Infosys ने शुरू की रिवॉर्ड पॉलिसी, हर इंटरव्यू पर मिल रहा 700 का इनाम; कर्मचारियों की हो गई मौज

इन्फोसिस ने अपने कर्मचारियों को लेटरल रिक्रूटमेंट में इंटरव्यू लेने पर 700 रुपये प्रति इंटरव्यू का इनाम देने की नई योजना शुरू की है. यह योजना 1 जनवरी से लागू है और इसका उद्देश्य कर्मचारियों की भागीदारी बढ़ाना और उन्हें वीकेंड रिक्रूटमेंट ड्राइव में अधिक सक्रिय बनाना है. इससे कर्मचारियों को अतिरिक्त आय होगी, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जिनके वेतन में बढ़ोतरी कम रही है. हालांकि, कुछ पदों पर कार्यरत कर्मचारी इस योजना से लाभ नहीं उठा सकते.

इंफोसिस Image Credit: Getty image

Infosys: भारत की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस ने एक नई पहल की शुरुआत की है. इस पहल के तहत वरिष्ठ कर्मचारियों को लेटरल रिक्रूटमेंट के इंटरव्यू में भाग लेने पर नकद पुरस्कार दिए जाएंगे. इसका उद्देश्य कर्मचारियों की भागीदारी बढ़ाना और उन्हें प्रोत्साहित करना है. बेंगलुरु स्थित इस आईटी कंपनी ने पहली बार इस तरह की योजना लागू की है, जिसके अंतर्गत भारत में होने वाली भर्तियों के लिए कैश बेनिफिट दिए जाएंगे.

क्या है नई योजना

इस योजना के अंतर्गत, प्रत्येक इंटरव्यू लेने वाले कर्मचारी को 700 पॉइंट्स (700 रुपये) दिए जाएंगे. ET की रिपोर्ट के अनुसार, यह योजना 1 जनवरी से लागू की गई है, जिसका मतलब है कि कर्मचारी पहले इंटरव्यू के लिए भी पुरस्कार का दावा कर सकते हैं. इन्फोसिस में ट्रैक लीड्स, आर्किटेक्ट्स और प्रोजेक्ट मैनेजर्स (JL5 और JL6 स्तर के कर्मचारी) लेटरल रिक्रूटमेंट के तहत उम्मीदवारों के 2-3 राउंड इंटरव्यू लेते हैं, जिसके बाद HR प्रक्रिया शुरू होती है. इस पहल का उद्देश्य टीम मैनेजर्स और मिड-लेवल लीडरशिप को बाहरी प्रतिभा की भर्ती में भागीदारी के लिए प्रेरित करना है.

वीकेंड रिक्रूटमेंट ड्राइव में भागीदारी बढ़ी

CEO सलिल पारेख के नेतृत्व में, इन्फोसिस अकसर वीकेंड्स पर रिक्रूटमेंट ड्राइव्स आयोजित करता है, जिनमें बड़ी संख्या में उम्मीदवार शामिल होते हैं. इन इवेंट्स के दौरान, कर्मचारी एक दिन में 10-15 इंटरव्यू तक लेते हैं, जिनमें वे उम्मीदवारों की Python, Java, Machine Learning, DevOps जैसी टेक्नोलॉजी स्किल्स का मूल्यांकन करते हैं. नकद प्रोत्साहन का उद्देश्य इन प्रक्रियाओं में कर्मचारियों की भागीदारी और उत्साह बढ़ाना है.

हालांकि, HR टीम, टैलेंट एक्विजिशन स्टाफ, कॉन्ट्रैक्टर्स और वरिष्ठ नेतृत्व पदों पर कार्यरत कर्मचारी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते. साथ ही, यदि कोई इंटरव्यू रद्द हो जाता है या उम्मीदवार अनुपस्थित रहता है, तो रिवॉर्ड का दावा नहीं किया जा सकता.

IT सेक्टर में स्किल्ड प्रोफेशनल्स की कमी

280 बिलियन डॉलर की सॉफ्टवेयर सर्विस इंडस्ट्री AI और एडवांस टेक्नोलॉजी में स्किल्ड प्रोफेशनल्स की कमी का सामना कर रही है. इसके अलावा, वैश्विक मांग में कमी और व्यापारिक तनाव जैसी चुनौतियां भी मौजूद हैं. इन हालात में कंपनियां लेटरल हायरिंग पर जोर दे रही हैं क्योंकि कैंपस प्लेसमेंट की तुलना में अनुभवी पेशेवर जल्दी प्रोजेक्ट्स संभाल सकते हैं.

कर्मचारियों को मिलेगा सीधा लाभ

इस योजना की शुरुआत ऐसे समय में हुई है जब इन्फोसिस के कर्मचारियों को FY24 में केवल 5-8 प्रतिशत की सैलरी हाइक मिली है और मार्च तिमाही के परफॉर्मेंस बोनस में भी कटौती की गई है. एक कर्मचारी ने ET को बताया, “पहले हमें इंटरव्यू के लिए कोई नकद प्रोत्साहन नहीं मिलता था. वीकेंड कैंपस इंटरव्यू के बदले कंपनी केवल कॉम्पेंसेटरी लीव देती थी.”

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अन्य कंपनियों में भी है ऐसी चलन

हालांकि यह चलन अभी व्यापक नहीं है, लेकिन कुछ बड़ी और मझोली टेक कंपनियां जैसे Honeywell, Accenture और Sonata Software अपने इंटरव्यू पैनल में कर्मचारियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए नकद और गैर-नकद लाभ देती हैं, ताकि इंडस्ट्री के सर्वश्रेष्ठ टैलेंट को आकर्षित किया जा सके. इन्फोसिस की यह नई पहल न केवल कर्मचारियों को प्रोत्साहित करेगी बल्कि कंपनी को भी सही प्रतिभा को तेजीफ से जोड़ने में मदद करेगी.