सोशल मीडिया पर बंद होगी फेक मार्केट एक्सपर्ट्स की दुकान, विज्ञापन के लिए सेबी रजिस्ट्रेशन जरूरी

सोशल मीडिया दिग्गज Meta ने अपने सभी प्लेटफॉर्म पर भारतीय शेयर बाजार में निवेश की सलाह से जुड़े विज्ञापनों के लिए नियमों को सख्त कर दिया है. अब केवल सेबी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड एक्सपर्ट और फर्म ही मेटा के तमाम प्लेटफॉर्म पर ऐसे विज्ञापन चला पाएंगी.

निवेशकों की सुरक्षा के लिए साथ आए मेटा और सेबी Image Credit: money9live

META Mandates SEBI Registration for Investment Ads: भारत में फेसबुक, इंस्टाग्राम, थ्रेड्स और वॉट्सएप पर अब फेक मार्केट एक्सपर्ट्स की दुकान बंद होने वाली है. क्योंकि, इन सभी प्लेटफॉर्म की पेरेंट कंपनी मेटा ने भारतीय शेयर बाजार में निवेश की टिप्स से जुड़े विज्ञापन को लेकर नियम बदलने का फैसला किया है. अब इन प्लेटफॉर्म पर निवेश सलाह से जुड़े विज्ञापन सिर्फ सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार या फर्म ही दे पाएंगी.

Meta ने अपने ब्लॉग में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी ने भारत में निवेश विज्ञापन चलाने वाले विज्ञापनदाताओं के लिए SEBI पंजीकरण की जानकारी सार्वनजिक करना और उसका वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है. मेटा के यह नियम भारत में दिखाए जाने वाले ग्लोबल एड्स पर भी लागू होंगे, जो भारतीय यूजर्स को टारगेट कर चलाए जा रहे हैं. मेटा ने अपने ब्लॉग में बताया कि सेबी रजिस्ट्रेशन वेरिफिकेशन की प्रक्रिया 26 जून से शुरू कर दी गई है. इसके लिए 31 जुलाई, 2025 आखिरी दिन होगा.

Meta ने अपने ब्लाॅग में बताया कि उसके सभी प्लेटफॉर्म पर 31 जुलाई के बाद कोई भी निवेश से जुड़ा विज्ञापन, सेबी रजिस्ट्रेशन के वेरिफिकेशन के बिना नहीं चलाया जाएगा. हालांकि, यह नियम उन निवेश साधनों के विज्ञापन पर लागू नहीं होगा, जो सेबी के दायरे में नहीं आते हैं. मोटे तौर पर यह नियम शेयर बाजार से जुड़ी निवेश सलाह वाले विज्ञापनों पर लागू होगा.

क्यों किया गया यह बदलाव?

Meta का कहना है कि बदलाव सोशल मीडिया पर निवेश धोखाधड़ी को रोकने के मकसद से किया गया है. मेटा का कहना है कि 31 जुलाई के बाद भारत में उसके सभी प्लटेफॉर्म पर शेयर बाजार में निवेश से जुड़ी सलाह के उन्हीं विज्ञापनों को दिखाया जाएगा, जो सेबी रजिस्टर्ड सलाहकार और फर्मों से जुड़े होंगे और जिन्हें वेरिफाई किया जा चुका है. इसके साथ ही मेटा ने बताया कि सेबी रजिस्ट्रेशन नंबर और सलाहकार का रजिस्टर्ड पता विज्ञापन में सार्वजनिक रूप से दिखाया जाएगा.

सेबी ने क्या निर्देश दिया?

इस साल मार्च में ही बाजार नियामक सेबी ने सभी इंटरमीडियरीज को गूगल और मेटा जैसे प्लेटफॉर्म पर अपने रजिस्टर्ड नाम और एड्रेस के साथ लिस्टिंग करने का निर्देश दिया था, ताकि निवेशकों के साथ सोशल मीडिया पर होने वाली धोखाधड़ी को रोका जा सके. सेबी का यह निर्देश म्यूचुअल फंड, निवेश सलाहकार, स्टॉक ब्रोकर और रिसर्च एनालिस्ट जैसे इंटरमीडियरीज के लिए था. वहीं, सोशल मीडिया प्लेटफॉम्स को भी इस संबंध में निर्देश दिए गए थे के वे सिर्फ वेरिफाइड इंटरमीडियरीज के ही विज्ञापन चलाएं.