IETO बड़ा ऐलान, कर्नाटक में बनेगा म्यांमार ट्रेड काउंसिल; 1.8 अरब डॉलर के व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
इंडियन इकॉनोमिक ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (IETO) ने कर्नाटक में म्यांमार ट्रेड काउंसिल स्थापित करने का ऐलान किया है. इस कदम का उद्देश्य भारत और म्यांमार के बीच व्यापार, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और निवेश सहयोग को बढ़ावा देना है. SCO में म्यांमार की एंट्री ने द्विपक्षीय साझेदारी की संभावनाओं को और मजबूत किया है. IETO के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच व्यापार 1.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.
Myanmar Trade Council: इंडियन इकॉनोमिक ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (IETO) ने शनिवार को घोषणा की कि वह जल्द ही कर्नाटक में एक म्यांमार ट्रेड काउंसिल लॉन्च करेगा. इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा और टेक्नोलॉजी सहयोग को गहरा करना है, जिससे कर्नाटक राज्य और विशेष रूप से बेंगलुरु को भारी फायदा होने की उम्मीद है. यह घोषणा IETO द्वारा आयोजित ‘International Resilience Summit 2025’ के दौरान की गई.
SCO में एंट्री ने बढ़ाई संभावनाएं
हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में शामिल होने वाले म्यांमार की क्षेत्र में बढ़ती भूमिका को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है. SCO में सदस्यता म्यांमार के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह भारत के साथ उसके लॉन्ग टर्म संबंधों को और मजबूत करने के इरादे को दिखा रहा है. इस संदर्भ में, यह ट्रेड काउंसिल द्विपक्षीय आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को एक नई दिशा प्रदान करेगी.
राजदूत ने भारतीय निवेश का आह्वान किया
शिखर सम्मेलन में म्यांमार के भारत में राजदूत, जाव ऊ ने म्यांमार में भारतीय निवेश बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “म्यांमार भारतीय निवेश और विशेषज्ञता का स्वागत करता है. हमारे देश न केवल सीमाओं से जुड़े हैं, बल्कि सदियों पुराने सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों से भी जुड़े हैं. जैसे-जैसे म्यांमार क्षेत्रीय ढांचे में और इंटीग्रेट हो रहा है, भारत एक स्वाभाविक और महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में उभर रहा है, खासकर कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में.”
1.8 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार
IETO के आंकड़ों के अनुसार, भारत और म्यांमार के बीच वित्त वर्ष 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार 1.8 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है. भारत म्यांमार को मुख्य रूप से फार्मास्यूटिकल्स, रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट, स्टील, इलेक्ट्रिकल मशीनरी और वाहन निर्यात करता है. वहीं, म्यांमार से भारत को दालें, लकड़ी, प्राकृतिक गैस और अन्य कृषि वस्तुएं आयात होती हैं.
बुनियादी ढांचा, शिक्षा पर जोर
शिखर सम्मेलन में इस बात पर सहमति बनी कि म्यांमार के SCO में प्रवेश ने बुनियादी ढांचा विकास, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि-व्यवसाय, रिन्यूएबल एनर्जी और डिजिटल इनोवेशन जैसे क्षेत्रों में सहयोग के लिए नई संभावनाएं पैदा की हैं. नई ट्रेड काउंसिल इन क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने और उद्योग जगत तथा निवेशकों के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करने पर केंद्रित होगी.
कर्नाटक और बेंगलुरु को होगा लाभ
IETO के अध्यक्ष आसिफ इकबाल ने इस पहल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि म्यांमार का SCO में प्रवेश अधिक क्षेत्रीय सहयोग और स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है. IETO जल्द ही एक डेडिकेटेड म्यांमार ट्रेड काउंसिल लॉन्च करेगा, जिससे कर्नाटक और विशेष रूप से बेंगलुरु व्यापार, शिक्षा और प्रौद्योगिकी सहयोग को गहरा करने के मामले में लाभान्वित होगा.
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