints vs Birla Opus Paints: कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने डेकोरेटेड पेंट्स मार्केट में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने के आरोपों के संबंध में एशियन पेंट्स लिमिटेड के खिलाफ जांच शुरू की है. यह कदम बिड़ला ओपस पेंट्स को ऑपरेट करने वाली ग्रासिम इंडस्ट्रीज द्वारा लगाए गए आरोप के बाद उठाया गया है. ग्रासिम इंडस्ट्रीज ने आरोप लगाया है कि एशियन पेंट्स अपने बाजार प्रभुत्व को बनाए रखने के लिए अनुचित व्यवहार अपना रही है. CCI द्वारा जांच करने का निर्णय इस दावे पर आधारित है कि एशियन पेंट्स ने बिक्री में विशिष्टता हासिल करने के लिए डीलरों को विशेष प्रोत्साहन की पेशकश की, जिससे प्रतिस्पर्धा कम हुई.
आदित्य बिड़ला समूह के स्वामित्व वाली फर्म बिड़ला ओपस के प्रवेश के बाद से भारतीय पेंट बाजार में तेज प्रतिस्पर्धा देखी गई है. 2024 में अपना कारोबार शुरू करने वाली बिड़ला ओपस अगले तीन वर्षों के भीतर 10,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल करना चाहती है.
क्या है पूरा मामला?
पेंट बाजार के मार्केट में नई-नई उतरी ग्रासिम इंडस्ट्रीज का कहना है कि एशियन पेंट्स की प्रैक्टिस में विशेष बिक्री समझौतों पर सहमत होने वाले डीलरों को अतिरिक्त छूट और प्रोत्साहन, जैसे कि विदेश यात्रा, की पेशकश करना शामिल है. कथित तौर पर यह स्थिति प्रतिस्पर्धी उत्पाद बेचने वाले डीलरों को नुकसान में डालती है, क्योंकि उन्हें कम क्रेडिट लिमिट और हाई सेल्स टारगेट का सामना करना पड़ता है.
CCI की प्रारंभिक समीक्षा से पता चलता है कि ये प्रैक्टिस अनुचित रूप से प्रतिस्पर्धा में बाधा डाल सकती हैं और बि़ड़ला ओपस पेंट्स जैसे नए बाजार में प्रवेश करने वालों के लिए बाधाएं खड़ी कर सकती हैं.
कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया, महानिदेशक (डीजी) को मामले की जांच करने और वर्तमान आदेश की प्राप्ति के 90 दिनों की अवधि के भीतर एक जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देता है. सीसीआई ने अपने आदेश में कहा, ‘इस प्रथम दृष्टया चरण में, उपलब्ध सामग्री के आधार पर आयोग को वर्तमान आदेश पारित करने से पहले ओपी को सुनने का कोई कारण नहीं दिखता है’.
90 दिनों में आएगी जांच रिपोर्ट
शुरुआती वैल्यूएशन के बाद, CCI ने आरोपों की व्यापक जांच करने के लिए महानिदेशक (DG) की नियुक्ति की है. महानिदेशक के पास अंतिम रिपोर्ट पेश करने के लिए 90 दिन की समय-सीमा है. चल रही जांच की निष्पक्षता पर जोर देते हुए एंटीट्रस्ट नियामक ने कहा, ‘वर्तमान आदेश में कही गई कोई भी बात मामले के गुण-दोष पर अंतिम राय की अभिव्यक्ति के बराबर नहीं होगी और महानिदेशक को किसी भी तरह से यहां की गई टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना जांच करनी चाहिए. जांच प्रक्रिया दावों की गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन की गई है, जिससे CCI आरोपों की वैधता निर्धारित कर सके.
बाजार की सबसे बड़ी कंपनी
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 23 में एशियन पेंट्स ने 39.05% के साथ देश में सबसे बड़ी बाजार हिस्सेदारी हासिल की. बर्जर पेंट्स 12.13% की बाजार हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर रही, जबकि कंसाई नेरोलैक पेंट्स और अक्जो नोबेल इंडिया 10% से कम बाजार हिस्सेदारी के साथ तीसरे और चौथे स्थान पर है. बिड़ला पेंट्स द्वारा आरोप लगाया गया है कि एशियन पेंट्स सप्लायर पर बिड़ला पेंट्स के कच्चा माल रोकने का दबाव बना रही है.
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