पांच साल में 11 से बढ़कर 22 लाख करोड़ पहुंचा GST कलेक्शन, डबल हुई टैक्स से सरकार की इनकम
इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन को सरल बनाने के लिए लाए गए GST यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स को लागू हुए आठ वर्ष पूरे हो चुके हैं. पिछले पांच वर्ष में देश में जीएसटी कलेक्शन डबल हो गया है. इसके अलावा वित्त वर्ष 2025 में औसत कलेक्शन 1.84 लाख रुपये प्रति महीने रहा है.
GST को लागू किए जाने के बाद से सरकार के इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में लगातार इजाफा हो रहा है. पांच साल पहले वित्त वर्ष 2021 में कुल GST कलेक्शन 11.37 लाख करोड़ रुपये रहा था. वहीं, वित्त वर्ष 2025 में यह बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इस तरह पांच साल के भीतर जीएसटी से होने वाली सरकार की आय डबल हो गई है.
मासिक औसत कितना बढ़ा?
पांच साल में जहां कुल कलेक्शन डबल हो गया है. वहीं, औसत मासिक कलेक्शन भी तेजी से बढ़ा है. वित्त वर्ष 2024 में जहां औसत मासिक कलेक्शन 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा था, वहीं वित्त वर्ष 2025 में यह बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि वित्त वर्ष 2022 में यह करीब 1.51 लाख करोड़ रुपये प्रति माह रहा.
रजिस्टर्ड टैक्सपेयर कितने हुए?
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार 30 जून को इस संबंध में डाटा जारी कर बताया कि सालाना आधार पर GST कलेक्शन में 9.4 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है. इसके अलावा रजिस्टर्ड GST टैक्सपेयर्स की तादाद में भी बढ़ोतरी हो रही है. पिछले 8 वर्ष में रजिस्टर्ड GST टैक्सपेयर्स की तुलना करें, तो 2017 में यह संख्या 65 लाख रही, जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 1.51 करोड़ हो गई है.
सरकार ने क्या कहा?
जीएसटी के 8 वर्ष पूरे होने पर जारी एक सरकारी बयान में कहा गया है, जीएसटी के लागू होने के बाद से सरकारी रेवेन्यू और कर आधार में मजबूत वृद्धि हुई है. इसके अलावा भारत की राजकोषीय स्थिति को लगातार सुधरी है और इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन कुशल और पारदर्शी बना है.
क्या हुआ GST का असर?
इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के लिहाज से देखा जाए, तो जीएसटी ने करीब 17 स्थानीय करों और 13 उपकरों को पांच स्तरीय ढांचे में समाहित कर दिया, जिससे यह कर व्यवस्था सरल हो गई. अप्रैल 2025 में मासिक जीएसटी संग्रह 2.37 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया था. वहीं, मई 2025 में यह 2.01 लाख करोड़ रुपये रहा. जून के आंकड़े मंगलवार को जारी किए जाएंगे.