RIL पर Nuvama का बढ़ा भरोसा, दिया ये टारगेट प्राइस; कहा- Waaree और Premier एनर्जी से भी आगे

Reliance Industries ने अपने न्यू एनर्जी प्लान के तहत HJT सोलर मॉड्यूल निर्माण की शुरुआत की है. ब्रोकरेज फर्म Nuvama Institutional Equities ने इस ग्रोथ को देखते हुए कंपनी के शेयर पर ‘Buy’ रेटिंग दी है और 12 महीने के लिए टारगेट प्राइस भी तय किया है. जानें डिटेल में.

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का टारगेट प्राइस Image Credit: @Money9live

Nuvama Institutional On RIL Share: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अपने न्यू एनर्जी प्लान के तहत सोलर मॉड्यूल निर्माण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. हाल ही में हुई एनालिस्ट मीट में कंपनी ने घोषणा की कि उसने 1 गीगावॉट (GW) क्षमता वाले HJT (Heterojunction Technology) मॉड्यूल बनाने की पहली लाइन शुरू कर दी है. कंपनी का टारगेट इसे 2026 की शुरुआत तक 10 GW की पूरी तरह इंटीग्रेटेड कैपेसिटी तक बढ़ाना है.

इन तमाम अपडेट्स के आधार पर ब्रोकरेज फर्म Nuvama Institutional Equities ने एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में ब्रोकरेज ने रिलायंस के शेयरों को लेकर Buy रेटिंग दी है साथ ही टारगेट प्राइस भी जारी किया है. आइए डिटेल में जानते हैं.

क्या है टारगेट प्राइस?

कंपनी ने सोमवार, 30 जून को रिपोर्ट जारी की है. उसके मुताबिक, शेयर का करेंट मार्केट प्राइस 1,501 रुपये है. इसके आधार पर ब्रोकरेज का अनुमान है कि 12 महीने में कंपनी के शेयर का भाव चढ़ कर 1,801 रुपये तक पहुंच सकता है. इस टारगेट के साथ कंपनी ने इस तेजी के पीछे की वजह भी बताई है.

क्या होगा तेजी का कारण?

ब्रोकरेजी फर्म Nuvama Institutional Equities की रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस ने भारत के सोलर मार्केट में अपने HJT मॉड्यूल को बेचने की पेशकश शुरू कर दी है. चूंकि पावर जनरेशन का बिजनेस शुरू होने में अभी वक्त है, इसलिए कंपनी इस बीच मॉड्यूल बेचकर रेवेन्यू अर्जित करना चाहती है. अच्छी बात ये है कि RIL के सोलर मॉड्यूल अब MNRE की ALMM (Approved List of Models and Manufacturers) में शामिल हो गए हैं.

इससे इतर, बाजार से मिली जानकारी के अनुसार, रिलायंस के HJT मॉड्यूल की कीमतें मौजूदा TOPCon तकनीक से 5 फीसदी ज्यादा हैं, जो इसके प्रीमियम क्वालिटी और ब्रांड वैल्यू को दर्शाता है. अगर कंपनी अपनी 10GW की पूरी कैपेसिटी पर काम करती है, तो उसे सालाना 3,800 करोड़ रुपये तक का फायदा हो सकता है, जो FY25 के अनुमानित नेट प्रॉफिट का करीब 6 फीसदी होगा.

Waaree और  Premier Energies की तुलना में RIL आगे

रिपोर्ट में बताया गया है कि Waaree Energies और Premier Energies जैसी कंपनियों की तुलना में RIL के पास कहीं बड़ी कैपेसिटी है. उदाहरण के लिए, वारी की कुल मॉड्यूल/सेल क्षमता 13.3/5.4GW है और उसका वैल्यूएशन लगभग USD 10 अरब है. वहीं प्रीमियर का वैल्यूएशन USD 6 अरब है. रिलायंस की अगर 20GW की सोलर प्रोडक्शन कैपेसिटी पर 15x EV/EBITDA मल्टीपल लगाया जाए, तो इसका वैल्यूएशन USD 20 अरब तक हो सकता है. यह ठीक वैसा ही वैल्यूएशन बूस्ट ला सकता है जैसा Jio के लॉन्च के बाद 2017 में देखा गया था.

न्यू एनर्जी प्लान और आगामी AGM

रिलायंस अगस्त/सितंबर 2024 में अपनी Annual General Meeting में और बड़ी घोषणाएं कर सकता है. कंपनी ने पहले ही संकेत दिया है कि आने वाले 5–7 सालों में न्यू एनर्जी बिजनेस, उसके मौजूदा O2C (Oil to Chemicals) बिजनेस जितना मुनाफा कमा सकता है. इससे इतर, RIL की दूसरी योजना में- 30 GWh बैटरी फैक्ट्री,  ग्रीन हाइड्रोजन व इलेक्ट्रोलाइजर प्रोडक्शन (Nel ASA के साथ साझेदारी), 55 CBG (Compressed Bio-Gas) प्लांट्स शामिल हैं.

क्या है शेयर का हाल?

मंगलवार, 1 जुलाई को रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर 1.84 फीसदी की बढ़त के साथ 1,528 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुए. वहीं पिछले 1 महीने में कंपनी के शेयरों का भाव 7.77 फीसदी तक बढ़ चुका है. हालांकि, 1 साल के दौरान कंपनी ने अपने निवेशकों को 2.49 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया है. RIL का मार्केट कैप 20,30,750 करोड़ रुपये दर्ज किया गया. 

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